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क्या कश्मीर शहीद दिवस पर महबूबा और उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया, क्या है सच्चाई, जानें - Omar Abdullah Mehbooba Mufti - OMAR ABDULLAH MEHBOOBA MUFTI

Omar Abdullah, Mehbooba Mufti 'Locked: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को मजार-ए-शुहादा जाने से रोका गया. क्या है इस मामले की सच्चाई, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

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फोटो (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 13, 2024, 7:53 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला का कहना है कि उन्हें कश्मीर शहीद दिवस के मौके पर कथित तौर पर नजरबंद कर दिया गया है. महबूबा ने एक्स पर तस्वीर साझा करते हुए कहा कि, उन्हें मजार ए शुहदा जाने से रोका गया. उन्होंने कहा कि, उनके घर के दरवाजे एक बार फिर से बंद कर दिए गए हैं.

पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'हमारे शहीदों का बलिदान इस बात का प्रमाण है कि कश्मीरियों की भावना को कुचला नहीं जा सकता... आज इस दिन शहीद हुए प्रदर्शनकारियों की याद में इसे मनाना भी अपराध घोषित कर दिया गया है.' उन्होंने आगे कहा कि, 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को खंडित कर दिया गया, शक्तिहीन कर दिया गया और वह सब कुछ छीन लिया गया जो हमारे लिए पवित्र था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा 'वे हमारी प्रत्येक सामूहिक स्मृति को मिटाने का इरादा रखते हैं. लेकिन इस तरह के हमले हमारे अधिकारों और सम्मान के लिए लड़ाई जारी रखने के हमारे संकल्प को मजबूत करेंगे.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, 'एक और 13 जुलाई, शहीद दिवस, जम्मू-कश्मीर में न्यायपूर्ण, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक शासन स्थापित करने के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देने से रोकने के लिए गेटों पर ताला लगाने और पुलिस की ज्यादतियों का एक और दौर.' देश में हर जगह इन लोगों का जश्न मनाया गया होगा लेकिन जम्मू-कश्मीर में प्रशासन इन बलिदानों को नजरअंदाज करना चाहता है. यह आखिरी साल है जब वे ऐसा कर सकेंगे. उन्होंने आगे कहा, 'अगले साल हम 13 जुलाई को उस गंभीरता और सम्मान के साथ इस दिवस मनाएंगे जिसका यह दिन हकदार है.'

इस बीच, भाजपा के करीबी सहयोगी माने जाने वाले दलों - जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और जम्मू और कश्मीर अपनी पार्टी को भी शहीद दिवस समारोह में भाग लेने से रोक दिया गया. जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने दावा किया कि घर में उन्हें नजरबंद कर दिया गया. उन्होंने कहा 'बिना किसी कारण के, मुझे घर में नजरबंद होने की सूचना दी गई. मैं वास्तव में यह नहीं समझ पा रहा हूं कि लोगों को शहीदों के कब्रिस्तान में जाने से रोकने से प्रशासन को क्या फायदा होता है.' लोगों को अपने नायकों को चुनने का अधिकार है, और शहीद लोगों के लिए नायक हैं.' एक्स पोस्ट पर अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए लोन ने कहा, एक सरकार तय करेगी कि ऐतिहासिक नायक कौन हैं जो कि निरंकुशता का एक स्पष्ट संकेत है.'

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