चेन्नई: शंकर आईएएस अकादमी की 20वीं वर्षगांठ कल चेन्नई के अन्ना शताब्दी पुस्तकालय में आयोजित की गई. इसमें पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व राज्यपाल सदाशिवम, तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और अन्य गणमान्य शामिल हुए.
इस कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में पढ़ाई को महत्व दिया गया है. हमें सबसे पहले मदर टंग, फिर ब्रदर टंग की भाषा और अंत में दूसरी भाषा सीखनी चाहिए. मैं हिंदी थोपने के खिलाफ हूं. तमिल लोग मेहनती होते हैं और उनमें कर्तव्य की भावना होती है.'
वेंकैया नायडू ने कहा,'सबसे अच्छे सिविल सेवक तमिलनाडु से पैदा होते हैं. मैं तमिलनाडु में खड़ा हूं और कह रहा हूं, हिंदी पढ़ो. बच्चों को हिंदी सीखने में मदद करें, तभी वे राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और अपने कौशल का विकास करने में सक्षम होंगे. अपनी युवावस्था में मैं भी हिंदी विरोधी आंदोलन में शामिल था. जब मेरे गृहनगर नेल्लोर में हिंदी विरोधी आंदोलन चल रहा था, तो मैंने रेलवे स्टेशन और डाकघर पर जहां हिंदी शब्द लिखे थे, उन्हें तारकोल से रंग दिया और नष्ट कर दिया. बाद में जब मैं भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना तो मुझे हिंदी के महत्व का एहसास हुआ.'
उन्होंने आगे कहा,'तब मुझे एहसास हुआ कि मैंने हिंदी लेखन बोर्ड को नहीं, खुद को कलंकित किया है. जब मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष था तो मुझे इस बात का अफसोस था कि मैं हिंदी में बात नहीं कर सकता. उत्तरी राज्यों के नेता केवल हिंदी में बात करते थे. भारत में केवल 2 प्रतिशत लोग ही अंग्रेजी समझते हैं. हिंदी ही नहीं, बल्कि जितनी संभव हो उतनी भारतीय भाषाएं सीखने की कोशिश करें. आपको तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ सहित अन्य भाषाएं भी सीखनी चाहिए.
भारत के बारे में नकारात्मक राय फैलती रहती है. सभी देश हमारे प्रधानमंत्री का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा, 'आपमें से जो लोग सरकारी सेवा में जाना चाहते हैं, उन्हें सुबह सूर्योदय से पहले उठना चाहिए. मैं पार्टी के प्रतीक की बात नहीं कर रहा हूं, लेकिन आपको सुबह 6 बजे से पहले उठना चाहिए और काम शुरू करना चाहिए. वर्तमान में कई लोग कहते हैं कि समय नहीं है. हमें अपना समय खुद बनाना चाहिए. एक अधिकारी के रूप में राजनीति को एक तरफ रखें और केवल अपने विवेक और संविधान को ध्यान में रखते हुए काम करें.'