ग्वालियर:जिस ग्वालियर चंबल में बंदूक सबसे ज्यादा मौत की वजह बनती है उसी ग्वालियर में अब मच्छर मौत की वजह बन रहा है. जी हां मध्यप्रदेश के ग्वालियर में डेंगू का आतंक मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बारिश के बाद हुए जल भराव की वजह से डेंगू बेकाबू हो रहा है. लगातार इसकी रोकथाम के लिए कदम तो उठाए जा रहे हैं फिर भी है मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है.
हर दिन 400 तक सैंपल, अब 700 मरीज मिले
ग्वालियर CMHO डॉक्टर सचिन श्रीवास्तव के मुताबिक हर दिन लगभग दो 300-400 सैंपल डेंगू के लिए कराए जा रहे हैं. गुरुवार को मिले 47 नए पॉजिटिव मरीजों के साथ ही सितंबर के 26 दिनों में 460 मरीज डेंगू पॉजिटिव मिले है. जिनके साथ ही एक जनवरी से अब तक का कुल आंकड़ा गुरुवार तक 682 मरीज था. ये आंकड़ा पिछले साल से अधिक है क्योंकि पिछले वर्ष अक्टूबर तक 456 मरीज डेंगू के मिले थे, जबकि शुक्रवार की रिपोर्ट अभी आना बाकी है.
मरीजों में 64 प्रतिशत बच्चे पॉजिटिव
इन आंकड़ों में सबसे चौंकाने वाली बात जो सामने आयी है वह यह है कि सितंबर महीने में डेंगू का शिकार होने वाले 460 मरीजों में चौसठ प्रतिशत बच्चे हैं जिनकी उम्र 17 वर्ष या उससे कम है. 1 सितंबर से लेकर 26 सितंबर के बीच कुल 292 डेंगू पॉजिटिव रिपोर्ट बच्चों की आई है. इन स्थितियों को देखकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्कूल शिक्षा विभाग को भी एक लैटर जारी कर बच्चों के लिए डेंगू से सावधानी की बात रखी गई है.
क्या है स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था
जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर सचिन श्रीवास्तव का कहना है कि, ''डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की सभी गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है. ग्वालियर नगरीय क्षेत्र के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में डेंगू के लिए अलग से वार्ड भी बनाया गया है. जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से 22 टीमों का गठन किया गया है जो लगातार काम कर रही हैं. इनके साथ साथ आशा ANM कार्यकर्ता भी लगातार मलेरिया टीम के साथ लार्वा सर्वे कर रही है. साथ ही साथ ये सर्वे का काम सभी शासकीय परिसरों में निजी और सरकारी विद्यालयों, कोचिंग सेंटर कॉलेजेस का सर्वे करने के साथ ही जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. क्योंकि जनता को जागरुक करना बहुत ही जरूरी है.''
लोगों को होना होगा जागरूक
सीएमएचओ श्रीवास्तव से जब लगातार बढ़ रहे डेंगू के पॉजिटिव मामलों को लेकर सवाल किया गया तो CMHO का कहना था कि, ''जागरुकता बहुत जरूरी है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम हैं तो लगातार काम कर रही है. लेकिन जब तक लोग अपने घर में पनप रहे लार्वा को नहीं हटाएंगे तो कोई क्या करेगा. क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की टीम यदि लोगों के घर जाकर सर्वे करने के समय एक बार लार्वा हटा भी देगी और अगर लोग उसका ध्यान नहीं देंगे और दोबारा लार्वा पनपा तो दोबारा डेंगू का खतरा मंडराने लगेगा.''
डेंगू से तीन मौत, सरकारी आंकड़ों में एक मरा
डेंगू से अब तक ग्वालियर अंचल में तीन मौतें बतायी जा रही है, जिनमें एक बुज़ुर्ग और एक छात्र भी शामिल हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग इन आंकड़ों को नहीं मान रहा है. जिसकी बड़ी वजह है कि गुरुवार को जिस बुजुर्ग की मौत हुई, और पहले जिस निजी यूनिवर्सिटी के छात्र की मौत हुई थी उनके डेंगू पॉजटिव रिपोर्ट निजी अस्पतालों से आयी थी, जहां उनका इलाज किया गया लेकिन निजी लैब के द्वारा डेंगू पॉज़िटिव बताए जाने की वजह से स्वास्थ्य विभाग इन रिपोर्ट्स को मान्य नहीं कर रहा. सीएमएचओ सचिन श्रीवास्तव का कहना है कि, ''छात्र की डेंगू की रिपोर्ट हुई ही नहीं. वहीं तीन में से दो रिपोर्ट निगेटिव थी ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े के मुताबिक सिर्फ एक मौत को डेंगू की वजह से होना स्वीकार कर रहा है.