श्रीनगर: गुलाबगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के भीतर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षेत्र है. 1962 में स्थापित, इसका चुनावी मुकाबलों का एक समृद्ध इतिहास है, जो अक्सर क्षेत्र की व्यापक राजनीतिक गतिशीलता को दर्शाता है. यह निर्वाचन क्षेत्र अपने सुदूर और पहाड़ी इलाकों के लिए जाना जाता है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों आबादी वाली विविध जनसांख्यिकी है. कृषि और सरकारी रोजगार इसके निवासियों के लिए आजीविका के प्राथमिक स्रोत हैं.
- निर्वाचन क्षेत्र का विवरण: गुलाबगढ़ (एसटी)
- स्थापना: 1962
- राज्य: जम्मू और कश्मीर
- जिला: रियासी
- संसदीय क्षेत्र: उधमपुर
चुनावी इतिहास:गुलाबगढ़ प्रमुख राजनीतिक दलों, मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के लिए एक युद्ध का मैदान रहा है, साथ ही कभी-कभी जनता दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसी अन्य पार्टियों का भी प्रभाव रहा है.
- 1967 और 1972: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मोहम्मद अयूब खान ने यह सीट जीती, जिससे कांग्रेस का प्रारंभिक प्रभुत्व स्थापित हुआ.
- 1977, 1983 और 1987: जेकेएनसी के हाजी बुलंद खान ने इस सीट पर कब्ज़ा किया, जिससे इस क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस का उदय हुआ.
- 1996: जनता दल का प्रतिनिधित्व करने वाले अब्दुल गनी मलिक ने सीट जीतकर एनसी का सिलसिला तोड़ दिया.
- 2002 और 2008:अब्दुल गनी मलिक जेकेएनसी में चले गए और दोनों चुनावों में सीट जीतकर अपने गढ़ को मजबूत किया.
- 2014: कांग्रेस के मुमताज अहमद खान ने अब्दुल गनी मलिक को हराकर सीट जीती, जो एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव था.
उल्लेखनीय है कि अब्दुल गनी मलिक एकमात्र ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने दो अलग-अलग पार्टियों (1996 में जनता दल और 2002 और 2008 में जेकेएनसी) के बैनर तले इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.
साल 2014 के चुनावों में इस निर्वाचन क्षेत्र में काफ़ी कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. कांग्रेस के मुमताज अहमद खान 32 प्रतिशत वोट हासिल करके विजयी हुए, जबकि जेकेएनसी के अब्दुल गनी मलिक 28.8 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे. इस निर्वाचन क्षेत्र में 82.2 प्रतिशत मतदान हुआ, जो इसके मतदाताओं के बीच मज़बूत राजनीतिक जुड़ाव को दर्शाता है.