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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2025 को सुधार का वर्ष बताया, कहा 'सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में एक कदम' - RAJNATH CALLS 2025 A YEAR OF REFORM

रक्षा मंत्रालय में सर्वसम्मति से 2025 को 'सुधारों का वर्ष' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैन्य अधिकारियों के साथ (तस्वीर 30 दिसंबर की है) (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 1, 2025, 3:12 PM IST

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया है. इस घोषणा के साथ, रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत, युद्ध के लिए तैयार बल में बदलना है जो एकीकृत बहु-डोमेन संचालन में सक्षम हो.

रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नए साल की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्रालय (MoD) के सभी सचिवों के साथ विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं, सुधारों और आगे के रास्ते की प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. चल रहे और भविष्य के सुधारों को गति देने के लिए, रक्षा मंत्रालय में सर्वसम्मति से 2025 को 'सुधारों का वर्ष' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया. इसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को बहु-डोमेन एकीकृत संचालन में सक्षम तकनीकी रूप से उन्नत युद्ध-तैयार बल में बदलना होगा."

बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि रक्षा मंत्रालय इस बात पर ध्यान केंद्रित करेगा कि सुधारों को संयुक्तता और एकीकरण पहल को और बढ़ावा देना चाहिए, जिससे एकीकृत थिएटर कमांड की स्थापना की सुविधा मिल सके. इसके अतिरिक्त, इस बात पर भी जोर दिया गया कि सुधारों को साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए डोमेन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, हाइपरसोनिक्स और रोबोटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. भविष्य के युद्धों को जीतने के लिए आवश्यक संबद्ध रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाएं भी विकसित की जानी चाहिए.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि, रक्षा मंत्रालय अंतर-सेवा सहयोग और प्रशिक्षण के माध्यम से परिचालन आवश्यकताओं और संयुक्त परिचालन क्षमताओं की साझा समझ विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा. यह नोट किया गया कि, प्रक्रियाओं को सरल और समय-संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है ताकि तेज और मजबूत क्षमता विकास को सुविधाजनक बनाया जा सके. इसके साथ-साथ यह भी निर्णय लिया गया कि रक्षा मंत्रालय रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न हितधारकों के बीच सहयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा. साथ ही साथ प्रभावी नागरिक-सैन्य समन्वय का उद्देश्य अक्षमताओं को खत्म करना और संसाधनों का अनुकूलन करना होना चाहिए.

विज्ञप्ति के अनुसार, भारत को रक्षा उत्पादों के एक विश्वसनीय निर्यातक के रूप में स्थापित करना, ज्ञान साझा करने और संसाधन एकीकरण के लिए भारतीय उद्योगों और विदेशी मूल उपकरण निर्माताओं के बीच अनुसंधान और विकास और साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि 'सुधारों का वर्ष' सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा. उन्होंने कहा, "यह देश की रक्षा तैयारियों में अभूतपूर्व प्रगति की नींव रखेगा, इस प्रकार 21वीं सदी की चुनौतियों के बीच राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करने की तैयारी करेगा."

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