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एक क्लिक में जानिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में किन लोगों को है वोट देने का अधिकार?

American Presidential Election 2024: भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे वोटिंग शुरू होगी. नया राष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ लेगा.

American Presidential Election 2024
अमेरिकी राष्टपति चुनाव 2024 (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

वॉशिंगटन: अमेरिका के नए बॉस के चुनाव के लिए आज भारतीय समयानुसार शाम 5:30 पर वोटिंग शुरू होगी. वहीं, वोटिंग के तुरंत बाद ही मतगणना का काम भी शुरू हो जाएगा. इस बार रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और वर्तमान उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडीडेट कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. दोनों प्रत्याशी पूरे दमखम से प्रचार में लगे रहे. अब निर्णायक घड़ी आ गई है जब वोटर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को लिए वोट डालेंगे.

इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में क्या ग्रीन कार्ड धारक, प्रवासी और सैलानी वोट दे सकते हैं? यह भी जानना आवश्यक है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए किसके पास वोट देने का अधिकार है. बता दे, वोट देना अमेरिकी नागरिकों का मौलिक अधिकार है. सिर्फ अमेरिकी नागरिक ही वोट दे सकते हैं. राष्ट्रपति पद, कांग्रेस और प्रांतों के चुनावों में सिर्फ उन्हीं को रजिस्ट्रेशन कराने और वोट देने का अधिकार है.

अमेरिकी राष्टपति चुनाव 2024 (PTI)

न्यूयार्क यूनिवर्सिटी मे राजनीति के प्रोफेसर स्टीवन ब्रैम्स ने बताया कि सिर्फ अमेरिकी नागरिक ही वोट दे सकते हैं. आप्रवासी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन नागरिकता मिलने में अमूमन पांच साल या ज्यादा समय लगता है. अमेरिकी नागरिक बनने के बाद राष्ट्रपति चुनाव सहित सभी चुनावों में वोट दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैध स्थायी नागरिकों को ग्रीन कार्ड होल्डर के रूप में जाना जाता है. उनकी संख्या करीब एक करोड़ तीस लाख है, लेकिन वे संघीय या ज्यादातर प्रांतों के चुनावों में वोट नहीं दे सकते.

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि मेरीलैंड और वर्मोंट जैसी जगहों पर ग्रीन कार्ड होल्डर लोकल चुनावों में वोट दे सकते हैं. ये अपवाद हैं. इसी तरह प्रवासियों, अंतरराष्ट्रीय छात्रों और सैलानियों को भी वोटिंग राइट नहीं है. हालांकि वे राजनैतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, जैसे अभियानों में अपनी मर्जी से काम करना. लेकिन वे किसी स्तर के चुनाव में वोट नहीं दे सकते.

स्टीवन ब्रैम्स ने कहा कि प्रक्रिया ये है कि आपको नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा. आपको अमेरिकी सरकार और इसके कामकाज का ज्ञान होना चाहिए. ये एक तरह की परीक्षा है कि आपके पास चुनावों के बारे में पूरी जानकारी हो. जैसा मैंने कहा कि नागरिकता मिलने में अमूमन पांच साल या ज्यादा लगते हैं. यानी आप्रवासी भी अमेरिकी नागरिक बन सकते हैं. तब तक उनकी स्थिति ग्रीन कार्ड होल्डर की होती है, जो उन्हें वोटिंग राइट छोड़कर अमेरिकी नागरिकों के ज्यादातर विशेषाधिकार देती है.

तमाम प्रतिबंधों के बावजूद ग्रीन कार्ड होल्डर और गैर-नागरिक सामुदायिक कामकाज में हिस्सा ले सकते हैं और राजनैतिक मंचों पर अपने मुद्दों की वकालत कर सकते हैं. हालांकि हाल के सालों में उनके अधिकारों, खास कर नागरिकता और वोटिंग राइट पर बहस तेज हो गई है. इस साल के शुरू में राष्ट्रपति बाइडेन ने वैसे गैर-अमेरिकियों को भी नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा था, जिनके जीवनसाथी वैध अमेरिकी हों। इस मुद्दे पर तीखी राजनैतिक बहस छिड़ गई थी.

पढ़ें: अमेरिका के ये सात राज्य तय करते हैं कौन जीतेगा चुनाव, जानें क्या है इतिहास

वॉशिंगटन: अमेरिका के नए बॉस के चुनाव के लिए आज भारतीय समयानुसार शाम 5:30 पर वोटिंग शुरू होगी. वहीं, वोटिंग के तुरंत बाद ही मतगणना का काम भी शुरू हो जाएगा. इस बार रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और वर्तमान उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक पार्टी की कैंडीडेट कमला हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. दोनों प्रत्याशी पूरे दमखम से प्रचार में लगे रहे. अब निर्णायक घड़ी आ गई है जब वोटर अपने पसंदीदा उम्मीदवार को लिए वोट डालेंगे.

इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 में क्या ग्रीन कार्ड धारक, प्रवासी और सैलानी वोट दे सकते हैं? यह भी जानना आवश्यक है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए किसके पास वोट देने का अधिकार है. बता दे, वोट देना अमेरिकी नागरिकों का मौलिक अधिकार है. सिर्फ अमेरिकी नागरिक ही वोट दे सकते हैं. राष्ट्रपति पद, कांग्रेस और प्रांतों के चुनावों में सिर्फ उन्हीं को रजिस्ट्रेशन कराने और वोट देने का अधिकार है.

अमेरिकी राष्टपति चुनाव 2024 (PTI)

न्यूयार्क यूनिवर्सिटी मे राजनीति के प्रोफेसर स्टीवन ब्रैम्स ने बताया कि सिर्फ अमेरिकी नागरिक ही वोट दे सकते हैं. आप्रवासी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन नागरिकता मिलने में अमूमन पांच साल या ज्यादा समय लगता है. अमेरिकी नागरिक बनने के बाद राष्ट्रपति चुनाव सहित सभी चुनावों में वोट दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैध स्थायी नागरिकों को ग्रीन कार्ड होल्डर के रूप में जाना जाता है. उनकी संख्या करीब एक करोड़ तीस लाख है, लेकिन वे संघीय या ज्यादातर प्रांतों के चुनावों में वोट नहीं दे सकते.

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि मेरीलैंड और वर्मोंट जैसी जगहों पर ग्रीन कार्ड होल्डर लोकल चुनावों में वोट दे सकते हैं. ये अपवाद हैं. इसी तरह प्रवासियों, अंतरराष्ट्रीय छात्रों और सैलानियों को भी वोटिंग राइट नहीं है. हालांकि वे राजनैतिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं, जैसे अभियानों में अपनी मर्जी से काम करना. लेकिन वे किसी स्तर के चुनाव में वोट नहीं दे सकते.

स्टीवन ब्रैम्स ने कहा कि प्रक्रिया ये है कि आपको नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा. आपको अमेरिकी सरकार और इसके कामकाज का ज्ञान होना चाहिए. ये एक तरह की परीक्षा है कि आपके पास चुनावों के बारे में पूरी जानकारी हो. जैसा मैंने कहा कि नागरिकता मिलने में अमूमन पांच साल या ज्यादा लगते हैं. यानी आप्रवासी भी अमेरिकी नागरिक बन सकते हैं. तब तक उनकी स्थिति ग्रीन कार्ड होल्डर की होती है, जो उन्हें वोटिंग राइट छोड़कर अमेरिकी नागरिकों के ज्यादातर विशेषाधिकार देती है.

तमाम प्रतिबंधों के बावजूद ग्रीन कार्ड होल्डर और गैर-नागरिक सामुदायिक कामकाज में हिस्सा ले सकते हैं और राजनैतिक मंचों पर अपने मुद्दों की वकालत कर सकते हैं. हालांकि हाल के सालों में उनके अधिकारों, खास कर नागरिकता और वोटिंग राइट पर बहस तेज हो गई है. इस साल के शुरू में राष्ट्रपति बाइडेन ने वैसे गैर-अमेरिकियों को भी नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा था, जिनके जीवनसाथी वैध अमेरिकी हों। इस मुद्दे पर तीखी राजनैतिक बहस छिड़ गई थी.

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