नई दिल्ली:दिल्ली के एक शेल्टर होम में बीते 20 दिनों में 14 लोगों की मौत होने से हड़कंप मच गया है. इस हादसे के लिए एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने इस मामले में दिल्ली की मंत्री आतिशी से जिम्मेदारी लेने की मांग की है. उन्होंने कहा, "पानी दूषित है. फिल्टर लगाए नहीं गए हैं. अधिकांश मौतें डायरिया से हुई है. जहां पर केवल 250 महिलाओं के रहने की जगह है, वहां पर 495 लोग रह रहे हैं. इतनी मौतें होने के बाद कुछ लोगों को निकाला गया है."
शर्मा ने कहा, "पिछले 2 महीने से यहां शौचालय नहीं हैं. केवल 100 लोगों के लिए शौचालय हैं जिसे लगभग 500 लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. आप सोच सकते हैं कि कितनी बड़ी लापरवाही है. यहां की कर्ता-धर्ता CMO का कहना है कि उन्होंने इन समस्याओं को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी, लेकिन उसका सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. आने-जाने के लिए कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं किया गया है. जो भी कार्यकर्ता हैं उन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित नहीं किया गया है. उन्हें बस नौकरी पर रख लिया गया है."
NCPCR ने भेजा नोटिसःराष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, "हमने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और समाज कल्याण विभाग के संबंधित अधिकारियों से बात की है. उनसे विस्तृत जानकारी ली है. उन्होंने फोन पर एक नाबालिग की मौत की पुष्टि की है. हम दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं कि वह हमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य विवरण उपलब्ध कराए, ताकि मौत का कारण पता चल सके. हमें जो जवाब मिलेगा, उसके आधार पर हम आगे कदम उठाएंगे.
उन्होंने कहा कि NCPCR ने एक पोर्टल, एक मॉनिटरिंग ऐप बनाया है और हमने दिल्ली सरकार को इसकी एक्सेस दे दी है. उनसे अनुरोध है कि वे दिल्ली में बाल गृहों के निरीक्षण की रिपोर्ट उसी पर अपलोड करें. दुर्भाग्य से, दिल्ली सरकार बाल गृहों के निरीक्षण के मामले में उदासीन है. वे निरीक्षण नहीं करते. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो अनियमितताएं होंगी और ऐसी घटनाएं होती रहेंगी."
मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगीःवहीं, आज राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल दिल्ली के आशा किरण आश्रय गृह का दौरा किया. इससे पहले उन्होंने कहा था, "दिल्ली सरकार 'आशा किरण' नाम का शेल्टर होम चलाती है. इसमें मानसिक रूप से बीमार महिलाएं और बच्चे रहते हैं. इस शेल्टर होम में पिछले 20 दिन में 14 मौतें रहस्यमयी कारणों से हुई हैं. मैं जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थीं तब भी यहां 2 महीनों में 11 रहस्यमयी मौतें हुई थीं. मैंने यहां जाकर निरीक्षण किया था और बहुत बुरे हालात पाए थे. वहां पर महिलाएं रेंग कर बाथरूम जाने पर मजबूर हैं. कई छोटे बच्चों को अपने बिस्तरों में शौच करना पड़ रहा था. डॉक्टरों की भी कमी थी. हमने कठोर रिपोर्ट बनाकर दिल्ली सरकार को दी. तब भी कुछ जांच हुई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी. इस मामले में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. मैं ये मुद्दा सदन में उठाऊंगी."