गया: बिहार के गया शहर में एक झोपड़ी वाला होटल है. इसका नाम मथ भुकव्वल है. मथ भुक्व्वल (चर्चा करके दिमाग खा जाने वाला)नाम इसलिए क्योंकि यहां राजनीति के हर मुद्दों पर चाय के साथ चर्चा होती है. बात चाहे राजनीति की हो, सामाजिक घटनाक्रम की हो या अन्य मुद्दों की, यहां आने वाले लोग गांव से लेकर देश स्तर तक के मुद्दों पर चर्चा करते हैं. नेता, वकील, आमजन, खास सभी लोग यहां जुटते हैं. यहां तक कि इस झोपड़ी में बहस कर जो लोग सांसद और विधायक भी बन जाते हैं, वह भी यहां आना नहीं भूलते.
सभी पार्टी के नेताओं का होता है जुटान: इस झोपड़ी वाले होटल में हर पार्टी के लोग आते हैं. राजनीतिक पार्टी के रूप में कांग्रेस, जदयू, भाजपा, भाजपा माले यानी कि कम्युनिस्ट से लेकर तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेता यहां जुटते हैं. हर मुद्दों पर बात होती है. अभी फिलहाल ज्यादा चर्चा लोग राजनीति पर कर रहे हैं, क्योंकि लोकतंत्र का महापर्व जो है.
होटल पर लगता जीत-हार का अनुमान: गया लोकसभा का चुनाव 19 अप्रैल को होना है. ऐसे में अब इस झोपड़ी वाले मथ भुकव्वल होटल में सरगर्मी तेज है. यहां बैठने वाले लगातार चर्चा कर रहे हैं. गया लोकसभा से लेकर जहानाबाद, नवादा, जमुई तक की चर्चा हो रही है. गया को लेकर यहां बैठने वाले नेता, आम लोग बताते हैं, कि लोकसभा चुनाव का रिजल्ट किस कदर बैठेगा, यहां अनुमान लगाने वाले काफी लोग आते हैं. यहां बहस का दौर जब शुरू होता है, तो घंटों तक चलता है.
चाय पीते और राजनीतिक आनंद लेते:अशोक कुमार बताते हैं कि इस होटल का नाम मथ भुकव्वल है. काम छोड़कर जब भी मौका मिलता है, तो यहां चाय पीने जरूर चले आते हैं और राजनीतिक आनंद लेते हैं. यहां विभिन्न दलों के लोग चर्चा करते हैं. यहां आम लोग से लेकर खास लोग आते हैं. हार-जीत का अनुमानित चर्चा होता है. विशेषता यह है कि हारने जीतने के बाद आते हैं, तो फिर से सामान्य रूप से हम लोग साथ होते हैं. इस तरह विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग यहां जुड़ते हैं, लेकिन हार -जीत के बावजूद प्रेम भाव वही बना रहता है.