हल्द्वानी (उत्तराखंड): जमरानी बांध जमरानी बांध परियोजना की केंद्र सरकार से स्वीकृति और बजट मिलने के बाद इस योजना का जल्द शुभारंभ होने की उम्मीद जताई जा रही है. परियोजना के अंतर्गत आने वाले टाइगर कॉरिडोर के अड़चन को भी दूर कर लिया गया है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस परियोजना का शिलान्यास हो सकता है.
लोकसभा चुनाव से पहले हो सकता है जमरानी बांध का शिलान्यास, सभी अड़चनें हुई दूर
Jamrani Dam Project जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद टाइगर कॉरिडोर ने अड़चन डाल दिया था. जिसे अब दूर कर लिया गया है. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट का जल्द शिलान्यास हो सकता है. परियोजना के बनने से लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार की ओर से योजना के लिए बजट पारित कर दिया गया है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 27, 2024, 8:57 AM IST
|Updated : Jan 27, 2024, 9:51 AM IST
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि कुमाऊं की बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना को केंद्र सरकार से स्वीकृति के साथ बजट भी मिल गया है. टाइगर कॉरिडोर में होने से नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) की तरफ से अड़चन आई हुई थी, जिसे दूर कर लिया गया है.जमरानी बांध के लिए वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. जमरानी बांध परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कार्यक्रम के तहत पूरी की जाएगी और यह उत्तराखंड के साथ में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराएगी. उन्होंने कहा कि बांध निर्माण में किसी तरह का कोई भी तकनीकी दिक्कत ना आए इसके लिए सभी तरह की कागजी कार्रवाई की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ मामले में लोग कोर्ट चले जाते हैं. जिसके बाद उस परियोजना पर रोक लग जाती है. इसको देखते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी तरह की कागजी कार्रवाई पूरी कर लें, जिससे निर्माण कार्य शुरू हो जाने पर किसी तरह का कोई बाधा उत्पन्न न हो.उम्मीद जताई जा रही है कि लोकसभा चुनाव से पहले इस परियोजना का लोकार्पण हो सकता है.गौरतलब है कि इस परियोजना से जहां कुमाऊं मंडल के नैनीताल उधम सिंह नगर के मैदानी जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के बरेली और रामपुर जिले को लोगों को सिंचाई और पेयजल उपलब्ध होगा.वहीं इस योजना के तहत रोजाना 14 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा.इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार करीब 1557 करोड़ रुपये उत्तराखंड को देगी.