पटना : बिहार के चूहेशरारती, पियक्कड़ और खब्बू किस्म के हैं. ये इतने डेंजरस हैं कि जो कुछ भी गड़बड़ हुआ समझो वो चूहों की कारस्तानी है. अधिकारी भी चूहों की तरफदारी करने कैमरे के सामने चले आएंगे. फिर चाहे लाखों लीटर जब्त शराब गटक जाने का मामला हो या फिर बांध के टूटने का इल्जाम, ये सभी आरोप बिहार के डेंजरस चूहे अपने सिर माथे पर लेकर घूमते हैं. सरकारी संरक्षण में ये नहरों के किनारे, अमानती घरों और रेलवे लाइनों के किनारे ये खूब फल फूल रहे हैं. अब जब ये इतनी मदद अफसरों की करते हैं तो इनकी खुशामद तो बनता ही है.
चूहों पर इसी बांध को कुतरने का आरोप (ETV Bharat) लापरवाह अफसरों के मददगार चूहे? : ताजा मामला सिवान का है जहां चूहों ने एक बार फिर एक 'साहब' की लापरवाही अपने जिम्मे ओढ़ ली है. नवादा गांव में नहर का बांध मरम्मती के अभाव में टूट गया. नतीजा ये हुआ कि नवादा गांव में पानी घुस गया और कई किसानों की सैकड़ों एकड़ धान की फसलों को डूबो दिया. वैसे भी चूहे सफाई देने तो आएंगे नहीं कि नहीं कि 'हमने बांध नहीं कुतरा, ये लापरवाही के चलते हुआ है'. चूहों की इसी दरियादिली के चलते लापरवाह अधिकारियों की नौकरी चल रही है.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat) चूहों ने कुतर डाला बांध: साल 2022 में वैशाली जिले में गंडक नहर पर बना बांध भी कुछ इसी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. उस समय भी कहा गया था कि चूहों ने बांध कुतर कर होल कर दिया था, जिससे पानी रिसते रिसते बांध टूट गया और गांव में बाढ़ आ गई. सिवान के नवादा गांव में जून 2024 में भी कुछ ऐसा ही हुआ. इल्जाम चूहों पर लगा कि बांध चूहों की वजह से कमजोर हो गया था जिसके चलते पानी का लोड मिलते ही बांध टूट गया और पानी नवादा गांव में घुस आया.
सिवान में बांध टूटने से बाढ़ जैसे हालात (ETV Bharat) बांध टूटने पर अधिकारी ने क्या कहा? : सिवान में बांध टूटने पर जिम्मेदार जूनियर इंजीनियर मदन मोहन ने सफाई दी. JE ने कहा कि "नहर के आउटलेट के लिए जगह छोड़ी जाती है. जिसमें हर जगह चूहे ने छेद कर दिया था. पानी भरने की वजह से रिसाव ज्यादा हुआ और इस तरह से बांध टूट गया."
पहले भी कर चुका है कारनामे : बिहार के खतरनाक चूहों ने साल 2016-17 में कैमूर और पटना में शराबबंदी के दौरान जब्त शराब के आंकड़ों में कमी मिली तो जितनी दारू कम हुई थी उसे पीने का इल्जाम भी बिहार के इन्ही चूहों पर लगा था. तब पुलिस महकमे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चूहों द्वारा दारू गटके जाने का खुलासा किया था. यही नहीं मार्च 2019 में पटना के बोरिंग रोड के एक ज्वैलरी शॉप से चूहों ने ज्वेलरी शॉप में हीरे की जूलरी उड़ा ली. सीसीटीवी से जांच की गई तो चूहों की करतूत उजागर हुई. दिसंबर 2021 में चूहे जहानाबाद के सुखदेव प्रसाद वर्मा रेफरल अस्पताल में 22 लाख रुपए की डिजिटल एक्सरे मशीन खराब हो गई. जब पूछा गया तो उंगली चूहों पर उठी.
बिहार के डेंजरस चूहे (ETV Bharat) चूहे पर कैसे काबू पाए सरकार: इतनी घटनाएं होने के बावजूद सरकार चूहों पर काबू पाने में नाकाम है. चूहा मारने के लिए दवाओं का इस्तेमाल भी नहीं हो रहा है और न ही बांधों के रखरखाव पर ध्यान दिया जा रहा है. जब तक चूहों पर कंट्रोल नहीं किया जाएगा, चूहे यूं ही लापरवाह अधिकारियों के लिए ढाल की तरह इस्तेमाल होते रहेंगे. सिस्टम के अंदर घुसे चूहों को पहले सरकार को निपटना होगा, ताकि फिर कहीं कोई ऐसी घटनाएं न हों.
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