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जम्मू-कश्मीर की गुलाबगढ़ सीट कड़े मुकाबले का मैदान, जानिए इस सीट का इतिहास - Jammu Kashmir Assembly Elections - JAMMU KASHMIR ASSEMBLY ELECTIONS

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होने वाले हैं और इस पहले चरण में यहां की 24 सीटों पर मतदान डाले जाएंगे. यहां का एक निर्वाचन क्षेत्र हमेशा से ही राजनीति का केंद्र रहा है और इस पर होने वाले चुनाव काफी रोमांचक भी रहते हैं. इस सीट का नाम है गुलाबगढ़ (एसटी). तो चलिए जानते हैं इस सीट का इतिहास...

GULABGARH ST SEAT IN JAMMU
जम्मू-कश्मीर की गुलाबगढ़ (एसटी) सीट (फोटो - ETV Bharat Jammu/Urdu)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 20, 2024, 7:47 PM IST

श्रीनगर: गुलाबगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले के भीतर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षेत्र है. 1962 में स्थापित, इसका चुनावी मुकाबलों का एक समृद्ध इतिहास है, जो अक्सर क्षेत्र की व्यापक राजनीतिक गतिशीलता को दर्शाता है. यह निर्वाचन क्षेत्र अपने सुदूर और पहाड़ी इलाकों के लिए जाना जाता है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों आबादी वाली विविध जनसांख्यिकी है. कृषि और सरकारी रोजगार इसके निवासियों के लिए आजीविका के प्राथमिक स्रोत हैं.

  • निर्वाचन क्षेत्र का विवरण: गुलाबगढ़ (एसटी)
  • स्थापना: 1962
  • राज्य: जम्मू और कश्मीर
  • जिला: रियासी
  • संसदीय क्षेत्र: उधमपुर

चुनावी इतिहास:गुलाबगढ़ प्रमुख राजनीतिक दलों, मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के लिए एक युद्ध का मैदान रहा है, साथ ही कभी-कभी जनता दल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसी अन्य पार्टियों का भी प्रभाव रहा है.

  1. 1967 और 1972: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मोहम्मद अयूब खान ने यह सीट जीती, जिससे कांग्रेस का प्रारंभिक प्रभुत्व स्थापित हुआ.
  2. 1977, 1983 और 1987: जेकेएनसी के हाजी बुलंद खान ने इस सीट पर कब्ज़ा किया, जिससे इस क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस का उदय हुआ.
  3. 1996: जनता दल का प्रतिनिधित्व करने वाले अब्दुल गनी मलिक ने सीट जीतकर एनसी का सिलसिला तोड़ दिया.
  4. 2002 और 2008:अब्दुल गनी मलिक जेकेएनसी में चले गए और दोनों चुनावों में सीट जीतकर अपने गढ़ को मजबूत किया.
  5. 2014: कांग्रेस के मुमताज अहमद खान ने अब्दुल गनी मलिक को हराकर सीट जीती, जो एक महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव था.

उल्लेखनीय है कि अब्दुल गनी मलिक एकमात्र ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने दो अलग-अलग पार्टियों (1996 में जनता दल और 2002 और 2008 में जेकेएनसी) के बैनर तले इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है.

साल 2014 के चुनावों में इस निर्वाचन क्षेत्र में काफ़ी कड़ी टक्कर देखने को मिली थी. कांग्रेस के मुमताज अहमद खान 32 प्रतिशत वोट हासिल करके विजयी हुए, जबकि जेकेएनसी के अब्दुल गनी मलिक 28.8 प्रतिशत वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे. इस निर्वाचन क्षेत्र में 82.2 प्रतिशत मतदान हुआ, जो इसके मतदाताओं के बीच मज़बूत राजनीतिक जुड़ाव को दर्शाता है.

2014 विधानसभा चुनाव परिणाम:

  • विजेता: मुमताज अहमद खान, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
  • प्राप्त वोट: 17,964 (32 प्रतिशत)
  • उपविजेता: अब्दुल गनी मलिक, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस
  • प्राप्त वोट: 16,148 (28.8 प्रतिशत)
  • अन्य उम्मीदवार: शफीक उर रहमान (पीडीपी), प्रदीप सिंह (भाजपा), शब्बीर अहमद (हिंदुस्तान जनता पार्टी), जवाहर सिंह (बसपा), बशीर उद दीन (जेकेएनपीपी)

परिसीमन का प्रभाव: 2022 की परिसीमन प्रक्रिया ने गुलाबगढ़ निर्वाचन क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाए. परिसीमन से पहले, गुलाबगढ़ में गुलाबगढ़, माहोर, अरनास और गूल के कुछ हिस्से शामिल थे. यह निर्वाचन क्षेत्र अपने चुनौतीपूर्ण इलाके और हिंदू और मुस्लिम आबादी के मिश्रण के लिए जाना जाता था, जिसके कारण अक्सर चुनावों में कड़ी टक्कर होती थी.

परिसीमन के बाद गुलाबगढ़ की सीमाओं को फिर से बनाया गया, कुछ क्षेत्रों को आस-पास के निर्वाचन क्षेत्रों में मिला दिया गया और थूरू, चस्साना, थूरू (कांथी को छोड़कर) और ऊपरी गूल-अर्नास क्षेत्र के कुछ हिस्सों जैसे नए क्षेत्रों को जोड़ा गया. यह सीट अब अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है.

मतदाताओं के मुद्दे:गुलाबगढ़ को कई विकास चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें खराब बुनियादी ढांचा, सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं और अपर्याप्त शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं. सड़क संपर्क एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है, जो आवश्यक सेवाओं तक पहुंच में बाधा डालता है.

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