देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने चरम पर है, जिससे धामों के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. कुछ जगहों पर प्रशासन के लिए ज्यादा चुनौतियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं. ऐसे में अब सरकार स्थायी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए यात्रा प्राधिकरण स्थापित करने से लेकर गंगोत्री और यमुनोत्री के मास्टर प्लान को लेकर विचार कर रही है. इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश भी दे दिए हैं. हालांकि बिना रजिस्ट्रेशन के चारधाम पहुंचने वालों पर प्रशासन सख्त हुआ है और प्रदेश के मुखिया भी अधिकारियों के साथ बैठक करके मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
यात्रा प्राधिकरण के शुरुआती प्रारूप पर चर्चा:एक ऐसी व्यवस्था तैयार करने के प्रयास हो रहे हैं, जिससे पूरी यात्रा का संचालन प्राधिकरण के माध्यम से सकुशल कराया जा सके. प्रत्येक यात्री के धामों तक पहुंचने से लेकर रजिस्ट्रेशन और यात्रियों की सुविधाओं तक के लिए इस प्राधिकरण को जिम्मेदारी दी जाएगी. हालांकि अभी यात्रा प्राधिकरण के शुरुआती प्रारूप पर ही विचार शुरू किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि यात्रा प्राधिकरण स्थापित होने के बाद यात्रा की पूरी जिम्मेदारी इस प्राधिकरण की होगी.
चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ रही संख्या:बता दें कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसीलिए यात्रा के लिए विशेष मेकैनिज्म तैयार करने की भी जरूरत महसूस हो रही है. ताकि बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को धारण क्षमता के लिहाज से धामों में व्यवस्थित तरीके से दर्शन करने का मौका दिया जाए. राज्य में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की अपनी धारण क्षमता है. उस धारण क्षमता से कहीं ज्यादा श्रद्धालु धामों में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इससे सरकार के साथ-साथ श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है.