रायपुर: छत्तीसगढ़ मुस्लिम समाज ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग उठाई है. रायपुर में गुरुवार को मुस्लिम महासभा आयोजित की गई. जिसमें पूरे प्रदेश के हर जिले से मुस्लिम समाज के प्रमुख शामिल हुए. इस दौरान पशु तस्करी और परिवहन बंद करने के साथ गाय को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की गई.
"गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें पीएम मोदी", छत्तीसगढ़ मुस्लिम महासभा में उठी मांग - Cow As National Animal
Cow As National Animal, Chhattisgarh Muslim Mahasabha छत्तीसगढ़ के मुस्लिमों ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के साथ ही गाय की तस्करी पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. रायपुर में आयोजित मुस्लिम महासभा में समाज के लोगों ने सरकार से बीफ एक्सपोर्ट कंपनियों पर तुरंत बैन लगाने की भी मांग की. Cow smuggling
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Jul 5, 2024, 11:47 AM IST
|Updated : Jul 5, 2024, 11:54 AM IST
मुस्लिम महासभा में गाय और गौ तस्करी पर चर्चा:छत्तीसगढ़ मुस्लिम महासभा के आयोजनकर्ता सदस्य हुसैनी सेना प्रमुख राहिल रउफी ने बताया कि "इस ऐतिहासिक और देश की पहली मुस्लिम महासभा में कई मुद्दों पर बातें हुई. मुख्य रूप से भाईचारा को बचाने के लिए सभी ने जोर दिया. साथ ही इस बात पर लोगों ने नाराजगी जताई कि शासन प्रशासन की तरफ से भय मुक्त वातावरण बनाने कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. सरकार पर असामाजिक तत्वों को संरक्षण देने का भी आरोप लगा. ये भी कहा कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन अब आरंग हत्याकांड से नफरत का कटोरा कहा जाना लगा है." हुसैनी सेना प्रमुख राहिल रउफी ने बताया कि महासभा में कुछ मांगें भी रखी गई है. जो इस तरह है.
- देश के प्रधानमंत्री "गाय" को देश का राष्ट्रीय पशु घोषित करे.
- जितनी भी बीफ एक्सपोर्ट कंपनियां है उन्हें तत्काल बैन करे.
- पशु परिवहन और तस्करी बंद हो
- आरंग हत्याकांड में हत्या की धारा लगाई जाए, इस हत्याकांड की न्यायिक जांच या सीबीआई जांच हो, बचे आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो.
- अवैध उगाही गैंग, गो रक्षक की आड़ में उगाही, मारपीट और हत्या कर रहे है. उनपर शासन नकेल डाले
- आरंग हत्याकांड को आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है. जिसका अब मुस्लिम समाज पूरे प्रदेश स्तर पर विरोध करेगा.
बैठक में सभी मस्जिद के मुतवल्ली, नायब मुतवल्ली सेक्ट्ररी, अंजुमन के सदर, दरगाहों के खादिम, उर्स कमेटी सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी वर्ग, अधिवक्ता सहित समाज के लोग शामिल हुए.