केदारनाथ सोना गायब विवाद पर सीएम धामी का जवाब. (ETV Bharat) देहरादून: उत्तराखंड केदारनाथ धाम मंदिर से कथित तौर पर सोना-चांदी गायब होने के मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, अब इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि 228 किलो सोना गायब होना बहुत बड़ी बात है. आज तक शायद उसका एक चौथाई सोना भी कही गया नहीं होगा. हालांकि उन्होंने इस मामले पर विपक्षी दलों को भी नसीहत दी है.
साथ ही सीएम धामी ने कहा कि वो इस मामले में ज्यादा इसीलिए भी नहीं बोलना चाहते है कि क्योंकि इस बारे में बदरी-केदार मंदिर समिति समेत संत समाज पहले ही काफी कुछ बोल चुका है. इस तरह के आरोप तथ्यों से परे है. केदारनाथ धाम में जो भी इस तरह का काम करेंगे, वो बाबा केदार की नजर बच नहीं पाएगा.
शंकराचार्य के आरोपों पर सीएम धामी का जवाब: हालांकि जब सीएम धामी से सवाल किया गया कि केदारनाथ धाम मंदिर से सोना गायब होने का आरोप तो खुद ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उठाया है तो उस पर भी सीएम धामी ने यहीं कहा कि इस मामले पर सभी संत बहुत बोल चुके हैं. इसके अलावा शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने जो आरोप लगाए है, उसकी सच्चाई लोगों के सामने रख दी गई है.
सीएम धामी ने कहा कि वो मानते है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में चाहे उत्तराखंड की चारधाम यात्रा और या फिर धामों का विकास सभी बहुत तेजी से हुआ है. चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है. पिछले दस सालों में जितनी तेजी से काम हुआ, उतना आजादी के बाद से अब तक नहीं हुआ.
इसके अलावा सीएम धामी ने विपक्षी दलों को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीति के लिए बहुत सारे विषय है, लेकिन चारधाम लोगों की आस्था से जुड़े हुए मुद्दे है, इसीलिए इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. ऐसे राजनेताओं को राज्य हित पहले देखना चाहिए. क्योंकि चारधाम यात्रा राज्य के हित में है.
सोना गायब होने का विवाद: दरअसल, बीते दिनों ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केदारनाथ मंदिर से कथित तौर पर 228 किलो सोना गायब होने की मुद्दा उठाया था. जिस पर बीकेटीसी (बदरी-केदार मंदिर समिति) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने जवाब भी दिया था. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का आरोप है कि केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब हो गया, लेकिन आज तक सरकार ने उसकी जांच तक नहीं कराई है.
क्या पूरा मामला: बता दें कि साल 2022 में बाबा केदार के भक्त ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया था, लेकिन कुछ समय बाद ही अंदर लगे सोने का रंग फीकी पड़ने लगा था, जिसके चलते तीर्थ-पुरोहितों ने आरोप लगाया था कि केदारनाथ के गर्भगृह में सोना नहीं बल्कि तांबा लगाया गया है.
इस मामले पर प्रदेश के भीतर काफी आंदोलन किया गया, लेकिन धीरे-धीरे ये मामला दब गया. ऐसे में दिल्ली में बनने जा रहे केदारनाथ मंदिर से जुड़ी विवाद के बीच एक बार फिर केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब होने का जिन्न बोतल से बाहर आ गया. हालांकि, केदारनाथ धाम मंदिर के गर्भगृह से सोना चांदी गायब होने के विवादों के बीच तमाम साधु संतो और बीकेटीसी अपना स्पष्टीकरण दे चुका है.
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