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कांग्रेस के इस नए सांसद ने की वसुंधरा की जमकर तारीफ, भाजपा के इस नेता को बताया बेहद घातक - Rahul Kaswan Big Statement

Rahul Kaswan Big Statement, लोकसभा चुनाव में राजस्थान की चर्चित सीटों में से एक चूरू से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आए राहुल कस्वां ने भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ पर बड़ा हमला बोला. कस्वां ने कहा कि वे डिस्ट्रक्टिव पॉलिटिक्स के सितारे हैं. उन्होंने कई लोगों का सियासी करियर खत्म किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में कांग्रेस सांसद ने कहा कि हम वसुंधरा राजे के नेतृत्व में ग्रूम हुए हैं.

Rahul Kaswan Big Statement
कांग्रेस सांसद ने की वसुंधरा की तारीफ (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 12, 2024, 12:11 PM IST

कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां से ईटीवी भारत की खास बातचीत (ETV BHARAT JAIPUR)

जयपुर.लोकसभा चुनाव के रण में राजस्थान की सबसे चर्चित सीटों में से एक चूरू से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आए राहुल कस्वां का कहना है कि काका (राजेंद्र राठौड़) ने कई लोगों का सियासी करियर खत्म कर दिया. पिता (रामसिंह कस्वां) का टिकट कटवाने के बाद वो मेरे पीछे पड़े और टिकट कटवाकर ही माने. इसलिए उनकी खाज मिटाना जरूरी था. जनता ने उनकी खाज दो बार मिटाई है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने भाजपा नेता व राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की जमकर प्रशंसा की और कहा कि हम उनकी लीडरशिप में ही ग्रूम हुए हैं.

मुझे कांग्रेस ने अपनाया : राहुल कस्वां ने कहा कि हमने यह चुनाव एक विचार के खिलाफ लड़ा है. भाजपा से टिकट कटने के बाद 8 मार्च को जब क्षेत्र में गए तो जनता का अपार प्यार और विश्वास मिला. उसके चलते हमने चुनाव लड़ने का फैसला लिया. कांग्रेस ने मुझे सदस्य बनाया और पूरी टीम ने मजबूती से काम किया. चूरू की सभी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों का भी भरपूर सहयोग मिला. हम एक मकसद को लेकर चले थे और जनता ने भी भरपूर साथ दिया.

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मैं नहीं बोलूंगा तो अहंकार और घमंड बढ़ेगा :राहुल कस्वां ने कहा कि टिकट कटने के बाद मुझे लगा कि मैं नहीं बोलूंगा तो ऐसे लोगों का अहंकार और घमंड और बढ़ेगा. जो समाज के बड़े तबके के लिए ठीक नहीं है. ऐसे लोगों की आंखों पर जब पट्टी बंध जाती है. पावर का नशा होता है. तो वे किसी को छोड़ते नहीं हैं. फिर उनके हाथों से न जाति बचती है और न ही धर्म बचता है. जो उनकी शरण में चले जाया करते हैं. वो बच जाते हैं. मैंने बहुत ही मजबूत इच्छाशक्ति और सच के लिए आवाज उठाई थी. जनता ने मेरा साथ दिया. यह लोगों की आंखे खोलने वाला चुनाव आने वाले वक्त में साबित होगा.

भाजपा को मंथन करना होगा :राहुल कस्वां ने कहा कि नेता चाहे किसी भी दल का हो. भाजपा को खास तौर पर यह मंथन करना होगा कि प्रजातंत्र में प्रजा नेतृत्व चुनती है. आप नहीं चुनते. यह जो परिपाटी आप चलाना चाहते हैं. उसे जनता स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि उनका विकास आधारित एजेंडा रहता है. वे बोले- जो पेंडिंग समस्याएं हैं. उन्हें दूर करवाना हमारी प्राथमिकता रहती है. इसी पथ पर चलकर आने वाले पांच साल में हम चूरू को विकास के पथ पर आगे बढ़ाएंगे.

यमुना जल समझौते पर खड़े किए सवाल : शेखावाटी में यमुना का पानी लाने के भजनलाल सरकार के दावों पर राहुल कस्वां ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सरकार के इन दावों का कोई असर नहीं रहा. यह एमओयू 1990 का है. जिसमें चूरू की 40 हजार हैक्टेयर और झुंझुनू की 60 हजार हैक्टेयर जमीन को सिंचाई का पानी मिलना है. सीकर की जनता को पीने का पानी मिलेगा. वसुंधरा राजे ने भी मुख्यमंत्री रहते इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई थी. भाजपा ने इस प्रोजेक्ट को हर शेखावाटी के हर जिले और विधानसभा क्षेत्र में बेचा. लेकिन साफ नहीं बता पाए कि पानी आएगा कहां. क्योंकि अकेले चूरू जिले में करीब 14 लाख हैक्टेयर जमीन है.

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हरियाणा ने तो अपना स्टेटमेंट ही बदल लिया :यमुना जल समझौते को लेकर कस्वां ने कहा कि यह अंतरराज्यीय मुद्दा है. पता नहीं कब क्या हो जाए. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बैठक के बाद हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपना स्टेटमेंट ही बदल दिया था. ऐसे में सवाल विश्वसनीयता का है. कोशिश करने की बात कहना अलग है. लेकिन उन्होंने चुनाव में दावा किया कि हम पानी लेकर आएंगे. जबकि भाजपा प्रत्याशी, मुख्यमंत्री और काका (राजेंद्र राठौड़) यह नहीं बता पाए कि पानी आएगा कहां. कस्वां ने कहा कि अब लोकसभा में जाकर इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि शेखावाटी की जनता को पानी मिले.

काका ने कभी कंस्ट्रक्टिव पॉलिटिक्स नहीं की :राहुल कस्वां ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद कहा था कि काका की खाज मिटा दी. उन्होंने कहा कि इसके पीछे का कारण है कि काका (राजेंद्र राठौड़) ने कभी कंस्ट्रक्टिव राजनीति नहीं की. वे डिस्ट्रक्टिव पॉलिटिक्स के सितारे हैं. लोगों का नेतृत्व खत्म करना. अपनी चालाकी और पद का गलत इस्तेमाल करना. यही उनकी सोच रही है. आप जयपुर आकर बैठ गए. जहां पार्टी ऑफिस में तीन-चार लोगों से मिलकर ऐसे घुमा देते हैं कि टिकट कटवा देंगे.

2014 में पिता का टिकट कटवाया, फिर मेरा :राहुल कस्वां ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ ने 2014 में पिता (रामसिंह कस्वा) का टिकट कटवाया. उसके बाद 2019 में वो मेरे पीछे पड़ गए और 2024 में मेरा टिकट कटवाकर ही माने. इसका यही मतलब है कि काका के खाज है और इसे मिटानी चाहिए. जनता से मैंने अपील की और जनता ने कहा कि जरूर मिटाएंगे और फिर मिटा भी दी. उन्होंने कहा कि जनता ने काका की खाज दो बार मिटाई. पहले 2023 में तारानगर सीट पर विधानसभा चुनाव में मिट गई और फिर अब लोकसभा चुनाव में मिट गई. अब भी अगर वे उसी मानसिकता से चलेंगे या आगे बढ़ना चाहेंगे तो जनता फिर मिटाएगी.

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काका ने कई लोगों का करियर खत्म किया :राहुल कस्वां ने कहा कि मैंने पार्टी में कभी यह मांग नहीं की कि मुझे मंत्री बना दो. पार्टी के कहने पर हमने राजगढ़ की सीट छोड़ी, जहां से छह चुनाव तो हम निर्दलीय लड़े थे. टिकट और लड़ना मुद्दा नहीं है. ऐसे लोगों ने सिस्टम को इतना मैन्युपुलेट कर दिया है. दिल्ली हर चीज देख नहीं पाएगी. ये ऐसा पिक्चर बनाकर भेजते हैं कि सबकुछ इन्हीं के हिसाब से चलता है. यह गलत है. उन्होंने कितने ही लोगों के राजनीतिक भविष्य को खत्म कर दिया. मैंने इसके खिलाफ आवाज उठाई है और मैं खुश हूं. खास बात है कि मैं बिलकुल सही हूं.

मोदी मंत्रिमंडल में नए चेहरों की जनता को उम्मीद थी :मोदी के मंत्रिमंडल में राजस्थान के चार सांसदों को शामिल करने के सवाल पर राहुल कस्वां ने कहा कि यह एनडीए सरकार को सोचना चाहिए. हालांकि, मैं यह जरूर कहूंगा कि लोगों की उम्मीदें कुछ और थी. कई और चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की लोग उम्मीद करते थे. किसान वर्ग को मंत्रिमंडल में ज्यादा तवज्जो मिलती तो अच्छा होता क्योंकि पूरा हमारा किसान बेल्ट है. लेकिन यह फैसला उनका है. इसलिए मैं कुछ नहीं कहूंगा. किन मापदंडों से मंत्री बनाए जाते हैं. यह वो ही बता सकते हैं.

वसुंधरा राजे ने नई लीडरशिप डवलप की :वसुंधरा राजे का प्रशंसक होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वो सौ फीसदी वसुंधरा राजे के प्रशंसक हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है और खुले मंचों से भी यह बात कही है. उनके साथ मेरे पिता भी सांसद रहे हैं और विधायक भी रहे हैं. उनकी लीडरशिप में हम भी ग्रूम हुए हैं. उन्होंने राजस्थान में नेता बनाए हैं. पूरे राजस्थान में अगर किसी की आज भी बेहतरीन फैन फॉलोइंग है तो वह वसुंधरा राजे हैं. हमने उनकी कई मीटिंग देखी. जब तक मैं भाजपा में रहा उनके प्रति आदर भाव रखा है. आज भी मन में उनके प्रति उतना ही सम्मान है. हालांकि, अब हम अलग-अलग पार्टियों में हैं तो हम विपक्ष में बैठेंगे और मजबूती से विपक्ष की भूमिका निभाएंगे.

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जिससे जनता दुखी, वो मुद्दे उठाएंगे :राहुल कस्वां ने कहा कि हर उस विचाराधीन मुद्दे को जिसके कारण किसान और युवा आज दुखी हैं. उस पर आवाज बुलंद करेंगे. चाहे अग्निवीर योजना हो या किसानों को एमएसपी का मुद्दा हो. चाहे बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा हो. ये आज सबसे बड़े मुद्दे हैं. इन पर हम मजबूती से बोलेंगे. उन्होंने कहा आज हमारा युवा अग्निवीर के लिए तैयार और मैच्योर नहीं है. गांवों में इस बात की चर्चा है कि युवा चार साल में रिटायर होकर घर आ जाएगा. फिर पेंशनधारी से कौन शादी करेगा. उन्होंने कहा, एनडीए सरकार को तत्काल इस योजना को वापस लेना चाहिए.

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