नई दिल्ली: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को स्वीकार किया कि कुछ सदस्यों में असंतोष था. इन नेताओं को एक दिन पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नई सरकार में विभागों का आवंटन किया था. पीटीआई के अनुसार पवार ने एक कार्यक्रम में कहा, "चूंकि मंत्रियों की संख्या अधिक है. इसलिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रत्येक मंत्री को एक विभाग देना पड़ा. जाहिर है, कुछ खुश हैं और कुछ नहीं."
पवार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती में एक रोड शो में भाग लिया और कई सम्मान समारोहों में शामिल हुए. उपमुख्यमंत्री ने सोमवार को अपने कार्यालय का कार्यभार संभालने की योजना की घोषणा की.पवार ने हितधारकों को आश्वस्त करने का प्रयास किया और बताया कि लंबित परियोजनाओं पर काम जल्द ही शुरू हो जाएगा.
आदर्श आचार संहिता के कारण रपके प्रोजेक्ट
रुकी हुई पहलों के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए पवार ने बताया कि 20 नवंबर को हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण कई परियोजनाओं को रोक दिया गया था. यह चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए थे.
पवार ने कहा, "हमें लंबित परियोजनाओं के बारे में कई कम्युनिकेशन प्राप्त हुए हैं. हमें कुछ समय दें, और हर काम पूरा हो जाएगा." उन्होंने कहा कि मंत्री वर्तमान में अपने आधिकारिक दायित्वों को फिर से शुरू करने से पहले स्थानीय मुद्दों से परिचित होने के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.
3 मार्च को बजट सत्र
पवार ने यह भी बताया कि महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र 3 मार्च को मुंबई में शुरू होगा. उन्होंने कहा, "मेरा लक्ष्य बजट तैयार करते समय सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को विश्वास में लेना है." नए मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री फडणवीस ने गृह, कानून और न्यायपालिका, ऊर्जा (नवीकरणीय ऊर्जा को छोड़कर), सामान्य प्रशासन और सूचना एवं प्रचार सहित महत्वपूर्ण विभागों को बरकरार रखा है.
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शहरी विकास, आवास और सार्वजनिक कार्य विभाग सौंपा गया है. भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का प्रतिनिधित्व करने वाले अजित पवार को वित्त, योजना और आबकारी विभाग आवंटित किए गए हैं.
यह भी पढ़ें- बम-बंदूकें और एक भयानक साजिश, ऑनलाइन सीखा बम बनाना, फिर ससुराल वालों को भेजा