नई दिल्ली:लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत नहाए खाए के साथ हो गई है. वहीं हर साल की तरह इस साल भी राजधानी दिल्ली में यमुना छठ महापर्व के समय बदहाल है. यमुना में एकतरफ जहां गंदगी का अंबार नजर आ रहा है, वहीं झाग भी नजर आ रहा है. बता दें कि बीते कई दिनों से लगातार यमुना में झाग ही जाग नजर आ रहा है. जिसको लेकर राजधानी दिल्ली में राजनीति भी हो रही है. हालांकि अन्य सालों की तरह इस साल भी छठ महापर्व पर यमुना बदहाल है.
छठ महापर्व का पहला अनुष्ठान नहाए-खाए की शुरुआत :छठ महापर्व के पहले अनुष्ठान यानि नहाए खाए के मौके पर राजधानी दिल्ली में लोग अपनी आस्था और परंपरा के अनुसार यमुना में स्नान के लिए पहुंचने लगे हैं. दिल्ली के कालिंदी कुंज घाट पर लोग पहुंच रहे हैं और यमुना में स्नान कर रहे हैं. वहीं यमुना का हाल बदहाल है यमुना में गंदगी का अंबार है झाग ही झाग नजर आ रहा है. यमुना का पानी भी इन दिनों बदबूदार है लेकिन लोग अपनी आस्था के कारण मजबूरी वश यमुना में डुबकी लगा रहे हैं.
यमुना के कालिंदी कुंज घाट पर पहुंचे छठ व्रती : बता दें सरकारी उदासीनता के कारण वर्षों से दिल्ली की यमुना बदहाल हैं और सरकारी दावो और वादों के बावजूद भी यमुना की सूरत बदल नहीं रही है. नहाए खाए के मौके पर छठ व्रतियों ने कालिंदी कुंज यमुना घाट पर यमुना में डुबकी लगाई. इस दौरान छठ व्रती सरकार के इंतजाम में नाखुश नजर आए .उनका कहना था कि सरकार को यमुना को साफ सुथरा करना चाहिए .लेकिन बीते कई सालों से लगातार बातें होती है यमुना का हाल वही रहता है.
लोग आस्था के नाम पर प्रदूषित यमुना में लगा रहे डुबकी :यहां आ रहे लोगों का कहना है कि इस बार काफी गंदगी है. हम लोगों ने मजबूरी में यमुना में डुबकी लगाई है क्योंकि हमारी आस्था है छठ महापर्व करने से पहले नहाए खाए के दिन यमुना में डुबकी लगाई जाती है तो हम लोगों ने डुबकी लगाई है और यहां पर मां यमुना की पूजा की है.
चार दिन तक चलने वाले महापर्व को 8 नवंबर को होगा समापन :बता दें राजधानी दिल्ली में यमुना करीब 23,24 किलोमीटर तक बहती हैं और दिल्ली में यमुना का आखिरी छोर कालिंदी कुंज होता है. इसके करीब 2,3 किलोमीटर के बाद यमुना हरियाणा के तरफ चली जाती हैं. बता दें चार दिवसीय छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर मंगलवार से नहाए खाए के साथ शुरू हो गई है. 6 नवंबर शनिवार को खरना होगा 7 नवंबर गुरुवार को पहला अर्घ होगा जबकि 8 नवंबर शुक्रवार को उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ देकर छठ महापर्व का समापन होगा .
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