रायपुर: छत्तीसगढ़ की EOW और एसीबी ने झारखंड के एक आईएएस अधिकारी समेत सात लोगों के खिलाफ शराब घोटाले में केस दर्ज किया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने पड़ोसी राज्य में शराब नीति में बदलाव कर कथित तौर पर वहां के खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप में यह एफआईआर दर्ज की है. एसीबी के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि झारखंड की राजधानी रांची के निवासी विकास कुमार की शिकायत पर यह कार्रवाई आगे बढ़ी है. इस केस में 7 सितंबर को रायपुर में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया गया था. इसमें छत्तीसगढ़ के एक रिटायर आईएएस अधिकारी का नाम भी शामिल है.
शराब घोटाले पर किनके ऊपर चल रही कार्रवाई ?: जिन लोगों पर मामला दर्ज किया गया है उनमें पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, व्यवसायी अनवर ढेबर, छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं. आईएएस अधिकारी और छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास और अरविंद सिंह के ऊपर भी केस दर्ज किया गया है. ये सभी छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं. इनमें झारखंड के पूर्व आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे और नोएडा के व्यवसायी विधु गुप्ता शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा मेसर्स सुमित फैसिलिटीज के निदेशक, मैनपावर एजेंसियां, शराब आपूर्तिकर्ता एजेंसियां और अन्य के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.
शराब घोटाले की जांच पहुंची झारखंड: अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, निरंजन दास और अरविंद सिंह कथित शराब घोटाले में आरोपी हैं. जिसकी जांच ईडी, एसीबी और ईओडब्ल्यू कर रही है. शराब घोटाला कांग्रेस की पिछली सरकार के समय उजागर हुआ था. इसमें ताजा एफआईआर के मुताबिक टुटेजा, ढेबर, त्रिपाठी और दास ने एक सिंडिकेट बनाया और झारखंड के अधिकारियों के साथ मिलकर उस राज्य की आबकारी नीति में संशोधन करने की साजिश रची. उन्होंने पड़ोसी राज्य में भारतीय और विदेशी शराब की आपूर्ति के टेंडर सिंडिकेट के सदस्यों को दिए, जिससे धोखाधड़ी हुई. इससे साल 2022 और 2023 के बीच झारखंड सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ.इसके अलावा, सिंडिकेट पर डुप्लीकेट होलोग्राम के साथ बेहिसाब घरेलू शराब बेचने का भी आरोप है. साथ साथ अपने करीबी कंपनियों को अवैध रूप से विदेशी शराब की आपूर्ति आवंटित करने का आरोप है. दस्तावेज के अनुसार, सिंडिकेट ने ऐसी फर्मों से करोड़ों रुपये का अवैध कमीशन प्राप्त किया.