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हेमंत की गिरफ्तारी में राजभवन की कोई भूमिका नहीं, राज्यपाल ने आरोपों को बताया बेबुनियाद, हर सवाल का दिया जवाब

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 8, 2024, 5:38 PM IST

Governor CP Radhakrishnan's clarification. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और इस्तीफा को लेकर राजभवन और राज्यपाल की भूमिका पर सत्ता पक्ष की ओर से सवाल किए जा रहे हैं. राज्यपाल की ओर से इसपर जवाब दिया गया है.

Governor CP Radhakrishnan clarification
Governor CP Radhakrishnan clarification

रांची: 31 जनवरी की रात पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी में राजभवन की भूमिका और साजिश से जुड़े आरोपों को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सीरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि इस पूरे प्रकरण में राजभवन की कोई भूमिका नहीं थी. राज्यपाल के मुताबिक 31 जनवरी की शाम प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने उनके प्रधान सचिव को फोन पर सूचित किया था कि हेमंत सोरेन को कस्टडी में लिया गया है. इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव एल खियांग्ते ने भी उनके प्रधान सचिव को फोन किया और कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन को कस्टडी में ले लिया है. अब वह राजभवन आकर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहते हैं. इसी दौरान मुख्य सचिव ने आग्रह किया कि हेमंत सोरेन के साथ पांच लोग राजभवन जाना चाहते हैं. इसकी स्वीकृति भी दे दी गई.

सीएम के इस्तीफा में ईडी कस्टडी का जिक्र

राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि यह सूचना सीएमओ से भी आई थी. फिर कई घंटे बाद हेमंत सोरेन राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा दिया. उन्होंने इस्तीफे में भी इस बात का जिक्र किया है कि ईडी ने उन्हें कस्टडी में ले लिया है. इसी बीच उनके साथ मौजूद लोगों ने नई सरकार बनाने के दावे से जुड़ा पत्र भी सौंप दिया. बकौल राज्यपाल, उन्हें यह भी नहीं मालूम था कि हेमंत सोरेन के साथ आए लोग विधायक हैं या ईडी के अधिकारी. फिर भी मैंने उनका पत्र ले लिया. लिहाजा, यह कहना कि हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी में राजभवन की कोई साजिश छिपी है, यह बेबुनियाद और मनगढ़ंत बात है.

देर से शपथ दिलाने पर राज्यपाल की सफाई

राज्यपाल से पूछा गया कि जब 31 जनवरी की रात को ही नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया गया था तो शपथ दिलाने में इतना विलंब क्यों हुआ. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पत्र मिलने के बाद उन्होंने बता दिया था कि लीगल टीम से राय लेने के बाद इसकी जानकारी दे देंगे. राज्यपाल ने कहा कि लीगल टीम से सुझाव मिलते ही उन्होंने 1 फरवरी की रात को ही विधायक दल के नवमनोनीत नेता को बुला लिया था. उनके सुझाव के मुताबिक 2 फरवरी को सीएम के अलावा दो मंत्रियों को शपथ दिलवाई गयी. राज्यपाल ने कहा कि अगर लेट करना होता तो 26 घंटे बीतने के बाद रात को ही क्यों कॉल करते. अगले दिन सुबह भी बुला सकते थे. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पत्रकारों से बातचीत में ये बातें कही.

राज्यपाल पर क्यों हो रहा सवाल

अब सवाल है कि राज्यपाल को सफाई देने की नौबत क्यों आई. दरअसल, सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए बुलाए गये विशेष सत्र के दौरान हेमंत सोरेन ने कहा था कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री को राजभवन में गिरफ्तार किया गया हो. इस बात को सत्ता पक्ष ने भी जोर शोर से उठाया. यह बताने की कोशिश की गई कि सीएम की गिरफ्तारी राजभवन में ही हुई है. हालांकि विशेष सत्र के अंतिम दिन निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा था कि इस मामले में राजभवन पर आरोप लगाना गलत है. उन्होंने कहा था कि हेमंत सोरेन ने ईडी को खुद लिखकर दिया था कि उन्हें शाम पांच बजे ही कस्टडी में लेने की सूचना दे दी गई थी.

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