गेमर पायल धारे अपने पेरेंट्स के साथ Chhindwara Gamer Payal Dhare: मध्य प्रदेश के छोटे से गांव की छोरी ने सोशल मीडिया पर ऐसा धमाल मचाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उसके मुरीद हो गए हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं छिंदवाड़ा के एक छोटे से गांव की 22 साल की गेमर पायल धारे की. पायल की गेमिंग की वजह से दुनिया भर में उनकी जबर्दस्त फैन फॉलोइंग है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पायल और देश के 7 फेमस गेमर्स से मुलाकात की, जिसका वीडियो आज रिलीज हो गया है.
गेमर पायल धारे अपनी बहनों और मां के साथ देश की सबसे चर्चित ऑनलाइन गेमर हैं पायल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के छोटे से गांव उमरानाला की मशहूर ऑनलाइन गेमर पायल धारे सहित सात ऑनलाइन गेमर्स से मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वालों में ऑनलाइन गेमर पायल धारे के अलावा देश के 7 चर्चित ऑनलाइन गेमर शामिल थे. पायल धारे की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केवल इंस्टाग्राम पर ही उनके 31 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
आज रिलीज होगा पीएम के साथ वीडियो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पायल के साथ-साथ नमन माथुर, अनिमेश अग्रवाल, मिथिलेश पाटणकर, अंशु बिष्ट, तीर्थ मेहता और गणेश गंगाधर जैसे गेमर्स से भी मुलाकात की. ये सभी ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में काफी पॉपुलर हैं. इंटरनेट मीडिया पर भी इनके फालोअर्स की अच्छी-खासी संख्या हैं. इन गेमर्स से मिलकर प्रधानमंत्री मोदी ने गेमिंग इंडस्ट्री में आने वाली चुनौतियों, गेमिंग-गैंबलिंग में अंतर और दूसरे विषयों पर चर्चा की है. इस मुलाकात का एक टीजर भी रिलीज किया गया है. पीएम मोदी और इन गेमर्स के बीच हुई चर्चा का पूरा वीडियो शनिवार 13 अप्रैल को रिलीज किया गया.
गेमर पायल धारे अपने पिता के साथ गांव में नहीं था इंटरनेट छिंदवाड़ा से की शुरुआत
पायल धारी के पिता शिव शंकर धारे बताते हैं कि उनकी बेटी भिलाई के कॉलेज में बीकॉम सी++ की फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही थी. इसी दौरान लॉकडाउन लग गया और पायल वापस अपने गांव उमरानाला लौट आई. पायल घर में अपने मोबाइल फोन में गेम खेलती थी और गेम खेलते-खेलते उसने अपना एक सोशल मीडिया अकाउंट 'पायल गेमिंग' के नाम से यूट्यूब पर बनाया और अपने पिता को ऑनलाइन गेम और इसके फायदे के बारे में बताया. पिता ने भी अपनी बेटी के सपनों को उड़ान देने के लिए साथ देने का वादा किया. हालांकि, गांव में इंटरनेट की व्यवस्था नहीं थी इसलिए छिंदवाड़ा शहर में एक किराए का मकान लिया और कुछ दिन वहां से पायल ऑनलाइन गेमिंग करती रही. जैसे-जैसे फॉलोअर और काम बड़ा पायल मुंबई शिफ्ट हो गई.
गेमर पायल धारे अपने पेरेंट्स के साथ मोबाइल गेम के खिलाफ थी मां अब बेटी की उपलब्धि पर गर्व
पायल की मां संगीता धारे ने बताया कि जब उनकी बेटी मोबाइल में गेम खेलती थी तो उन्हें बुरा लगता था और वे इसके खिलाफ थीं. क्योंकि वे चाहती थी कि उनकी बेटी पढ़ लिख कर बड़ी अफसर बने ताकि उनका नाम रोशन हो. लेकिन उनकी बेटी ने उनका भरोसा जीता और उन्हें गेम के बारे में बताया फिर परिवार ने भी पायल का सपोर्ट किया. अब पायल की उपलब्धि पर उन्हें गर्व है.
पिता को गिफ्ट में दी लग्जरी कार, आलीशान घर
पायल जब अपने पैरों पर खड़ी हुई तो उसने सबसे पहले अपने पिता को गिफ्ट में एक लग्जरी कार और रहने के लिए एक आलीशान घर का कमा शुरू करवाया. पायल के पिता शिव शंकर धारे ने बताया कि पहले तो उन्हें भी ऑनलाइन गेमिंग के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन उन्हें अपनी बेटी की इरादों पर भरोसा था. इसलिए बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने उसका साथ दिया.
पढ़ाई में भी रही हैं अव्वल
पायल तीन बहनों में दूसरे नंबर की हैं, पायल के माता-पिता बताते हैं कि पायल 12वीं में भी टॉपर थी. इसके बाद भिलाई में अपने मामा के घर रहकर एक निजी कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी और फिर कोविड के बाद उसके करियर में नया मोड़ आया. पीएम मोदी ने पायल अन्य गेमर्स से मुलाकात करने साथ उनके साथ गेम भी खेला और करीब 2 घंटे का समय भी बिताया. पायल के यूट्यूब पर 37 लाख और इंस्टाग्राम में 31 लाख फॉलोअर्स हैं.