लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के सबूत मिलने के बाद सख्त कदम उठाते हुए परीक्षा रद्द कर दी थी. साथ ही छह महीने में दोबार परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे. इस सख्त कदम के बाद सीएम योगी ने पेपर लीक करने वालों को कड़ी चेतावनी दी है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लोग भवन में आयोजित एक समारोह में कहा कि पिछले 7 वर्षों में हमने नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी ईमानदारी से आगे बढ़ाई. इसके बावजूद जो भी युवाओं के साथ खिलवाड़ करेगा उनसे पूरी सख्ती से सरकार निपट लेगी. हम ऐसे लोगों को न घर का छोड़ेंगे, ना घाट का. कार्रवाई ऐसी होगी कि नजीर बन जाए.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि युवाओं के रोजगार के साथ गड़बड़ी करने वाले राष्ट्रीय पाप कर रहे हैं. सरकार तकनीक का इस्तेमाल करती है तो यह लोग भी तकनीक का इस्तेमाल करने लगते हैं. अगर सही दिशा में इन लोगों ने तकनीक का इस्तेमाल किया हो तो यह खुशहाल जीवन जी रहे होते मगर इन्होंने ऐसा नहीं किया और अब यह ना घर के रहेंगे ना घाट के.
सीएम के इस बयान के बाद राजनीतिक हल्कों में और युवाओं में उस दिन की याद ताजा हो गई, जब योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा भवन में माफिया के लिए ऐसे ही कड़े शब्दों का प्रयोग किया था. सीएम योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर विधानसभा में कहा था, 'सभी माफिया को मिट्टी में मिला दूंगा.'
इस बयान के बाद पूरे प्रदेश में माफिया पर सख्त कार्रवाई शुरू हो गई थी. पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में शामिल पांच शूटरों को एनकाउंटर में मार गिराया था. इसमें माफिया अतीक अहमद का बेटा भी शामिल था. इसके बाद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की भी तीन युवकों ने हत्या कर दी थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एवं विद्युत सेवा आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 1,782 पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लोकभवन में वितरित किए.