नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यायपालिका का अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल करने पर एक व्यक्ति को बुधवार को दिनभर कोर्ट में बैठने और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई. जस्टिस प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने 62 वर्षीय बुजुर्ग को ये सजा सुनाई. दरअसल, बुजुर्ग प्रदीप अग्रवाल ने 2021 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बुराड़ी में एक कृषि भूमि पर कॉलोनी बनाकर अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. अग्रवाल ने सरकारी एजेंसियों के अलावा दो लोगों रामनिवास गुप्ता औऱ श्याम सुरेंद्र को भी प्रतिवादी बनाया था.
इस मामले में अनाधिकृत निर्माण करा रहे एक पक्षकार ने दावा किया कि बुजुर्ग ने उससे केस वापस लेने के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी. कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता का ये व्यवहार कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है. याचिकाकर्ता, अपनी याचिका वापस लेने की बात कहकर प्रतिवादी राम निवास गुप्ता से पैसे लेकर समझौता करना चाहता था. ऐसा करना कोर्ट की अवमानना है और कोर्ट इसे माफ नहीं कर सकती है.