प्रियंका की न्याय संकल्प सभा रामनगर:उत्तराखंड से मेरे परिवार का एक पुराना रिश्ता है. जिस जगह बचपन की मीठी-मीठी यादें होती हैं, वहां से खास रिश्ता होता है. मेरे पिताजी देहरादून में पढ़े. मेरे भाई साहब और मेरे बेटे देहरादून में पढ़े. मैंने भी दो साल देहरादून में पढ़ाई की है. रामनगर से भी मेरा खास नाता रहा है. हमने यहां काफी छुट्टियां बिताई हैं.
प्रियंका ने कहा कि मुझे उत्तराखंड में काफी घूमने का मौका मिला. रामनगर के साथ तो हमारा खास रिश्ता है. कॉर्बेट पार्क घूमने के लिए जब मौका मिला, तब पुरानी दिल्ली स्टेशन से रात 10 बजे की ट्रेन में बैठकर आ जाती थी. आज रामनगर आने की सोचकर दिल बहुत खुश हो रहा था. रामनगर के जंगल में जो छोटा सा मंदिर है, उससे मेरी बचपन की आस्था है. सिद्धबली के मंदिर में मैं अक्सर आती थी. नवरात्रि पर आपने में यहां आने का मौका दिया.
इसके बाद प्रियंका ने लोगों से पूछा राजनीतिक भाषण सुना है या सच्चाई सुननी है. इसके बाद प्रियंका ने कहा कि थोड़ी बात करते हैं. ये चुनाव का समय है. पांच सालों में आपको एक बार मौका मिलता है कि अपना भविष्य बदल सकते हैं. चुनाव में चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी हो सभी के नेता भाषण देते हैं. आप सुनते हैं.
इसके बाद प्रियंका ने कहा कि यहां आने से पहले मैंने सोचा कि मोदीजी ने भाषण में क्या कहा. जब मैंने पांच मिनट भाषण सुना तो मुझे लगा कि कहीं गलती तो नहीं हो गई. लेकिन फिर से तारीख देखी तो वो ऋषिकेश का भाषण था. ऐसा लगा ये पुराना ही भाषण था. मोदीजी ने इस बार भी बार-बार मोदी सरकार कहा. प्रियंका ने लोगों से पूछा कि आप इन्हें कितने चुनावों में उन्हें ऐसा ही सुना. फिर मन में विचार आया कि भाई कितने सालों के लिए भुगतेंगे आप. प्रियंका ने पीएम मोदी के देवभूमि संबोधन पर भी व्यंग्य किया.
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