नई दिल्ली :कांग्रेस ने बुधवार को चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि अजित पवार गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता देने का चुनाव आयोग का फैसला अपेक्षित था. कांग्रेस ने भाजपा पर महाराष्ट्र में चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए अपने सहयोगी दल शिवसेना और राकांपा को तोड़ने का भी आरोप लगाया. एआईसीसी के महाराष्ट्र् प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने कहा कि इसकी उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट को असली एनसीपी घोषित करने का चुनाव आयोग का फैसला पूर्व से तय था. यह निर्णय हमारे इस आरोप को पुष्ट करता है कि लोकतंत्र के मानदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है. इससे पहले शिवसेना के मामाले में भी यही हुआ था. कांग्रेस नेता ने कहा कि अतीत में चुनाव आयोग के फैसले भाजपा की राजनीति के अनुकूल रहे, जिसने महाराष्ट्र में चुनावी लाभ पाने के लिए शिवसेना और राकांपा को तोड़ दिया.
एआईसीसी पदाधिकारी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा की राजनीतिक गणना काम नहीं करेगी क्योंकि शिवसेना और राकांपा ने भाजपा के हाथों अपने विधायक खो दिए हैं लेकिन मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले ही एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना घोषित कर दिया था. लेकिन जनता अभी भी शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे के साथ है. चुनाव आयोग ने अब अजित पवार गुट को असली एनसीपी घोषित कर दिया है लेकिन मतदाता अभी भी पार्टी संस्थापक शरद पवार के साथ हैं. दुआ ने कहा कि चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' आवंटित किया है और शरद पवार गुट को नया चुनाव चिह्न दिया जाएगा. लेकिन भाजपा का लक्ष्य पूरा नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस-शिवसेना-राकांपा महा विकास अघाड़ी एक साथ है और आगामी संसदीय चुनावों में उसे बढ़त मिलेगी. चुनाव पैनल पर और कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग ने ईवीएम से संबंधित विपक्ष की चिंताओं पर उतनी तत्परता नहीं दिखाई. दुआ ने कहा कि विपक्षी दल कई महीनों से ईवीएम की संदिग्ध भूमिका पर ज्ञापन सौंपने के लिए चुनाव आयोग से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समय नहीं दिया गया है. काश वे इस मामले में भी इतने तत्पर होते.