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प्रयागराज महाकुंभ में छाए देवभूमि के दो संत, दुनिया की हर बड़ी हस्ती ने लिया सानिध्य, सीखा आध्यमिक पाठ - PRAYAGRAJ MAHAKUMBH 2025

प्रयागराज महाकुंभ में उत्तराखंड के दो संतों को दुनिया की बड़ी-बड़ी हस्तियां ने नमन किया, और ये दोनों संत महाकुंभ के चेहरे भी बने.

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प्रयागराज महाकुंभ में छाए देवभूमि के दो संत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 25, 2025, 6:16 PM IST

Updated : Feb 25, 2025, 6:31 PM IST

देहरादून (किरणकांत शर्मा): महाशिवरात्रि 26 फरवरी पर प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आधिकारिक तौर पर समापन हो जाएगा. साधु-संतों के अधिकतर अखाड़े पहले ही प्रयागराज कुंभ से जा चुके हैं. हालांकि, VIPs अभी भी संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. इन सभी वीआईपी लोगों को तो कैमरों ने कैद किया ही, लेकिन इन्हीं VIPs के साथ दो संत चेहरे ऐसे रहे जो इस पूरे महाकुंभ आयोजन में शुरुआत से ही चर्चाओं में रहे. ये थे चिदानंद मुनि व महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि.

दरअसल, प्रयागराज महाकुंभ 2025 कई वजहों से सुर्खियों में रहा. कई लोगों ने आस्था के इस आयोजन में सुर्खियां बटोरीं, जिसमें मोनालिसा और IIT बाबा भी शामिल हैं. ये आयोजन ऐसा रहा जिसमें पहले दिन से ही VVIPs का आने का सिलसिला शुरू हो गया था. चाहे वो स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल हों या कुंभ समापन के समय पहुंची हिंदी फिल्म अभिनेत्री कटरीना कैफ और रवीना टंडन. इन सभी को मुख्य रूप में दो संतों के सानिध्य में देखा गया. एक तो लॉरेन पॉवेल के आध्यात्मिक गुरब भी बने.

हम जिन दो संतों की बात कर रहे हैं, उनमें ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि और हरिद्वार के काली मंदिर से ताल्लुक रखने वाले स्वामी कैलाशानंद गिरी हैं. इन दोनों संतों के पास देश-विदेश के जाने-माने बिजनेसमैन, राजनेता व बॉलीवुड के तमाम सितारों का जमावड़ा लगा रहा.

नागा साधु होते है महाकुंभ की शोभा: वैसे तो किसी भी कुंभ की भव्यता वहां पहुंचाने वाले साधु-संत और अखाड़ों के नागा साधु होते हैं, जिनका आशीर्वाद लेने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु कुंभ में आते हैं. प्रयागराज कुंभ में भी दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान करने के साथ ही साधु-संतों का आशीर्वाद लिया.

बड़े-बडे़ सितारों ने महाकुंभ में लगाई डुबकी: प्रयागराज कुंभ के शुरू होने से लेकर अंतिम दिन तक ऋषिकेश के विश्व प्रसिद्ध परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद सरस्वती का डेरा चर्चा में रहा. स्वामी चिदानंद मुनि के ऋषिकेश आश्रम में वैसे तो आए दिन बड़े-बड़े लोग आते रहते हैं, लेकिन इस बार के कुंभ मेले में दुनिया भर के तमाम लोगों ने पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाई और स्वामी चिदानंद का आशीर्वाद भी लिया. फिल्मी सितारों से लेकर खिलाड़ियों तक के कदम चिदानंद मुनि के आश्रम की तरफ जाते हुए ही दिखाई दिए.

prayagraj mahakumbh 2025
कैलाशानंद गिरि के साथ त्रिवेणी में स्नान करते हुआ अंबानी परिवार. (Credit- Swami Kailashanand Giri Ji)

हर बड़ा नेता पंहुचा चिदानंद मुनि के पास: फिल्मी सितारों में विवेक ओबेरॉय से लेकर कैटरीना कैफ, रवीना टंडन और उनकी बेटी भी स्वामी चिदानंद से आशीर्वाद लेने के लिए पहुंची थीं. इसके अलावा केंद्र सरकार के तमाम बड़े मंत्री जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण और लगभग 8 राज्यों के मुख्यमंत्री भी स्वामी चिदानंद के आश्रम में पहुंचे. प्रयागराज महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वामी चिदानंद से मुलाकात की थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी जब महाकुंभ में शिरकत की तो वो भी स्वामी चिदानंद से मिली थी.

ऋषिकेश परमार्थ निकेतन की गंगा आरती: इतना ही नहीं, देश के सबसे बड़े बिजनेस घरानों में शामिल अंबानी परिवार भी चिदानंद मुनि के मेहमान बने. इसके अलावा श्रीश्री रविशंकर, स्वामी रामदेव और योगी आदित्यनाथ से लेकर देश और दुनिया के कई बड़ी हस्तियों ने स्वामी चिदानंद के पास जाकर उनसे मुलाकात की.

वैसे देखा जाए तो भारत का शायद ही कोई ऐसा नेता और अभिनेता होगा, जिसने ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानंद के साथ गंगा आरती नहीं की हो. स्वामी चिदानंद के न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में भक्त हैं. यूनेस्को नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक टिम कर्टिस ने भी परमार्थ निकेतम के सानिध्य में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पूजा अर्चना की थी.

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चिदानंद सरस्वती के साथ द्रौपदी मुर्मू (Credit- Parmarth Niketan)

8 साल की उम्र में बन गए थे संत: स्वामी चिदानंद सरस्वती मौजूदा समय में ऋषिकेश परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष हैं और कई सालों से ऋषिकेश में ही निवास करते हैं. उनके आश्रम देश के कई हिस्सों में है. बताया जाता है कि आठ साल की उम्र में ही स्वामी चिदानंद सरस्वती ने संन्यास धारण कर लिया था. स्वामी चिदानंद सरस्वती की कई भाषाओं पर पकड़ है. देश की कई बड़ी हस्तियां स्वामी चिदानंद सरस्वती को अपना गुरू मानती हैं.

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चिदानंद सरस्वती का आशीर्वाद लेती हुई कटरीना कैफ (Credit- Parmarth Niketan)

महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि को लॉरेन ने बनाया गुरू: स्वामी चिदानंद सरस्वती के अलावा आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि भी प्रयागराज कुंभ में सबसे सबसे अधिक चर्चाओं में रहने वाले दूसरे संत रहे. निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि इस कुंभ मेले में तब चर्चा में आए जब प्रयागराज में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स उनकी भक्त बनीं. लॉरेन पॉवेल जॉब्स करीब आठ दिनों तक प्रयागराज कुंभ में ही कैलाशानंद गिरि के आश्रम में रही और कल्पवास किया.

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पीएम मोदी और स्वामी चिदानंद. (Credit- Parmarth Niketan)

लॉरेन पॉवेल जॉब्स के अलावा एक और शिष्य के कारण कैलाशानंद गिरि चर्चाओं में आए. कैलाशानंद गिरि की ये शिष्य यूट्यूब इन्फ्लुएंसर है, जिसकी खूबसूरती के चर्चे काफी हुए. कैलाशानंद गिरि की ये भक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई और लोगों ने इसे सबसे सुंदर साध्वी का दर्जा दिया. हालांकि बाद में खुद कैलाशानंद गिरि ने अपनी इस शिष्य को वापस लौटने का आदेश दिया, जिसके बाद वो कुंभ मेले में फिर से दिखाई नहीं दी.

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स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल अपने आध्यात्मिक गुरू कैलाशानंद गिरि के साथ. (Credit- Swami Kailashanand Giri Ji)

कई फिल्मों सितारों के अलावा राजनेताओं व अंबानी परिवार ने भी प्रयागराज महाकुंभ में कैलाशानंद गिरि के भक्त बने और उनका आशीर्वाद लिया. केंद्रीय मंत्री अमित शाह और रेमो डिसूजा जैसे कलाकार भी कैलाशानंद गिरि के आश्रम में पहुंचे थे.

कैलाशानंद गिरि के भक्तों की लिस्ट: हरिद्वार के काली मठ से ताल्लुक रखने वाले कैलाशानंद गिरि के भक्तों की लिस्ट में कंगना रनौत, हनी सिंह, अखिलेश यादव और आजम खान तक का नाम शामिल है. इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के पूर्व व वर्तमान मुख्यमंत्री भी कैलाशानंद गिरि के शिष्ट है.

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महाकुंभ में पहुंची हस्तियां. (ETV Bharat)
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कंगना रनौत भी कैलाशानंद गिरि की शिष्य है. (Credit- Swami Kailashanand Giri Ji)

जानिए कौन है कैलाशानंद गिरि: कैलाशानंद गिरि का जन्म एक जनवरी 1976 को बिहार के जमुई में हुआ था. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले कैलाशानंद गिरि ने बचपन में ही अपना घर बार छोड़ दिया था. वो भगवान की भक्ति में इस कदर रम गए कि फिर कभी परिवार की तरफ देखा ही नहीं. जूना अखाड़ा से जुड़े संत हठ योगी बताते हैं कि वैसे एक संत के लिए कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जब संत या अखाड़े के साथ जुड़ता है तो वो अपना पिंडदान कर देता है यानी साधु संत बनने के बाद वो परिवार की मोह माया से ऊपर हो जाता है. फिलहाल वो हरिद्वार के कालीमठ में कई सालों से रह रहे हैं.

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देहरादून (किरणकांत शर्मा): महाशिवरात्रि 26 फरवरी पर प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आधिकारिक तौर पर समापन हो जाएगा. साधु-संतों के अधिकतर अखाड़े पहले ही प्रयागराज कुंभ से जा चुके हैं. हालांकि, VIPs अभी भी संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. इन सभी वीआईपी लोगों को तो कैमरों ने कैद किया ही, लेकिन इन्हीं VIPs के साथ दो संत चेहरे ऐसे रहे जो इस पूरे महाकुंभ आयोजन में शुरुआत से ही चर्चाओं में रहे. ये थे चिदानंद मुनि व महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि.

दरअसल, प्रयागराज महाकुंभ 2025 कई वजहों से सुर्खियों में रहा. कई लोगों ने आस्था के इस आयोजन में सुर्खियां बटोरीं, जिसमें मोनालिसा और IIT बाबा भी शामिल हैं. ये आयोजन ऐसा रहा जिसमें पहले दिन से ही VVIPs का आने का सिलसिला शुरू हो गया था. चाहे वो स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल हों या कुंभ समापन के समय पहुंची हिंदी फिल्म अभिनेत्री कटरीना कैफ और रवीना टंडन. इन सभी को मुख्य रूप में दो संतों के सानिध्य में देखा गया. एक तो लॉरेन पॉवेल के आध्यात्मिक गुरब भी बने.

हम जिन दो संतों की बात कर रहे हैं, उनमें ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि और हरिद्वार के काली मंदिर से ताल्लुक रखने वाले स्वामी कैलाशानंद गिरी हैं. इन दोनों संतों के पास देश-विदेश के जाने-माने बिजनेसमैन, राजनेता व बॉलीवुड के तमाम सितारों का जमावड़ा लगा रहा.

नागा साधु होते है महाकुंभ की शोभा: वैसे तो किसी भी कुंभ की भव्यता वहां पहुंचाने वाले साधु-संत और अखाड़ों के नागा साधु होते हैं, जिनका आशीर्वाद लेने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु कुंभ में आते हैं. प्रयागराज कुंभ में भी दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान करने के साथ ही साधु-संतों का आशीर्वाद लिया.

बड़े-बडे़ सितारों ने महाकुंभ में लगाई डुबकी: प्रयागराज कुंभ के शुरू होने से लेकर अंतिम दिन तक ऋषिकेश के विश्व प्रसिद्ध परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद सरस्वती का डेरा चर्चा में रहा. स्वामी चिदानंद मुनि के ऋषिकेश आश्रम में वैसे तो आए दिन बड़े-बड़े लोग आते रहते हैं, लेकिन इस बार के कुंभ मेले में दुनिया भर के तमाम लोगों ने पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाई और स्वामी चिदानंद का आशीर्वाद भी लिया. फिल्मी सितारों से लेकर खिलाड़ियों तक के कदम चिदानंद मुनि के आश्रम की तरफ जाते हुए ही दिखाई दिए.

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कैलाशानंद गिरि के साथ त्रिवेणी में स्नान करते हुआ अंबानी परिवार. (Credit- Swami Kailashanand Giri Ji)

हर बड़ा नेता पंहुचा चिदानंद मुनि के पास: फिल्मी सितारों में विवेक ओबेरॉय से लेकर कैटरीना कैफ, रवीना टंडन और उनकी बेटी भी स्वामी चिदानंद से आशीर्वाद लेने के लिए पहुंची थीं. इसके अलावा केंद्र सरकार के तमाम बड़े मंत्री जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण और लगभग 8 राज्यों के मुख्यमंत्री भी स्वामी चिदानंद के आश्रम में पहुंचे. प्रयागराज महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वामी चिदानंद से मुलाकात की थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी जब महाकुंभ में शिरकत की तो वो भी स्वामी चिदानंद से मिली थी.

ऋषिकेश परमार्थ निकेतन की गंगा आरती: इतना ही नहीं, देश के सबसे बड़े बिजनेस घरानों में शामिल अंबानी परिवार भी चिदानंद मुनि के मेहमान बने. इसके अलावा श्रीश्री रविशंकर, स्वामी रामदेव और योगी आदित्यनाथ से लेकर देश और दुनिया के कई बड़ी हस्तियों ने स्वामी चिदानंद के पास जाकर उनसे मुलाकात की.

वैसे देखा जाए तो भारत का शायद ही कोई ऐसा नेता और अभिनेता होगा, जिसने ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में स्वामी चिदानंद के साथ गंगा आरती नहीं की हो. स्वामी चिदानंद के न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में भक्त हैं. यूनेस्को नई दिल्ली क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक टिम कर्टिस ने भी परमार्थ निकेतम के सानिध्य में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पूजा अर्चना की थी.

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चिदानंद सरस्वती के साथ द्रौपदी मुर्मू (Credit- Parmarth Niketan)

8 साल की उम्र में बन गए थे संत: स्वामी चिदानंद सरस्वती मौजूदा समय में ऋषिकेश परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष हैं और कई सालों से ऋषिकेश में ही निवास करते हैं. उनके आश्रम देश के कई हिस्सों में है. बताया जाता है कि आठ साल की उम्र में ही स्वामी चिदानंद सरस्वती ने संन्यास धारण कर लिया था. स्वामी चिदानंद सरस्वती की कई भाषाओं पर पकड़ है. देश की कई बड़ी हस्तियां स्वामी चिदानंद सरस्वती को अपना गुरू मानती हैं.

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चिदानंद सरस्वती का आशीर्वाद लेती हुई कटरीना कैफ (Credit- Parmarth Niketan)

महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि को लॉरेन ने बनाया गुरू: स्वामी चिदानंद सरस्वती के अलावा आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि भी प्रयागराज कुंभ में सबसे सबसे अधिक चर्चाओं में रहने वाले दूसरे संत रहे. निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि इस कुंभ मेले में तब चर्चा में आए जब प्रयागराज में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स उनकी भक्त बनीं. लॉरेन पॉवेल जॉब्स करीब आठ दिनों तक प्रयागराज कुंभ में ही कैलाशानंद गिरि के आश्रम में रही और कल्पवास किया.

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पीएम मोदी और स्वामी चिदानंद. (Credit- Parmarth Niketan)

लॉरेन पॉवेल जॉब्स के अलावा एक और शिष्य के कारण कैलाशानंद गिरि चर्चाओं में आए. कैलाशानंद गिरि की ये शिष्य यूट्यूब इन्फ्लुएंसर है, जिसकी खूबसूरती के चर्चे काफी हुए. कैलाशानंद गिरि की ये भक्त सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई और लोगों ने इसे सबसे सुंदर साध्वी का दर्जा दिया. हालांकि बाद में खुद कैलाशानंद गिरि ने अपनी इस शिष्य को वापस लौटने का आदेश दिया, जिसके बाद वो कुंभ मेले में फिर से दिखाई नहीं दी.

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स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल अपने आध्यात्मिक गुरू कैलाशानंद गिरि के साथ. (Credit- Swami Kailashanand Giri Ji)

कई फिल्मों सितारों के अलावा राजनेताओं व अंबानी परिवार ने भी प्रयागराज महाकुंभ में कैलाशानंद गिरि के भक्त बने और उनका आशीर्वाद लिया. केंद्रीय मंत्री अमित शाह और रेमो डिसूजा जैसे कलाकार भी कैलाशानंद गिरि के आश्रम में पहुंचे थे.

कैलाशानंद गिरि के भक्तों की लिस्ट: हरिद्वार के काली मठ से ताल्लुक रखने वाले कैलाशानंद गिरि के भक्तों की लिस्ट में कंगना रनौत, हनी सिंह, अखिलेश यादव और आजम खान तक का नाम शामिल है. इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के पूर्व व वर्तमान मुख्यमंत्री भी कैलाशानंद गिरि के शिष्ट है.

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महाकुंभ में पहुंची हस्तियां. (ETV Bharat)
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कंगना रनौत भी कैलाशानंद गिरि की शिष्य है. (Credit- Swami Kailashanand Giri Ji)

जानिए कौन है कैलाशानंद गिरि: कैलाशानंद गिरि का जन्म एक जनवरी 1976 को बिहार के जमुई में हुआ था. मध्यम परिवार से ताल्लुक रखने वाले कैलाशानंद गिरि ने बचपन में ही अपना घर बार छोड़ दिया था. वो भगवान की भक्ति में इस कदर रम गए कि फिर कभी परिवार की तरफ देखा ही नहीं. जूना अखाड़ा से जुड़े संत हठ योगी बताते हैं कि वैसे एक संत के लिए कहा जाता है कि कोई भी व्यक्ति जब संत या अखाड़े के साथ जुड़ता है तो वो अपना पिंडदान कर देता है यानी साधु संत बनने के बाद वो परिवार की मोह माया से ऊपर हो जाता है. फिलहाल वो हरिद्वार के कालीमठ में कई सालों से रह रहे हैं.

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Last Updated : Feb 25, 2025, 6:31 PM IST
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