नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी जहां सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है. तो अब पार्टी के सामने अगला फोकस इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव पर भी केंद्रित हो गया है. इस बात के संकेत दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओं ने अपनी चुनावी सभा में दिए थे. इस बारे में राजनीतिक जानकार योगेंद्र यादव ने भी ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव पर अपनी राय जाहिर की है.
इस वजह से हो रही फ्री योजना की चर्चाः बता दें कि दिल्ली की सत्ता में 27 साल बाद बीजेपी की वापसी हो रही है, पार्टी के लिए यह बड़ी जीत है. इस चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद शनिवार की शाम को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए उनमें जोश भी भरा. यह संकेत भी दे दिए कि अब उनके सामने अगला टास्क क्या है? अपने आप को पूर्वांचल का सांसद भी प्रधानमंत्री ने बताया था. दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने में दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों ने जो भूमिका निभाई, इसका भी उन्होंने जिक्र किया था. ऐसे में अब सियासी गलियारे में यह भी चर्चा शुरू हो गई है कि दिल्ली में बीजेपी ने जो संकल्प पत्र जारी कर आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा मुफ्त योजनाओं को जारी रखने, इसके अलावा महिलाओं के लिए, बुजुर्गों के लिए, ऑटो-रिक्शा वालों के लिए, झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के लिए जो चुनावी वादे किए हैं, क्या बिहार विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को अब इन सब वादों को करने होंगे?
बीजेपी मजबूत तो विपक्षी दल राजद भी कमजोर नहीं: ईटीवी भारत के सवाल, "राज्य सरकारों द्वारा जनता को मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर पहले बीजेपी का स्टैंड अलग होता था, मगर दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार पार्टी ने दिल्ली वालों को मिल रही मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं को बसों में मुफ्त सफर से लेकर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा सभी जनहित योजनाओं को जारी रखने का जो वादा किया है, क्या बिहार की जनता को भी अब चुनाव में पार्टी यह वादे करेगी?" पर वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने कहा कि अब पार्टी इससे अपने को अलग नहीं कर सकती. अन्य राज्यों में भी टुकड़ों- टुकड़ों में पार्टी चुनावी वादे तो करती रही है. दिल्ली में एक साथ कई वादे कर दिए तो इस प्रयोग से पीछे नहीं रहा जा सकता. बिहार में अन्य दलों की स्थिति को लेकर भी उन्होंने कहा कि बीजेपी मजबूत स्थिति में है. लेकिन विपक्षी दल राजद भी कमजोर नहीं है. अगर विपक्ष गठबंधन से चुनाव लड़े तो नतीजा कुछ भी उलट फेर हो सकता है.
"बिहार में बीजेपी की शुरुआती स्थिति बहुत बेहतर है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुत अच्छा परफॉर्म किया है. तो बीजेपी को अपनी लोकसभा की परफॉर्मेंस रिपीट करनी है. वहां दिल्ली जैसा तो कोई इतिहास नहीं है कि वहां दशकों से सत्ता से दूर रही हो. वहां केवल बीजेपी को तय नहीं करना है, नीतीश कुमार को तय करना है चुनाव परिणाम के बारे में. चुनाव परिणाम के बारे में कयास लगाना अभी जल्दबाजी होगा. अभी भी मानता हूं बिहार में सीरियस कांटेस्ट हो सकता है. बावजूद लोकसभा चुनाव नतीजे के अभी भी राजद गंभीरता से काम करें तो बिहार में एक बड़ा गठबंधन राजद, माले और कांग्रेस मिलकर एक महत्वपूर्ण चुनौती दे सकती है. अभी से मैं बिहार के चुनाव में यह मानने को तैयार नहीं हूं कि बीजेपी जीतेगी ही और आरजेडी हारेगी. विपक्ष जिनको तीन धक्के लगा चुके हैं उसके पास भरपूर मौका होगा यह साबित करने का, अपनी वापसी करनी है."- योगेंद्र यादव, राजनीतिक विश्लेषक
बता दें कि बीते चार महीनों में हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में बड़ी हार का सामना कर रही कांग्रेस की केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार पर अब फोकस किया है. जो इस बात के संकेत दे रहे हैं कि बिहार में कांग्रेस मजबूती से इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.
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