उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / bharat

अपने घरों में रामलला को स्थापित कर रहे श्रद्धालु, श्याम मूर्तियों की खूब डिमांड

सरयू घाट से लेकर राम मंदिर तक लगी हजारों दुकानें, 4 से लेकर 12 इंच तक मूर्तियों की सबसे अधिक मांग

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 4 hours ago

रामलला की मूर्तियां खरीदते श्रद्धालु.
रामलला की मूर्तियां खरीदते श्रद्धालु. (Etv Bharat)

अयोध्याः रामनगरी अयोध्या में रामलला की मूर्ति का कारोबार खूब चल रहा है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक राम मंदिर में दर्शन करने के लिए रामलला की मूर्ति को खरीद रहे हैं. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दर्शन पाने के लिए भगवान की तस्वीर के प्रति आकर्षित हुए. अब भक्त अपने आराध्य को घर के आंगन में भी विराजमान कर रहे हैं.


रामलला की मूर्ति और उनकी तस्वीर वालीं वस्तुओं का कारोबार अयोध्या का मुख्य व्यवसाय बन गया है. सरयू घाट से लेकर राम मंदिर तक हजारों दुकानें लगी हुई हैं. प्रतिदिन हजारों की संख्या में मंदिर में विराजमान रामलला की जैसी मूर्तियों की मांग हो रही है. जिसकी आपूर्ति के लिए गुजरात, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, दिल्ली सहित अन्य स्थानों पर इन मूर्तियों को तैयार कर अयोध्या लाया जा रहा है. वहीं, रामलला से संबंधित सामानों के लिए चाइना से भी मार्केटिंग की जा रही है.

रामनगरी में रामलला की मूर्तियों की डिमांड. (Video Credit; ETV Bharat)
उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के तस्वीर खूब बिकीं. अब रामलला के हूबहू मूर्तियों को लोग खरीद रहे हैं. अयोध्या में बहुत से उत्सव आ रहे हैं. अभी सावन मेला चल रहा है, इसको लेकर भगवान के काले रंग की मूर्ति की मांग बहुत है. उन्होंने कहा कि दुकान से 4 से लेकर 12 इंच तक की मूर्ति की मांग है. उन्होंने बताया कि वैसे तो मार्केट वैल्यू 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की है. लेकिन कई कंपनियों के आने के बाद मार्केटिंग में काफी मंदी आई है. 100 रुपये में बिकने वाली मूर्ति अब 70 और 80 रुपये में बिक रही है. वहीं, 200 से लेकर 400 रुपये तक के मूर्तियां अधिकतर लोग खरीद रहे हैं.व्यापारी ध्रुव गुप्ता ने बताया कि रामलला की अधिकतर मूर्तियां फाइबर की और रबड़ की मूर्ति बिक रही है. क्योंकि यह मूर्ति लोगों के लिए सबसे सस्ती पड़ती है. कहीं पर लेकिन जाने में भी आसानी होती है. उन्होंने बताया कि रामलला की जैसी मूर्ति कंपनियों में डाई तैयार कर मशीनों से तैयार किया जाता है. एक मशीन प्रतिदिन सैकड़ों मूर्तियों को तैयार करता है. इसके बाद मूर्तियों में कारीगरों के द्वारा मुकुट, धनुष, वस्त्र को रंगों से सजाया जाता है.जगद्गुरु राम दिनेशाचार्य ने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जितने सनातन धर्मवालम्बी है, उनकी भगवान श्रीराम के प्रति गहरी आस्था होती है. श्री राम लम्बे संघर्षों के बाद भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं. राम की छवि को देखने के लिए रामलाल की मूर्ति को ले जाकर लोग अपने घर में स्थापित करके अपनी आस्था को प्रकट कर रहे हैं. यह आस्थाओं का ज्वार है, जो भक्तों के मन में उमड़ रहा है. इसी का यह परिणाम है कि भगवान की मूर्ति को ले जाकर अपने घरों में रखते हैं, जिससे सुख शांति और समृद्धि मिले.

इसे भी पढ़ें-अयोध्या में राम मंदिर के शिखर निर्माण के लिए रखी गई पहली लेयर, रुड़की के एक्सपर्ट करेंगे गुणवत्ता की जांच

ABOUT THE AUTHOR

...view details