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अमित शाह से जुड़ा वीडियो मामला, दिल्ली की स्पेशल सेल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को भेजा नोटिस, राजेश ठाकुर बोले- कानूनी सलाह के बाद लेंगे फैसला - Amit Shah fake viral video - AMIT SHAH FAKE VIRAL VIDEO

Delhi Police notice to Rajesh Thakur. अमित शाह से जुड़े फेक वीडियो वायरल मामले में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को नोटिस भेजा है. इस पर राजेश ठाकुर ने कहा कि वह कानूनी सलाह लेने के बाद इस पर कोई फैसला लेंगे.

Delhi Police notice to Rajesh Thakur
Delhi Police notice to Rajesh Thakur

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 1, 2024, 2:22 PM IST

राजेश ठाकुर का बयान

रांची:केंद्रीय मंत्री अमित शाह के आरक्षण से जुड़े वीडियो को तोड़ मरोड़ कर वायरल करने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर को नोटिस भेजा है. उन्हें 2 मई को सुबह 10.30 बजे आईएफएसओ ऑफिस स्पेशल सेल दिल्ली पुलिस के तीसरे फ्लोर पर मौजूद कमरा नंबर 302 में सशरीर पेश होने को कहा गया है.

नोटिस के मुताबिक राजेश ठाकुर को ट्वीट किए गये वीडियो का सोर्स लाने को कहा गया है. उनसे कहा गया है कि जिस भी मोबाइल/लैपटॉप/टैबलेट से एक्स पर जो वीडियो डाला गया है, उसे लाना है. उनसे यह भी कहा गया है कि संबंधित वीडियो को रिकॉर्ड करने के लिए जिस भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल हुआ है, उसे भी लेकर आना है.

नोटिस की अनदेखी होने पर सीआरपीसी के सेक्सन 91/160 के तहत क्रिमिनल प्रोसिडिंग चलाने की भी बात कही गई है. यह नोटिस आईएफएसओ यानी इंटेलिजेंस फ्युजन एंड स्ट्रेटिजिक ऑपरेशन के स्पेशल सेल में पोस्टेड इंस्पेक्टर नरेश मलिक ने जारी किया है. इस पर राजेश ठाकुर ने स्पष्ट किया है कि उन्हें दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला है.

"मुझे दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला है, लेकिन ये समझ से परे है कि नोटिस क्यों दिया गया है. ऐसा करना अराजकता है. पहले देखना चाहिए कि कोई मेटेरियल मेरे ट्वीटर हैंडल पर है या नहीं. मोबाइल और लैपटॉप भी लाने को कहा गया है. चुनाव के माहौल में एक नेता की व्यस्तता को समझा जा सकता है. बिना जांच पड़ताल किए नोटिस देकर बुलाना सही नहीं है. इस मसले पर कानूनी सलाहकार से राय मांगी गई है. उसी आधार पर आगे फैसला लिया जाएगा." - राजेश ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, कांग्रेस

दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री अमित शाह से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ था. उसमें उनको यह कहते हुए दिखाया गया था कि भाजपा की सरकार बनेगी को एससी, एसटी और ओबीसी का रिजर्वेशन समाप्त कर दिया जाएगा. इस पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जतायी थी.

भाजपा ने स्पष्ट किया था कि उनके नेता ने कहीं भी ऐसा बयान नहीं दिया है. चुनाव को प्रभावित करने के लिए वीडियो को एडिट कर वायरल किया गया है. चुनाव के समय इस तरह लोगों को गुमराह करने और समाज में झूठा भ्रम फैलाने की साजिश का हवाला देते हुए कई लोगों के खिलाफ देश के अलग-अलग थानों में शिकायत भी दर्ज कराई गयी है. इसी सिलसिले में दिल्ली की स्पेशल सेल ने झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर को तलब किया है.

30 अप्रैल को को भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने अरगोड़ा थाना में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो वायरल करने के आरोपी शैलेंद्र हाजरा और रूपेश रजक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है. भाजपा जनता युवा मोर्चा के कार्यालय मंत्री संजय कुमार महतो ने एफआईआर दर्ज करवाई है.

"केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जिस तरह फेक वीडियो वायरल किया जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है. यह न सिर्फ आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि देश में आशांति फैलाने के उद्देश्य से भी इस तरह का वीडियो बनाया गया है." - सुधीर श्रीवास्तव, प्रदेश संयोजक, भाजपा विधि प्रकोष्ठ

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