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बीजेपी और जेडीयू के बीच 'नजदीकियां' बढ़ीं, लेकिन कई मुद्दों पर फंसा पेंच

बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच नजदीकियां बढ़ती जा रही हैं. हालांकि कई मुद्दों पर पेंच फंसा हुआ है. नीतीश को लेकर कई बिन्दु अटके हुए जिसके चलते गठबंधन की दूरी बनी हुई है. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि ये अड़चने खत्म होते ही दोनों दल एनडीए में फिर एक साथ नजर आएंगे. पढ़ें पूरी खबर-

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 20, 2024, 9:10 PM IST

गठबंधन पर फंसा पेंच, बारगेनिंग मोड में नीतीश?

पटना : मकर संक्रांति के बाद से बिहार की सियासत सातवें आसमान पर है. राजनीतिक दल फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं. बदलाव को लेकर नेताओं के सुर भी बदल गए हैं. भाजपा और जदयू के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान के बाद बिहार में सियासी संग्राम है. भाजपा और जदयू के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है. दोनों दलों के नेताओं ने तलवार मयान में रख दिया है और बयानों में तल्खी भी कम दिख रही है.

जेडीयू-बीजेपी में फंसा पेंच: दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि अगर हमारे पास किसी दल का प्रस्ताव आता है तो हम उस पर विचार करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री के बयान के बाद से बिहार भाजपा के नेताओं के तेवर में भी नरमी आ गई है. जदयू नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि अमित शाह जी ने कभी भी नो एंट्री की बात नहीं कही थी. भाजपा और जदयू के बीच रिश्तों में कड़वाहट तो कम हुई है. लेकिन कई मुद्दों पर अब भी पेंच फंसा है.

बारगेनिंग मोड में नीतीश ?: दरअसल नीतीश कुमार खुद तेजस्वी यादव को 2025 के लिए मुख्यमंत्री बनाने की बात कह चुके हैं. वह एनडीए में इसलिए आना चाहते हैं कि 2025 में भी भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर सहमति दे दें. इसके अलावा नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी करना चाहते हैं. क्योंकि दोनों चुनाव अगर साथ होंगे तो चिराग फैक्टर प्रभावित नहीं हो पाएगा. स्पेशल स्टेटस की उम्मीद भी नीतीश कुमार भाजपा से लगाए बैठे हैं. बिहार को अगर विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता है, तो भाजपा और जदयू एक प्लेटफॉर्म पर आ सकते हैं.

क्या कहते हैं जेडीयू और बीजेपी नेता : नीतीश कुमार के करीबी मंत्री और जदयू नेता विजय चौधरी ने कहा है कि ''नीतीश कुमार सक्षम नेता हैं. वह समय पर उचित फैसला लेंगे. समय-समय पर उन्होंने फैसले लेकर साबित भी किया है.'' भाजपा को लेकर विजय चौधरी के रुख भी नरम दिखे. भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि ''गठबंधन पर फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है. केंद्रीय नेतृत्व अगर फैसला ले लेगी तो हम लोग स्वागत के लिए तैयार हैं.''

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी का कहना है कि ''नीतीश कुमार अगर भाजपा की सदस्यता ले लेंगे तो उनकी वापसी संभव है.वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रवि उपाध्याय का कहना है कि ''कुछ मुद्दों पर दोनों दलों के बीच सहमति बननी बाकी है. स्पेशल स्टेटस को लेकर मंथन चल रहा है. इसके अलावा नीतीश कुमार अगले कार्यकाल के लिए भी मुख्यमंत्री पद पर बने रहना चाहेंगे. दोनों चुनाव साथ कर कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी ताकत बढ़ाने की फिराक में भी हैं.''

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