सुकमा से 4 इनामी नक्सली समेत 8 माओवादियों का सरेंडर, हथियार डालने वालों में देवा और तुलसी भी शामिल - Eight Naxalites surrender in sukma - EIGHT NAXALITES SURRENDER IN SUKMA
सुकमा में एक बार फिर माओवादियों को करारा झटका लगा है. पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर आठ माओवादियों ने आतंक का रास्ता छोड़ समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है.
सुकमा:नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बस्तर में तेजी से माओवादियों के सरेंडर करने की संख्या बढ़ती जा रही है. रविवार को चार इनामी नक्सलियों समेत आठ माओवादियों ने सुरक्षबलों के सामने आत्म समर्पण कर दिया. आत्म समपर्ण करने वालों में चार हार्डकोर माओवादी भी शामिल हैं. सरेंडर करने वाले सभी नक्सली सरकार की पूना नर्कोम अभियान यानि ''नई सुबह, नई शुरुआत'' से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ेंगे.
देवा और तुलसी ने डाले हथियार (ETV Bharat)
4 हार्डकोर नक्सलियों समेत 8 माओवादियों ने किया सरेंडर:नक्सल विरोधी अभियान के तहत लगातार बस्तर में फोर्स और सरकार की ओर से अपील की जा रही है. सरकार की कोशिश है कि नक्सली हथियार छोड़ सरेंडर कर आम लोगों की तरह जिंदगी बिताएं. सरकार की अपील का अब असर दिखाई देने लगा है. नई सरकार बनने के बाद से बड़ी संख्या में माओवादी हथियार छोड़ सरेंडर कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सलवाद विरोधी नीति और सुकमा जिले में चलाए जा रहा पूना नर्कोम अभियान का असर भटके हुए माओवादियों पर होने लगा है. नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. सरकार की योजनाओं से प्रभावित होकर लगातार माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं. रविवार को भी 8 माओवादियों ने नक्सल ऑपरेशन कार्यालय में सीआरपीएफ के सामने सरेंडर किया है. -निखिल राखेचा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सुकमा
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के नाम:आतंक का रास्ता छोड़ने वाले नक्सलियों में वेट्टी मासे शामिल है जिसपर 2 लाख का इनाम पुलिस ने रखा था. सागर उर्फ देवा पर भी 1 लाख का इनाम पुलिस ने रखा था. देवा ने भी आज हथियार डाल दिए. हथियार डालने वालों में सोढ़ी तुलसी जिसपर एक लाख का इनाम था, पोडियम नंदे, वेट्टी सुक्का, वेट्टी हड़मा, कवासी देवा, कमलू सिंगा शामिल हैं. सरेंडर करने वाले सभी नक्सली सुकमा जिले के अलग अलग थाना क्षेत्रों के रहने वाले हैं. सभी नक्सली सालों से पुलिस पार्टी की रेकी करने और नक्सली बैनकर पोस्टर लगाने के काम माहिर हैं. इनपर ग्रामीणों से लेवी वसूलने का भी आरोप है.