नई दिल्लीः आगामी दिल्ली चुनाव को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में सियासी पारा चरम पर है. आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो गई है. इसी बीच कांग्रेस ने बुधवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा को घेरने के लिए एक श्वेत पत्र जारी किया. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने इसे जारी करते हुए दिल्ली की मौजूदा सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल को "फर्जीवाल" का तमगा दिया.
माकन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने जनता को लगातार धोखा दिया है, इस श्वेत पत्र में दिल्ली के विकास कार्यों, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचनाओं में सरकार की विफलताओं को उजागर किया गया है. इसके साथ ही माकन ने कहा कि वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन से दिल्ली का ये हाल हुआ है. दूसरी बार लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन सबसे बड़ी भूल थी. अजय मानक ने श्वेत पत्र की शुरुआत 12 पंक्तियों की एक कविता से की, जिसमें केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार विफलताओं को दर्शाया गया है.
12 पंक्तियों की कविता से श्वेत पत्र की शुरुआतः
"मौका-मौका हर बार धोखा,
कोरोना काल में लगा रहा लाशों का अंबार,
बस सेंट्रल विस्टा और शीश महल पर बरसा प्यार,
1780 करोड़ की पेंशन बुजुर्गों की भुलाई,
झुग्गियों पर बुलडोजर, 2.80 लाख हुए बेघर,
अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, जुमलों का जंजाल,
बारिश में डूबी दिल्ली, सड़कों पर तालाब,
भ्रष्टाचार बना धंधा, बिजली-पानी महंगा,
दस साल गुजर गए, जन लोकपाल भूल गए,
कचरे के पहाड़ों से घिरी दिल्ली, प्रदूषण में नंबर वन.''
कोरोना काल और स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा:अजय माकन ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई रही. श्मशान घाटों पर लाशों की लाइनें लगी थी, लेकिन सरकार ने अस्पतालों पर ध्यान देने के बजाय शीश महल बनाने में पैसे खर्च किए. उन्होंने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों को 10,250 करोड़ रुपये की आवश्यकता थी, लेकिन सरकार ने केवल 372 करोड़ रुपये आवंटित किए, जिससे अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा होने में 30 साल लग सकते हैं.
शिक्षा और रोज़गार में गिरावटःअजय माकन ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के नाम पर स्थिति दयनीय है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 56,000 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चे स्कूलों में दाखिले से वंचित हैं. स्कूलों में शिक्षकों और प्रिंसिपल की भारी कमी है. अध्यापकों की भर्ती में लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "सरकार अपने विज्ञापन पर 500 करोड़ सालाना खर्च कर सकती है, लेकिन स्कूलों की हालत सुधारने में असफल रही है."
बिजली, पानी, और झुग्गियों का मुद्दाः माकन ने कहा कि दिल्ली में बिजली और पानी की स्थिति भी सवालों के घेरे में है. 44% घरों में गंदा पानी आ रहा है, और बिजली बिलों में भारी बढ़ोतरी हुई है. झुग्गियों पर चलाए गए बुलडोजर का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने 2.8 लाख लोगों को बेघर कर दिया, लेकिन उनके पुनर्वास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
कचरे के पहाड़ और प्रदूषण में नंबर वन दिल्ली:दिल्ली में सफाई और प्रदूषण नियंत्रण की स्थिति बेहद खराब है. माकन ने कहा कि यमुना नदी अभी तक साफ नहीं हुई. दिल्ली में आज 500 किमी सड़कें टूटी हुई हैं, और कचरे के 213 फीट ऊंचे पहाड़ पर्यावरण के लिए खतरा बन गए हैं. प्रदूषण के लिहाज से दिल्ली विश्व में पहले स्थान पर खड़ी है.
केंद्र सरकार पर भी निशानाःअजय माकन ने केंद्र की भाजपा सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा जैसे महंगे प्रोजेक्ट पर पैसा बहाया गया, लेकिन स्वास्थ्य और बुनियादी जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया गया.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी से गठबंधन सबसे बड़ी भूलःअजय माकन ने कहा कि वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस ने गठबंधन किया था. उस गठबंधन के कारण कांग्रेस और दिल्ली का ये हाल है. दूसरी बार दिल्ली लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करना सबसे बड़ी भूल थी. इस बार गठबंधन नहीं होगा. केजरीवाल फर्जीवाल हैं. वह अपने हित के लिए कुछ भी वादे कर सकते हैं. जो वादे दिल्ली में कर रहे हैं और ये हवाला देते हैं, एलजी योजना को लागू नहीं होने दे रहे हैं. तो उन्हें पंजाब में योजनाएं लागू कर दिखानी चाहिए वहां कोई एलजी नहीं है. दिल्ली में महिल्ला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये हर माह देने का आम आदमी पार्टी ने वादा किया है. इस पर माकन ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे हैं. अपने आप को लाइमलाइट में रखने के लिए कुछ भी कर सकते हैं.