रांची:ईडी के रांची यूनिट के द्वारा बंगाल से गिरफ्तार किए गए दो बांग्लादेशी नागरिकों सहित चार को गुरुवार को न्यायिक हिरासत में रांची के बिरसा मुंडा के केंद्रीय कारागार भेज दिया गया. ईडी ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के लिए अदालत से सात दिनों की रिमांड भी मांगी है.
ईडी के विशेष अदालत में किया गया पेश
बांग्लादेशी घुसपैठियों को बॉर्डर पार कराकर और फर्जी नागरिकता के कागजात तैयार करा कर भारत में लाने की साजिश मामले में गिरफ्तार रॉनी मंडल (बांग्लादेशी नागरिक), उम्र लगभग 47 वर्ष, संदीप चौधरी (बांग्लादेशी नागरिक), उम्र लगभग 40 वर्ष, पिंटू हल्दर, उम्र लगभग 40 वर्ष और पिंकी बसु मुखर्जी, उम्र 41 वर्ष को ईडी की विशेष अदालत में पेश करने के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया है. चारों आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद ईडी ने 7 दिनों के लिए हिरासत की मांग की. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 187 (पहले 167 क्र.प्र.सं.सी.), 2002 के तहत PMLA के धारा 65 के तहत की है. रिमांड की अवधि को लेकर फैसला शनिवार को आने की उम्मीद है.
कोर्ट को ईडी ने दी जानकारी
ईडी के द्वारा विशेष अदालत को बताया गया है की आवेदक प्रवर्तन निदेशालय, रांची क्षेत्रीय कार्यालय, रांची, झारखंड द्वारा प्रस्तुत किया गया है. एफआईआर संख्या 188/2024 दिनांक 04.06.2024 को पीएस-बरियातू, जिला-रांची, झारखंड में दर्ज किया गया था, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 471 और 34 तथा पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12 और विदेशी नागरिकता अधिनियम 1946 की धारा 14 के तहत अपराध किए गए थे. इस एफआईआर के अनुसार, एक बांग्लादेशी नागरिक, निपाह अख्तर खुशी, उम्र लगभग 21 वर्ष, बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी. उसे कोलकाता और रांची में अन्य लड़कियों के साथ रखा गया था.
इडी ने कोर्ट में बताया कि इस मामले में, पुलिस ने कई छापेमारी की और कई आपत्तिजनक सामग्री, जैसे मोबाइल फोन और फर्जी आधार कार्ड बरामद किए. मामले में कई मोबाइल नंबरों और संपर्कों की जांच की गई, जो बांग्लादेशी नागरिकों के साथ संबंधित थे, जिनका पिंकी बसु मुखर्जी के नाम पर पंजीकरण था, इससे यह साबित होता है कि पिंकी बसु मुखर्जी इस अवैध गतिविधि में शामिल हैं और बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में अवैध रूप से बसाने के लिए मदद कर रही है. जांच में इसी प्रकार के अन्य संदिग्ध बांग्लादेशी संपर्कों का भी पता चला है. आरोपियो के पास से नकली दस्तावेज और अवैध हथियारों सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई, जिससे यह सिद्ध होता है कि वे भारत में बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ में शामिल हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा
ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि इस गंभीर मामले में जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को खतरा हो सकता है, यह आशंका है कि आरोपी व्यक्ति जांच प्रक्रिया से बचने के लिए भाग सकते हैं या गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं. यही वजह है की यह आवेदन प्रस्तुत किया गया है कि इन आरोपियों को हिरासत में लिया जाए ताकि उनकी जांच की जा सके और उनसे जानकारी प्राप्त की जा सके, ताकि अवैध गतिविधियों की पूरी जानकारी मिल सके और कानून के तहत उचित कार्रवाई की जा सके.
मंगलवार को ईडी ने की थी रेड