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महाराष्ट्र: NCP पर चुनाव आयोग के फैसले पर कांग्रेस का बयान- पहले से अपक्षित था

Ajit Pawar faction : कांग्रेस का कहना है कि महाराष्ट्र में अजित पवार गुट को एनसीपी के रूप में मान्यता देने का फैसल पूर्व अपेक्षित था. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य में बीजेपी से एमवीए को आगे रहने की उम्मीद थी. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 7, 2024, 4:12 PM IST

नई दिल्ली :कांग्रेस ने बुधवार को चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए कहा कि अजित पवार गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता देने का चुनाव आयोग का फैसला अपेक्षित था. कांग्रेस ने भाजपा पर महाराष्ट्र में चुनावी लाभ प्राप्त करने के लिए अपने सहयोगी दल शिवसेना और राकांपा को तोड़ने का भी आरोप लगाया. एआईसीसी के महाराष्ट्र् प्रभारी सचिव आशीष दुआ ने कहा कि इसकी उम्मीद थी. उन्होंने कहा कि अजित पवार गुट को असली एनसीपी घोषित करने का चुनाव आयोग का फैसला पूर्व से तय था. यह निर्णय हमारे इस आरोप को पुष्ट करता है कि लोकतंत्र के मानदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है. इससे पहले शिवसेना के मामाले में भी यही हुआ था. कांग्रेस नेता ने कहा कि अतीत में चुनाव आयोग के फैसले भाजपा की राजनीति के अनुकूल रहे, जिसने महाराष्ट्र में चुनावी लाभ पाने के लिए शिवसेना और राकांपा को तोड़ दिया.

एआईसीसी पदाधिकारी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में भाजपा की राजनीतिक गणना काम नहीं करेगी क्योंकि शिवसेना और राकांपा ने भाजपा के हाथों अपने विधायक खो दिए हैं लेकिन मतदाताओं का समर्थन नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पहले ही एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना घोषित कर दिया था. लेकिन जनता अभी भी शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे के साथ है. चुनाव आयोग ने अब अजित पवार गुट को असली एनसीपी घोषित कर दिया है लेकिन मतदाता अभी भी पार्टी संस्थापक शरद पवार के साथ हैं. दुआ ने कहा कि चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को एनसीपी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' आवंटित किया है और शरद पवार गुट को नया चुनाव चिह्न दिया जाएगा. लेकिन भाजपा का लक्ष्य पूरा नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस-शिवसेना-राकांपा महा विकास अघाड़ी एक साथ है और आगामी संसदीय चुनावों में उसे बढ़त मिलेगी. चुनाव पैनल पर और कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि चुनाव आयोग ने ईवीएम से संबंधित विपक्ष की चिंताओं पर उतनी तत्परता नहीं दिखाई. दुआ ने कहा कि विपक्षी दल कई महीनों से ईवीएम की संदिग्ध भूमिका पर ज्ञापन सौंपने के लिए चुनाव आयोग से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन अब तक कोई समय नहीं दिया गया है. काश वे इस मामले में भी इतने तत्पर होते.

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, एमवीए, अन्य भारतीय गठबंधन सहयोगियों के साथ अब 25 फरवरी को मुंबई में एक संयुक्त रैली आयोजित करके शक्ति प्रदर्शन करने की योजना बना रही थी. इससे पहले एमवीए के बीच अंतिम सीट बंटवारे की घोषणा होने की उम्मीद है. दुआ ने कहा कि एमवीए के बीच सीटों का बंटवारा सौहार्दपूर्ण माहौल में हो रहा है. हमने राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से लगभग 80 प्रतिशत पर काम पूरा कर लिया है. कुछ और चर्चाएं बाकी हैं क्योंकि हम गठबंधन को व्यापक आधार देने के लिए कुछ छोटी पार्टियों को शामिल करने पर भी विचार कर रहे हैं. दुआ ने कहा कि यह अभ्यास जल्द ही पूरा हो जाएगा. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी और राजू शेट्टी के शेतकारी संगठन के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा चल रही है.

बता दें कि एमवीए का गठन 2019 में हुआ था जब भाजपा की पुरानी सहयोगी शिवसेना ने भगवा पार्टी से नाता तोड़ लिया था और कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाने का फैसला किया था. राकांपा प्रमुख शरद पवार, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के वास्तुकार थे. हालांकि, भाजपा ने 2022 में सेना के बागी एकनाथ शिंदे को नया मुख्यमंत्री बनाकर एमवीए सरकार को गिरा दिया. नए गठबंधन को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. बाद में, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना घोषित किया और सेना यूबीटी को एक नया नाम और प्रतीक आवंटित किया. 2023 में एनसीपी का भी यही हश्र हुआ.

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