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नैनीताल के चारों ओर भीषण आग से धधक रहे हैं जंगल, सांस लेना भी हुआ दूभर - Nainital Forest Fire - NAINITAL FOREST FIRE

Nainital Forest Fire उत्तराखंड के जंगल वनाग्नि से धधक रहे हैं. गढ़वाल के साथ ही कुमाऊं के वनों में भी भीषण आग लगी हुई है. नैनीताल और इससे लगे इलाकों के जंगलों में भयंकर आग लगी हुई है जिससे बेशकीमती वन संपदा खाक हो रही है. जंगल की आग से निकल रहा धुआं भी लोगों को परेशान कर रहा है.

Nainital Forest Fire
नैनीताल फॉरेस्ट फायर

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 23, 2024, 2:11 PM IST

Updated : Apr 23, 2024, 2:27 PM IST

कुमाऊं के जंगलों में लगी आग

नैनीताल: गर्मियां शुरू होते ही नैनीताल समेत कुमाऊं भर के जंगलों में आग लगने की घटनाओं मैं तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. सरोवर नगरी समेत आसपास के क्षेत्र के जंगलों में 24 घंटे से आग लगी हुई है. आग से जंगल जलकर खाक हो गए हैं.

कुमाऊं के जंगलों में लगी आग: नैनीताल के बलदियाखान, ज्योलिकोट, मंगोली, खुरपाताल, देवीधुरा, भवाली, भीमताल और मुक्तेश्वर समेत आसपास के जंगलों में इन दिनों भीषण आग लगी है. जिससे अमूल्य वन संपदा चलकर खाक हो रही है. वहीं दूसरी ओर वायुमंडल और इंसानों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है. जंगल आग उगल रहे हैं. वनाग्नि के कारण चारों तरफ धुआं छाया हुआ है. इससे हवा में पीएम 2.5 के स्तर में करीब पांच गुना बढ़ोत्तरी हो गई है. इन हालात ने वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों को चिंता में डाल दिया है.

24 घंटे से धधक रहे जंगल: 15 फरवरी से 15 जून तक का फायर सीजन प्रदेश के जंगलों के लिए बेहद संवेदनशील होता है. शीतकाल में यदि अच्छी वर्षा और बर्फबारी हो जाए, तो जंगलों में आग लगने की अवधि पीछे खिसक जाती है. मगर इस वर्ष अन्य वर्षों की अपेक्षा बर्फबारी की बेरुखी के परिणाम गर्मी के मौसम के शुरुआत में ही नजर आने लगे हैं. अप्रैल की शुरुआत से ही अनियंत्रित रूप से सामने आ रही वनाग्नि की घटनाओं ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है. बीते वर्ष नवंबर से अब तक लगातार घट रही वनाग्नि की घटनाएं रुक नहीं रही हैं. जिससे पहाड़ों पर चारों और धुआं छाया हुआ है.

स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है आग से निकलने वाला धुआं:उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग जहां एक तरफ वायुमंडल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है, तो वही इंसानों के स्वास्थ्य के लिए इसका धुआं बेहद खतरनाक साबित हो रहा है. बीडी पांडे अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर एस दुग्ताल बताते हैं जंगलों की आग से निकलने वाले धुएं से सांस की खतरनाक बीमारी, कैंसर समेत कई घातक बीमारियां हो सकती हैं. बुजुर्गों के लिए जंगलों का धुआं बेहद खतरनाक है, लिहाजा इससे बचाव किया जाना चाहिए.

Last Updated : Apr 23, 2024, 2:27 PM IST

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