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साइबर क्राइम सीरीज : इन्वेस्टमेंट के नाम पर कहीं फ्रॉड के तो नहीं हो रहे शिकार ? - Cyber Crime Series Investment Scams - CYBER CRIME SERIES INVESTMENT SCAMS

Cyber Crime Series: देश में साइबर क्राइम में टॉप ट्रेंडिंग अपराध निवेश धोखाधड़ी है. अब तक इससे जुड़े कई सारे मामले सामने आ चुके हैं. इस विषय पर IPS शिखा गोयल (सीआईडी ​​की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बातचीत में इन्वेस्टमेंट स्कैम, साइबर अपराधों से जुड़ी समस्याओं पर लोगों का ध्यान फोकस किया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 21, 2024, 7:54 PM IST

Updated : May 22, 2024, 2:57 PM IST

साइबर फ्रॉड पर IPS शिखा गोयल से खास बातचीत (ETV Bharat)

हैदराबाद: इन्वेस्टमेंट स्कैम एक बड़ी समस्या हैं, जिसमें लोगों को अक्सर भारी मुनाफ़े का वादा किया जाता है. उदाहरण के तौर पर जैसे एक रुपये को एक लाख में बदल देना वगैर..वगैरह. हालांकि, यह सबकुछ आश्चर्यजनक लगता है. लेकिन यह एक चाल है. साइबर अपराधी अपनी रणनीति से इसे और भी बेहतर बनाते हैं. वे लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं, उनके पैसे लेते हैं और गायब हो जाते हैं. इस तरह के स्कैम का जाल फैलता ही जा रहा है. इस तरह के अपराध में बड़े-बड़े साइबर क्राइम करने वाले लोग शामिल होते हैं. साइबर अपराध से जुड़े ये बड़े खिलाड़ी लोगों को बड़े रिटर्न का वादा करके उनसे पैसा चुरा लेते हैं. स्कैम कई तरह से किए जाते हैं, जिनमें निम्नलिखित कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं:

ग्राफिक्स (ETV BHARAT)

वेबसाइट बेस्ड स्कैम
स्कैमर्स लोगों को धोखा देने के लिए वेबसाइटों का उपयोग कर रहे हैं. वे अपने टारगेट से फर्जी सौदा करते हैं. उदाहरण के तौर पर बताते हैं कि, अगर आप इंटरनेट ब्राउज कर रहे होंगे उसी दौरान एक पॉप अप दिखाई देगा. जिसमें किसी नामी कंपनी के महंगे फोन बेहद सस्ते दाम में खरीदने का लालच दिया जाएगा. वे अपने टारगेट को सेट करने के लिए क्लीयरेंस सेल का दावा करते नजर आते हैं. पॉप अप में यह भी दावा किया जाता है कि, यदि आप थोक में महंगे मोबाइल खरीदते हैं तो यह और अधिक सस्ता हो जाएगा. व्यक्ति को जाल में फंसाने के लिए पॉप-अप कथित खुश ग्राहकों की तस्वीरें, वीडियो और टिप्पणियां दिखाता है. यदि आप इसके झांसे में आ जाते हैं और भुगतान कर देते हैं, तो आप वहीं अपना सारा पैसा गंवा देंगे. ऐसा ही एक मामला हैदराबाद का है. जहां एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी की एक अधिकारी इसके झांसे में आ गईं और उन्होंने 20 लाख रुपये का भुगतान कर दिया. जानकारी के मुताबिक अधिकारी ये मोबाइल अपने स्टाफ को इनाम के तौर पर देने के लिए यह खरीदी की थी. हालांकि, मोबाइल के लिए पैसों का भुगतान करने के बाद भी मोबाइल उन तक नहीं पहुंचा. बाद वे इसकी शिकायत लेकर पुलिस के पास गईं.

ग्राफिक्स (ETV BHARAT)

फॉरेक्स
स्कैमर्स विदेशी मुद्रा (विदेशी मुद्रा) व्यापार घोटालों के लिए लोगों को वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआइपी) कॉल का उपयोग कर रहे हैं. यहां वे खुद को विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग कंपनियों के प्रतिनिधि के रूप में पेश करते हैं और वादा करते हैं कि यदि आप उनके साथ निवेश करेंगे तो भारी मुनाफा होगा. उनका दावा है कि अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में वृद्धि के साथ, मुद्रा विनिमय की उच्च मांग है, जिसका अर्थ है भारी कमीशन के बिना बड़ा मुनाफा. लोगों को फंसाने और उन्हें ठगने के लिए के लिए इस तरह के अपराधी अक्सर फर्जी वेबसाइट और बैंक खाते स्थापित किए हैं. लोगों को झांसे में लाने के लिए और उनका विश्वास हासिल करने के लिए, वे शुरुआत में कुछ कमीशन भी देते हैं. यह लोगों को अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं. लेकिन एक बार जब उनके पास पर्याप्त पैसा हो जाता है, तो वे गायब हो जाते हैं. फिर उनका शिकार हाथ मलता रह जाता है. इस तरह का एक मामला हैदराबाद के गाचीबोवली में हुआ, जहां एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ऐसे घोटाले में 73 लाख का नुकसान हो गया.

फ्रेंचाइजी
कई कंपनियां अब फ़्रैंचाइजी की पेशकश करती हैं, जिसका अर्थ है कि वे अन्य लोगों को अपने सफल व्यवसाय की नई शाखाएं खोलने देती है. हालांकि यहां भी अपराधी और घोटालेबाज इसका फायदा उठा रहे हैं. वह कैसे, हम आपको बताते हैं... वे आपके सामने ऑनलाइन खुद को जानी-मानी कंपनियों के प्रतिनिधि के रूप में पेश करते हैं. यदि आप रुचि दिखाते हैं, तो आपसे संपर्क करने पर वे आपको फ्रेंचाइजी देने का वादा करते हैं. वे आपको वैध दस्तावेज़ जैसे प्रतीत होने वाले नकली दस्तावेज़ भी भेजेंगे. लेकिन एक बार जब आप भुगतान कर देते हैं, तो वे गायब हो जाते है. हैदराबाद में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां, एक व्यक्ति को केएफसी फ्रेंचाइजी देने का वादा करके 26.27 लाख रुपये ठग लिए. वहीं एक अन्य व्यक्ति को गैस डीलरशिप देने के नाम पर 45 लाख रुपये का भारी नुकसान हो गया.

पार्ट टाइम जॉब
घोटालेबाज पार्ट टाइम जॉब की पेशकश करके लोगों को बरगला रहे हैं जो कि एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. वे मशहूर कंपनियों से होने का दावा करते हुए सोशल मीडिया पर इन नौकरियों का विज्ञापन करते दिखाई देते हैं. वे नौकरी चाहने वालों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेजते हैं. स्कैमर्स यहां आपको अपनी जाल में फंसाने के लिए यह कहते हैं कि आप विज्ञापन में अपना रिव्यू देते हैं तो आप इससे भी पैसा कमा सकते हैं. इस तरह के एक मामले में एक सरकारी कर्मचारी के 84.9 लाख रुपये फंस गए.

स्टॉक एक्सचेंज
शेयर बाजार में निवेश करना आजकल आम बात है, लेकिन घोटालेबाज इसका फायदा उठा रहे हैं. वे स्टॉकब्रोकर के रूप में ऑनलाइन विज्ञापन करते हैं और दावा करते हैं कि वे भविष्यवाणी कर सकते हैं कि किस कंपनी के शेयरों में वृद्धि होगी. वे त्वरित लाभ का वादा करते हुए कहते हैं कि यदि आप सुबह निवेश करते हैं, तो आपको शाम तक रिटर्न मिलेगा. घोटालेबाज आपको विश्वास दिलाने के लिए आपके खाते में फर्जी मुनाफा भी दिखाते हैं. वे आपके लिए लाभ पर शेयर खरीदने और बेचने का वादा करते हुए, आगामी आईपीओ के बारे में अंदरूनी जानकारी होने का दावा भी कर सकते हैं. वे अपने ऐप में उपयोग करने के लिए आपका नाम और खाता विवरण मांगते हैं. एक बार जब आप बड़ी रकम निवेश कर देते हैं, तो ऐप बड़ा मुनाफा दिखाता है. लेकिन जब आप पैसे निकालने का प्रयास करते हैं, तो यह जटिल हो जाता है. यहां तक ​​कि अगर आप अधिक निवेश करने से इनकार करते हैं, तो भी वे आप पर ऐसा करने के लिए दबाव डालते हैं. इस तरह के एक घोटाले में हैदराबाद में एक व्यक्ति से 36 लाख रुपये ऐंठ लिए गए.

क्रिप्टोकरेंसी
क्रिप्टोकरेंसी एक हॉट ट्रेंड है, लेकिन घोटालेबाज इसका फायदा उठा रहे हैं. वे व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं और बड़े मुनाफे का वादा करते हैं. वे कहते हैं कि यदि आप निवेश करते हैं, तो आप जल्दी ही बहुत सारा पैसा कमा लेंगे. लेकिन एक बार निवेश करने के बाद आप अपना पैसा नहीं निकाल सकते. वे आपको यह सोचकर अधिक निवेश करने के लिए बरगलाते हैं कि आपको और भी अधिक रिटर्न मिलेगा. इस तरह के एक घोटाले में हैदराबाद के कपरा इलाके के एक आईटी कर्मचारी को 78 लाख रुपये का भारी नुकसान हुआ.

पोंजी
इसे पोंजी घोटाला कहा जाता है और इसकी शुरुआत अक्सर व्हाट्सएप कॉल से होती है. वे एक स्टॉकब्रोकिंग कंपनी से होने का दावा करते हैं और यदि आप इसमें शामिल होते हैं और दूसरों को भर्ती करते हैं तो बड़े कमीशन का वादा करते हैं. जो लोग जल्दी जुड़ते हैं उन्हें बड़े इनाम दिए जाते हैं. मिलते हैं, जिसका उपयोग वे अधिक लोगों को लुभाने के लिए करते हैं. यह सिलसिला तब तक जारी रहता है जब तक कि वे एक बड़ी रकम एकत्र नहीं कर लेते. भारी रकम ऐंठने के बाद फिर वे गायब हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में टारगेट के पास हाथ मलने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं रह जाता है.यह एक ऐसी योजना है जो पहले के निवेशकों को रिटर्न का भुगतान करने के लिए नए सदस्यों की भर्ती पर निर्भर करती है. हालांकि, इसका कोई स्थिर भविष्य नहीं होता. जब आप लोगों को इसमें जोड़ना बंद कर देते हैं तो इस तरह का बिजनेस खत्म हो जाता है.

कुल दर्ज मामले: 20,500

कुल घाटा:582.3 करोड़ रुपये है

ईटीवी भारत से बात करते हुए सीआईडी ​​की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शिखा गोयल ने कहा कि साइबर अपराध में देश में टॉप ट्रेंडिंग अपराध निवेश धोखाधड़ी है.

शिखा गोयल ने कहा कि, ' निवेश धोखाधड़ी से जुड़े अपराधी पैसा दोगुना करने का लालच देते हैं. वे आपको बताते हैं कि, स्टॉक, आईपीओ में कितना निवेश करना है, कौन सा आईपीओ क्या चलन में हैं वगैर..वगैरह...

मोडस ऑपरेंडी
सीआईडी ​​की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक शिखा गोयल के अनुसार, 'एजेंट' वास्तविक संगठनों की अपनी नकली वेबसाइटें दिखाते हैं. जब कोई व्यक्ति घाटालेबाजों के झांसे में एक बार आ जाते हैं, तो वे आगे की बातचीत शुरू करते हैं. वे लोगों को नामी कंपनियों की क्लोन नकली वेबसाइटों में खाते बनाने के लिए दबाव बनाते हैं. उन्होंने कहा, 'वहां, वे ऐसा दिखाते हैं जैसे आपने वे स्टॉक खरीदे हैं. वे आपसे बड़ी मात्रा में स्टॉक खरीदने के लिए भी कहते हैं. अपराधी लोगों को ठगने आपसे 20-30 लाख मूल्य के स्टॉक खरीदने पर सस्ती दर पर देने का प्रलोभन देते हैं. तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो के निदेशक ने यह बात कही.

शिखा गोयल, जो तकनीकी सेवाएं भी संभाल रहे हैं, ने कहा कि फर्जी वेबसाइट खरीदारों को दिखाएगी कि उनका स्टॉक बढ़ने लायक है और बाजार मूल्य बढ़ गया है. हालांकि, यह सब नकली होता है. यदि आप अपना स्टॉक निकालना या बेचना चाहते हैं, तो वे कहेंगे कि आपको कुछ और खरीदना होगा, यदि आप अधिक खरीदते हैं तभी आप निकाल सकते हैं, और इस तरह वे आपको बाहर निकलने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ते हैं. तो इस तरह से बहुत से लोग, विशेष रूप से युवा, सॉफ्टवेयर उद्योग में काम करने वाले लोग, कॉर्पोरेट में वे बहुत सारा पैसा खो रहे हैं.

कम समय में धन कमाने का लालच
शिखा गोयल के अनुसार, राज्य साइबर सुरक्षा ब्यूरो को हर दिन 50 से 60 कॉल प्राप्त हो रही हैं. उन्होंने कहा कि विंग को अब तक 58 कॉल प्राप्त हुई हैं. गोयल ने कहा कि हर दिन संचयी नुकसान एक या दो करोड़ के बीच होगा. उन्होंने कहा, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग जल्दी पैसा कमाने के लालच में फंस जाते हैं.'

स्टॉक ट्रेडिंग की मूल बातें
सबसे पहले, किसी को यह समझना चाहिए कि डीमैट खाते स्टॉक ट्रेडिंग का आधार हैं. कोई भी कंपनी आपको उनके शेयर खरीदने के लिए खाता बनाने की अनुमति नहीं देगी, क्योंकि स्टॉक केवल एक्सचेंजों के माध्यम से ही बेचे जा सकते हैं.

गोयल ने कहा, 'ऐसा कोई स्टॉक नहीं है जिसे आप बिना डीमैट खाते के निजी खाते से खरीद सकें.'

एडीजीपी ने सुझाव दिया कि किसी भी शेयर निवेशक को कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले Google पर कंपनी को खोजना चाहिए और कंपनी के बारे में अधिक जानना चाहिए. उन्होंने संभावित निवेशकों से शेयर खरीदने के लिए किसी भी निजी खाते में धन हस्तांतरित नहीं करने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा, इस तरह की बुनियादी सावधानियां निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाने में मदद करेंगी.

1.1.2023 से 31.12.2023 की अवधि के दौरान नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रबंधन प्रणाली का राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार विवरण

Sl. No. State

No of

Complaint

Reported

Amount

Reported

(Rs in Lacs)

No of

Complaints

(Put on Hold)

Lien

Amount

(Rs in Lacs)

1 अंडमान और निकोबार 526 311.97 161 26.46
2 आंध्र प्रदेश 33507 37419.77 9580 4664.14
3 अरुणाचल प्रदेश 470 765.79 127 34.39
4 असम 7621 3441.8 2163 451.61
5 बिहार 42029 24327.79 11533 2779.41
6 चंडीगढ़ 3601 2258.61 1058 296.67
7 छत्तीसगढ़ 18147 8777.15 5056 898.41
8 दादरा और नगर हवेली, दमन दीव 412 326.21 105 40.88
9 दिल्ली 58748 39157.86 13674 3425.03
10 गोवा 1788 2318.25 450 153.22
11 गुजरात 121701 65053.35 49220 15690.9
12 हरियाणा 76736 41924.75 21178 4653.4
13 हिमाचल प्रदेश 5268 4115.25 1502 370.78
14 जम्मू कश्मीर 1046 786.56 253 62.55
15 झारखंड 10040 6788.98 2822 556.38
16 कर्नाटक 64301 66210.02 18989 7315.52
17 केरल 23757 20179.86 8559 3647.83
18 लद्दाख 162 190.29 41 10.03
19 लक्षद्वीप 29 19.58 6 0.51
20 मध्य प्रदेश 37435 19625.03 9336 1462.33
21 महाराष्ट्र 125153 99069.22 32050 10308.47
22 मणिपुर 339 333.03 108 66.94
23 मेघालय 654 424.2 252 46.71
24 मिजोरम 239 484.12 75 35.44
25 नागालैंड 224 148.94 73 18.09
26 ओडिशा 16869 7967.11 5187 1049.34
27 पुदुचेरी 1953 2020.34 568 143.38
28 पंजाब 19252 12178.42 4923 1332.66
29 राजस्थान 77769 35392.09 20899 3934.82
30 सिक्कम 292 197.92 65 18.01
31 तमिलनाडु 59549 66123.21 17941 6980.72
32 तेलंगाना 71426 75905.62 26148 13137.94
33 त्रिपुरा 1913 900.35 488 84.82
34 उत्तराखंड 17958 6879.67 4813 708.94
35 उत्तर प्रदेश 197547 72107.46 44089 5906.86
36 पश्चिम बंगाल 29804 24733.33 6307 1845.97
कुल 1128265 748863.9 319799 92159.56

यह बात गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही...

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Last Updated : May 22, 2024, 2:57 PM IST

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