नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद जिला न्यायालय में 28 अक्टूबर को पुलिस द्वारा वकीलों पर किए लाठीचार्ज का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. दिवाली की छुट्टियां समाप्त होने के बाद एक बार फिर वकील हड़ताल पर हैं. गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में वकीलों की हड़ताल का असर दिखाई दे रहा है. हड़ताल पर बैठे अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. फिलहाल गाजियाबाद जिला न्यायालय परिसर के आसपास भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है.
गाजियाबाद में अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर का मैन गेट बंद कर दिया है. अधिवक्ता बलवीर सिंह गोगिया ने कहा, "जिला जज के आदेश पर पुलिस ने वकीलों को लाठी चार्ज कर लघुलुहान किया था. जब वकील ही सुरक्षित नहीं होगा तो न्यायपालिका कैसे सुरक्षित होगी. जब न्याय की मंदिर में ही लाठी चार्ज होगा तो सिस्टम कैसे चलेगा. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में वकील हड़ताल पर बैठकर हमारा समर्थन कर रहे हैं. दिल्ली में भी अधिवक्ताओं ने आज हड़ताल रखी है."
अधिवक्ता बलवीर सिंह गोगिया का कहना है कि जब तक डीजे और वकीलों पर लाठी चार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों का निलंबन नहीं होता है. घायल अधिवक्ताओं को आर्थिक सहायता नहीं मिलती, तब तक अधिवक्ताओं की हड़ताल जारी रहेगी. वहीं, अधिवक्ताओं की हड़ताल होने से न्यायालय में काम करने आ रहे लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जो लोग मुकदमे की तारीख के चलते कचहरी आ रहे हैं उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है.
"जिला जज न्यायालय में जिला जज के द्वारा आपत्तिजनक भाषा का उपयोग अधिवक्ताओं के लिए किया गया. जिसका विरोध अधिवक्ताओं द्वारा किया गया. अधिवक्ताओं के विरोध करने पर जिला जज गाजियाबाद ने अधिवक्ताओं के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया तथा अपने न्यायालय में पुलिस फोर्स को बुला लिया तथा निहत्थे अधिवक्ताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठी चार्ज कराया. बार एसोसिएशन गाजियाबाद जिला जज के तत्काल प्रभाव से तबादला की मांग करती है तथा घायल अधिवक्ताओं को उपचार के लिए दो-दो लाख रूपये सहायता देने की मांग सरकार से करती है. पुलिस द्वारा की गई लाठी चार्ज में शामिल पुलिस अधिकारियों के तबादला और उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है. जब तक दोषियों का तबादला नहीं होता है तब तक बार एसोसिएशन गाजियाबाद के समस्त अधिवक्ता न्यायालयों में कार्य से विरत रहेंगे."- दीपक शर्मा, अध्यक्ष बार एसोसिएशन गाजियाबाद
पुलिस उपायुक्त दिनेश पी के मुताबिक, 29 अक्टूबर 2024 को गाजियाबाद जिला जज के चेंबर में एक मुकदमे में अग्रिम जमानत से संबंधित सुनवाई चल रही थी. 971/24 वादी जितेंद्र सिंह यादव के द्वारा 175 BNSS सीजेएम के आदेश के तहत मुकदमा धारा 420, 467, 478, 471, 120 B के तहत थाना कवि नगर में दर्ज हुआ था. नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. सभी को 25 अक्टूबर को 28 अक्टूबर तक के लिए अग्रिम जमानत मिली थी. आगे की जमानत से संबंधित सुनवाई जिला जज के चेंबर में चल रही थी. इस दौरान वादी जितेंद्र सिंह यादव के साथ अधिवक्ता अभिषेक सिंह यादव, अधिवक्ता नाहर सिंह यादव, अधिवक्ता औरंगज़ेब एवं अन्य अधिवक्ता गण चेंबर में मौजूद थे.
दिनेश पी के मुताबिक, अग्रिम जमानत से संबंधित सुनवाई अन्य को ट्रांसफर करने के लिए अधिवक्ताओं द्वारा मांग की गई थी. मना करने पर एग्रेसिव हो गए. कुछ देर बाद आक्रामक होते हुए जिला जिसके चेंबर में घुसने की कोशिश की गई. इस दौरान मौके पर मौजूद डीसीपी सिटी और एसीपी कवि नगर द्वारा जिला जज को सुरक्षित किया गया और अधिवक्ताओं के बीच से हटाकर उन्हें चेंबर में भेजा गया. इसी बीच अधिवक्ताओं को भी बाहर निकलवाने की कोशिश की गई. इसी दौरान जब पुलिस फोर्स जिला जज को चेंबर में लेकर जा रही थी तब अधिवक्ता मौके का फायदा उठाकर पुलिस चौकी पर पहुंचे और पुलिस चौकी में मौजूद सामन आदि में तोड़फोड़ और आगजनी की घटना की गई है.
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