जींद में दातासिंह वाला बॉर्डर पर झड़प,फेंके गए पत्थर, पुलिस ने किया लाठीचार्ज जींद : दिल्ली कूच के चलते जहां अंबाला के शंभू बॉर्डर पर तनाव देखा जा रहा है और पुलिस को किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के साथ वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा है. वहीं जींद में पुलिस के साथ किसानों की झड़प हो गई है.
पुलिस ने किया लाठीचार्ज :हरियाणा के जींद में दाता सिंह वाला बॉर्डर पर पुलिस और किसानों की झड़प हो गई है. हालात इस कदर बिगड़ गए कि पुलिस को किसानों पर लाठीचार्ज तक करना पड़ा. पहले किसानों की रोकने की हरसंभव कोशिश की गई लेकिन किसान मानने को राज़ी नहीं थे, ऐसे में तनाव धीरे-धीरे बढ़ता चला गया और आखिरकार किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. किसान भी लाठियों के साथ अर्द्धसैनिक बलों पर टूट पड़े. पुलिस ने इस दौरान आंसू गैस के गोले छोड़े और वॉटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. लाठीचार्ज के पहले किसानों को खदेड़ने की पुलिस ने कई बार कोशिश की लेकिन किसान वापस आकर बैठ जा रहे थे और फिर फ़िज़ा में तनाव बढ़ा और लाठीचार्ज की नौबत आन पड़ी. किसान जहां लाठियों के साथ पुलिस से भिड़ते दिखे, वहीं पुलिस पर कई किसानों ने पत्थर भी फेंके. झड़प के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर समेत 12 से ज्यादा पुलिस के जवान घायल हो गए हैं. वहीं कई किसानों को भी चोट लगी है. घायल पुलिसकर्मियों को नरवाना के सरकारी अस्पताल और किसानों को खनौरी अस्पताल ले जाया गया है.
छोड़े गए आंसू गैस के गोले :आपको बता दें कि पंजाब की ओर से लगातार किसानों का काफिला आ रहा है जिसके चलते दाता सिंह वाला बॉर्डर पर तनाव बढ़ता जा रहा है और टकराव के हालात बन गए. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए सड़कों पर कीलें लगाई थी लेकिन वहां पहुंचे किसान कीलों को निकालने लगे. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. इसके अलावा वॉटर कैनन से भी उन्हें रोकने की कोशिश हुई.
किसान आंदोलन के चलते छुट्टियां रद्द :अंबाला के शंभू बॉर्डर के साथ अब जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है. पंजाब से दिल्ली जाने के लिए ये दोनों मुख्य मार्ग है इसलिए यहां पर किसानों को हर हाल में रोकने की प्रशासन की कोशिश है. दाता सिंह वाला बॉर्डर पर 2 आईपीएस और 10 डीएसपी मोर्चा संभाले हुए हैं. अगर किसानों ने यहां बॉर्डर क्रॉस कर डाला तो उन्हें दिल्ली पहुंचने से रोका नहीं जा सकेगा. ड्रोन के जरिए हालात पर निगाह रखी जा रही है. जींद में चीनी मिल को अस्थायी जेल बना दिया गया है. किसान आंदोलन को देखते हुए सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है.
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