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उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला, नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार के मांगा जवाब, जानिए क्या कहा? - NAINITAL HIGH COURT

उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण मामले पर मंगवलार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई.

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नैनीताल हाईकोर्ट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 25, 2025, 8:55 PM IST

नैनीताल: उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) संविदा कर्मचारी संघ की अवमानना याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में मंगलवार 25 फरवरी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को पूर्व के आदेश पर की गई कार्यवाही के संबंध में जबाव देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.

मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में 'उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ बनाम राधा रतूड़ी मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार' सम्बन्धी अवमानना वाद संख्या क्लोन 402/2024 की सुनवाई हुई.

इस अवमानना याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने साल 2018 में संविदा कर्मियों को नियमित किये जाने के निर्देश दिए थे, जिसके खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर 2024 को सरकार की एसएलपी खारिज कर दी थी. बावजूद इसके सरकार ने नियमितीकरण की कार्रवाई नहीं की.

इस मामले उपनल संविदा कर्मचारी संघ की ओर से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जेएम शर्मा द्वारा पैरवी की गई. जबकि मुख्य सचिव की ओर से शपथ पत्र दायर कर कहा गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सम्बन्ध में रिव्यू पिटीशन दायर की है. उनकी ओर से रिव्यू पिटीशन में फैसला आने तक अवमानना को स्थगित रखने की प्रार्थना की है.

उपनल संविदा कर्मचारी संघ के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि रिव्यू दाखिल कर देने से आदेश की पालना नहीं रुक जाता. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पूर्व के आदेश पर हुई कार्यवाही पर जबाव देने के लिए 4 सप्ताह का समय राज्य सरकार को दिया है. सुनवाई के दौरान उपनल कर्मचारी संघ के हाईकोर्ट के अधिवक्ता एम सी पंत द्वारा कोर्ट को यह अवगत कराया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उपनल कर्मचारियों को हटाया जा रहा है.

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नैनीताल: उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) संविदा कर्मचारी संघ की अवमानना याचिका पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में मंगलवार 25 फरवरी सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार को पूर्व के आदेश पर की गई कार्यवाही के संबंध में जबाव देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है.

मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में 'उत्तराखंड उपनल संविदा कर्मचारी संघ बनाम राधा रतूड़ी मुख्य सचिव उत्तराखंड सरकार' सम्बन्धी अवमानना वाद संख्या क्लोन 402/2024 की सुनवाई हुई.

इस अवमानना याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने साल 2018 में संविदा कर्मियों को नियमित किये जाने के निर्देश दिए थे, जिसके खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर 2024 को सरकार की एसएलपी खारिज कर दी थी. बावजूद इसके सरकार ने नियमितीकरण की कार्रवाई नहीं की.

इस मामले उपनल संविदा कर्मचारी संघ की ओर से मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जेएम शर्मा द्वारा पैरवी की गई. जबकि मुख्य सचिव की ओर से शपथ पत्र दायर कर कहा गया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के सम्बन्ध में रिव्यू पिटीशन दायर की है. उनकी ओर से रिव्यू पिटीशन में फैसला आने तक अवमानना को स्थगित रखने की प्रार्थना की है.

उपनल संविदा कर्मचारी संघ के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि रिव्यू दाखिल कर देने से आदेश की पालना नहीं रुक जाता. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद पूर्व के आदेश पर हुई कार्यवाही पर जबाव देने के लिए 4 सप्ताह का समय राज्य सरकार को दिया है. सुनवाई के दौरान उपनल कर्मचारी संघ के हाईकोर्ट के अधिवक्ता एम सी पंत द्वारा कोर्ट को यह अवगत कराया गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी उपनल कर्मचारियों को हटाया जा रहा है.

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