हैदराबाद: मध्य प्रदेश के कुख्यात धार गिरोह ने हैदराबाद में डकैती की घटनाओं को अंजाम देना फिर से शुरू कर दिया है. यह गिरोह अपराध करने से पहले अपने गांव के देवता की पूजा करते हैं. खबर के मुताबिक, यह खतरनाक और क्रूर गिरोह घरों में डाका डालने के लिए तलवारों और अन्य घातक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. जानकारी के मुताबिक, धार गिरोह जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते हैं, तब तक किसी भी इलाके को नहीं छोड़ते. वे अक्सर सोना और कीमती सामनों की डकैती करते हैं.
हैदराबाद पुलिस ने काफी समय पहले गिरोह पर कार्रवाई की थी. उसके बावजूद, धार गिरोह जून 2022 से फिर से सामने आया है, और शहर के बाहरी इलाकों में डाका डालने की फिराक में है. यह गिरोह 2023 में, साइबराबाद और राचकोंडा आयुक्तालय के तहत 10 पुलिस स्टेशनों में 31 डकैती की घटनाओं में शामिल रहा है. पुलिस का मानना है कि, जांच जारी रहने पर गिरोह से जुड़ी और भी डकैतियों का खुलासा होगा.
विपत्ति से पैदा हुई अपराध की विरासत
धार गिरोह, जिसका नाम मध्य प्रदेश के धार जिले से लिया गया है, मुख्य रूप से स्थानीय टांडा और कुक्षी पुलिस थानों के अंतर्गत आने वाले आदिवासी गांवों के लोगों से बना है. पानी की कमी, सूखे और आर्थिक तंगी का सामना करते हुए, इन गांवों में कई लोगों ने चोरी को अपना जीवन-यापन का तरीका बना लिया है. अनुमान है कि इस क्षेत्र में लगभग 10 हजार लोग अपनी आजीविका के लिए डकैती पर निर्भर हैं, जिनके निशाने पर तेलंगाना सहित कई राज्य हैं.
पुलिस की कार्रवाई और जांच
हैदराबाद पुलिस ने इससे पहले 2020 में धार गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था, जिससे गिरोह की 135 से अधिक चोरियों में व्यापक संलिप्तता उजागर हुई थी। गिरोह के छह नेताओं के खिलाफ पीडी (निवारक निरोध) अधिनियम के तहत सख्त कदम उठाए गए थे. नतीजतन, गिरोह की गतिविधियों पर कुछ समय के लिए अंकुश लगा दिया गया था. हालांकि, गिरोह की गतिविधियों के हाल ही में फिर से उभरने से चिंता बढ़ गई है.