मुकेश सहनी के पिता की हत्या (ETV Bharat) दरभंगा:विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनीके पिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई. दरभंगा स्थित उनके घर में ही इस वारदात को अंजाम दिया गया है. शव को क्षत-विक्षत हालत में पाया गया है. जीतन सहनी की हत्या की वजह सामने नहीं आई है. वहीं, इस हत्याकांड की जांच के लिए बिहार पुलिस ने एसआईटी का गठन कर दिया गया है.
क्या बोले एसएसपी?:दरभंगा एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दरभंगा के सुपौल बाजार के अफजला पंचायत में पूर्व मंत्री मुकेश सहनी का घर है. घर में ही उनके पिता जीतन सहनी की बेरहमी से हत्या कर दी गई है. किसी धारदार हथियार से उन पर हमला किया गया है. वहीं, मौके पर पहुंचे एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी सहित बिरौल सहित थाना की पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है.
मुकेश सहनी का घर (ETV Bharat) "प्रथम दृष्टया ये हत्या का मामला है. मृतक जीतन सहनी अपने घर मे सो रहे थे. उसी दौरान चोरी की नीयत से घर में घुसे अपराधियों ने विरोध करने पर धारदार हथियार से हमला कर उनकी हत्या कर दी. मौके पर घर के समान बिखरे पड़े हैं."- मनीष चंद्र चौधरी, एसडीपीओ
चोरी या रंजिश में हत्या?: अभी तक हत्या की वजह स्पष्ट तौर पर सामने नहीं आई है. जिस तरह से घर में सामान बिगड़े पड़े हैं, उससे चोरी की आशंका जताई जा रही है. हालांकि जिस बेरहमी से मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या की गई है, उससे किसी रंजिश की आशंका दिखाई दे रही है. सवाल है कि अगर चोरी के दौरान हत्या की गई होती तो इतनी बेरहमी से क्यों उनकी जान ली जाती. शव क्षत-विक्षत हालत में मिला है, जिससे साफ लगता है कि किसी दुश्मनी के कारण धारदार हत्या से उनकी हत्या की गई है.
कौन-कौन है परिवार में?:बताया जाता है पूर्व मंत्री मुकेश सहनी दो भाई और एक बहन है. मुकेश सहनी और उनके भाई संतोष सहनी बाहर रहते हैं, जबकि उनकी बहन की शादी हो चुकी है और वह अपने ससुराल मुंबई में ही रहती हैं. मुकेश सहनी भी मुंबई से दरभंगा के लिए निकल चुके हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक घटना के वक्त मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी घर में अकेले थे.
कौन हैं मुकेश सहनी: बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी काफी तेजी से उभरे हैं. वह विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष हैं. 2020 चुनाव के बाद जब बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनी थी, तब उनको पशुपालन और मत्स्य पालन विभाग का मंत्री बनाया गया था. हालांकि बाद में बीजेपी से मतभेद के बाद वह एनडीए से अलग हो गए थे. वह बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं. निषाद समाज से आने वाले मुकेश सहनी खुद को 'सन ऑफ मल्लाह' कहते हैं. राज्य में मल्लाह (निषाद) समाज लगभग 12 फीसदी है.
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