धार।मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध स्थलों में से एक धार जिले में स्थित भोजशाला के सर्वे के लिए एएसआई की टीम यहां खुदाई करने वाली है. इंदौर हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार की अल सुबह ASI (आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम भोजशाला पहुंच गई. वहीं, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन के द्वारा भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. 60 कैमरों की मदद से क्षेत्र की निगरानी की जाएगी. नियमानुसार आज जुम्मे की नमाज अदा की जाएगी, इस दौरान खुदाई का काम रोक दिया जाएगा.
पुराना है भोजशाला का विवाद
बता दें कि भोजशाला का विवाद कई वर्षों पुराना है. क्योंकि हिंदू धर्म के लोग इसे सरस्वती का मंदिर बताते हैं और पूजा अर्चना करते हैं. वहीं, मुस्लिम समाज इसे कमाल मोला की मस्जिद बताकर नमाज अदा करता है. बताया जाता है कि, अंग्रेजों के शासनकाल में भी भोजशाला को लेकर विवाद का मुद्दा उठा था. तब उस समय लाॅर्ड कर्जन धार और मांडू के दौरे पर आए थे और उन्होंने भोजशाला के रखरखाव के लिए 50 हजार रुपये खर्च करने की मंजूरी दी थी, तब सर्वे भी किया गया था. 1951 में धार भोजशाला को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया गया. उस समय जारी हुए नोटिफिकेशन में भोजशाला और कमाल मौला की मस्जिद का उल्लेख है.
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