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'देश में एक ग्राम भी ड्रग्स की तस्करी नहीं होगी... कारोबार नार्को-आतंकवाद से जुड़ा', शाह बोले - Amit Shah targets drug business

AMIT SHAH TARGETS DRUG BUSINESS: गृह मंत्री शाह ने कहा कि, पूरा ड्रग कारोबार अब नार्को-टेरर से जुड़ गया है और ड्रग व्यापार से मिलने वाला पैसा देश और इसकी सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बन गया है. एनसीओआरडी की 7वीं शीर्ष स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने नशीले पदार्थों की तस्करी पर लगाम लगाने की बात कही. गौतम देबरॉय की रिपोर्ट पढ़िए...

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फोटो (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 18, 2024, 11:01 PM IST

Updated : Jul 18, 2024, 11:07 PM IST

नई दिल्ली:भारत में ड्रग्स कंट्रोल को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बड़ी बैठक हो रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि सभी सुरक्षा एजेंसियों का लक्ष्य न केवल ड्रग यूजर्स को पकड़ना होना चाहिए, बल्कि पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करना भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरा ड्रग कारोबार अब नार्को-टेरर से जुड़ गया है और ड्रग व्यापार से मिलने वाला पैसा देश और इसकी सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बन गया है.

नार्को समन्वय केंद्र (NCORD) की 7वीं शीर्ष स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा, 'हम एक ग्राम भी ड्रग्स भारत में नहीं आने देंगे और न ही हम भारत और इसकी सीमाओं का किसी भी तरह से ड्रग तस्करी के लिए इस्तेमाल होने देंगे. शाह ने पिछले पांच वर्षों में नशे के खिलाफ लड़ाई में मिली सफलता के लिए सभी एजेंसियों को बधाई दी. हालांकि, उन्होंने कहा कि अब तक की उपलब्धियां, किए जाने वाले कार्यों का मात्र 10 प्रतिशत हैं.

शाह ने कहा कि, असली लड़ाई अब शुरू होती है. जब तक 35 वर्ष से कम आयु का प्रत्येक नागरिक इस लड़ाई में शामिल होने का निर्णय नहीं लेता और 35 वर्ष से अधिक आयु का प्रत्येक नागरिक इसका नेतृत्व करने का निर्णय नहीं लेता, तब तक हम ड्रग के खिलाफ इस लड़ाई को नहीं जीत सकते. उन्होंने कहा कि, सरकार लड़ाई का निर्देशन तो कर सकती है, लेकिन अकेले नहीं जीत सकती. इसलिए इस लड़ाई को देश के 130 करोड़ लोगों तक ले जाने की जरूरत है. राज्य सरकारों के साथ जुड़ी सभी एजेंसियों को इस लक्ष्य को अपनाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि भारत ने 2047 तक भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लिया है. लेकिन हम भारत के युवाओं को नशे के खतरे से मुक्त किए बिना इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते. हमें इस लड़ाई को गंभीरता से लड़ने और इसे प्राथमिकता के तौर पर लेने की जरूरत है. इसलिए हम सभी को हर हफ्ते इस काम के लिए कुछ समय निकालना होगा और इसके लिए अलग से वर्टिकल और रिपोर्टिंग सिस्टम बनाना होगा.

शाह ने यह भी कहा कि, हमारे सामने कई पश्चिमी देशों के उदाहरण हैं. अगर हम एकजुट होकर और दृढ़ता से लड़ें तो हम यह लड़ाई जीत सकते हैं. शाह ने यह भी कहा कि कुछ देशों ने कुछ खास दवाओं के इस्तेमाल को अपराध की सूची से हटा दिया है. उन्होंने कहा, 'उन्होंने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि उनके पास अपराधियों को रखने के लिए जेलों में पर्याप्त क्षमता नहीं है.

उन्होंने कहा, 'पिछले पांच सालों में हमने संरचनात्मक, संस्थागत और सूचनात्मक सुधारों के माध्यम से इस लड़ाई को आगे बढ़ाया और पूरे सरकारी दृष्टिकोण के माध्यम से आगे बढ़े। इस दृष्टिकोण के परिणाम बहुत उत्साहजनक हैं. 2004 से 2013 तक जब्त की गई नशीली दवाओं की मात्रा 1.52 लाख किलोग्राम थी जो 2014 से 2024 की अवधि के दौरान बढ़कर 5.43 लाख किलोग्राम हो गई. इस अवधि के दौरान दवाओं का मूल्य 5933 करोड़ रुपये से बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया.'

गृह मंत्री ने नशीली दवाओं के खिलाफ भारत की लड़ाई को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन 'मानस' (मादक पदार्थ निषेध अनुसंधान केंद्र) भी लॉन्च किया. शाह ने कहा कि, आज मानस पोर्टल लॉन्च किया गया है, नारकोटिक्स नियंत्रण के लिए उत्कृष्टता केंद्र के लिए क्षमता निर्माण चल रहा है और नशीली दवाओं के खिलाफ आंदोलन के लिए मिशन स्पंदन शुरू किया गया है. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ये पहल राज्यों और जिलों में हर इकाई तक पहुंचे, जिससे उन्हें गति मिल सके। मैं राज्य स्तर पर संयुक्त समन्वय समितियां बनाने और राज्य स्तर पर वित्तीय जांच की सख्त समीक्षा करने और वित्त मंत्रालय की केंद्रीय एजेंसियों को इसकी जानकारी देने की अपील करता हूं.

शाह बोले, 'मैं केंद्रीय एजेंसियों से भी स्वप्रेरणा से मामले दर्ज करने की अपील करता हूं. राज्यों को अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा नारकोटिक फोरेंसिक पर खर्च करने की जरूरत है. फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी स्वदेशी, सस्ती फोरेंसिक नारकोटिक्स टेस्टिंग किट पर काम कर रही है, जो एजेंसियों को नशीली दवाओं के मामले दर्ज करने में मदद करेगी. सचिवों को मानस पोर्टल और इसके उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आदेश जारी करने की जरूरत है. गृह मंत्री शाह ने श्रीनगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय का भी वर्चुअल उद्घाटन किया. उन्होंने एनसीबी की 'वार्षिक रिपोर्ट 2023' और 'ड्रग-फ्री इंडिया' पर संग्रह जारी किया.

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Last Updated : Jul 18, 2024, 11:07 PM IST

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