बीजापुर के पोटा केबिन में भीषण आग, 4 साल की बच्ची की मौत, 300 छात्राओं का रेस्क्यू
Fire Broke Out In Pota Cabin Bijapur बीजापुर के पोट केबिन में भीषण आगजनी की घटना हुई है. इस घटना में चार साल की बच्ची की मौत हो गई है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है.
बीजापुर:आवापल्ली थानाक्षेत्र के चिंताकोंट बालिका आवासीय पोटा केबिन में भीषण आग लग गई. बीती रात लगी ये आग इतनी भयानक थी कि इस घटना में 4 साल की बच्ची की मौत हो गई.
पोटाकेबिन में आग लगने से 4 साल की बच्ची की मौत: चार साल की मृत बच्ची का नाम लिप्सा उइके है. बताया जा रहा है कि बच्ची अपनी बड़ी बहन के साथ पोटा केबिन घूमने आई थी और बुधवार को वहीं रह गई. इसी दौरान रात को पोटकेबिन में आगजनी की घटना हो गई. जिससे झुलसकर बच्ची की मौत हो गई.
पोटा केबिन में आग लगने के दौरान थे लगभग 400 बच्चे
पोटा केबिन में थी 300 छात्राएं:आग लगने से पूरा पोटा केबिन जलकर खाक हो गया है. जिस समय आगजनी की घटना हुई उस समय लगभग 300 छात्राएं केबिन में मौजूद थी. देर रात आग लगने के बाद पोटा केबिन के स्टाफ और ग्रामीणों की मदद से छात्राओं का रेस्क्यू किया गया.
पोटा केबिन में आग
घटनास्थल पहुंचे शिक्षा विभाग के अधिकारी:पोटा केबिन में आगजनी की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई. फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. पुलिस, कलेक्टर और शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं. घटना की जांच एफएसएल की टीम करेगी.
मुख्यमंत्री साय ने हादसे पर जताया दुख:बीजापुर जिले के चिंताकोंटा स्थित गर्ल्स पोटा केबिन में आग लगने की बुरी खबर प्राप्त हुई है. यहां के स्टाफ सहित 300 बच्चियों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. दुर्घटना में एक बच्ची के मृत होने की दुःखद खबर प्राप्त हुई है. ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं. मृतक बच्ची के परिजनों को 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है.
क्या है पोटा केबिन:पोटा केबिन आवासीय स्कूल व्यवस्था है. साल 2011 में तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे शुरू किया था. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में पोटा केबिन आवासीय विद्यालय बनाए गए हैं. बस्तर के अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों ने कई स्कूलों को ध्वस्त कर दिया या आगजनी कर नष्ट कर दिया. इनमें कई ऐसे स्कूल है जिन्हें दोबारा नहीं बनाया गया. ऐसे क्षेत्रों में पोटा केबिन स्कूलों का निर्माण किया गया. यहां नक्सल क्षेत्रों के बच्चों को आवासीय स्कूलों की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. ये पूरी तरह से मोबाइल स्कूल है.