रायपुर: मॉनसून सत्र के पहले दिन सदन में कांग्रेस ने अपने तीखे तेवर से सत्ता पक्ष पर जोरदार हमले किए. सदन में आज बलौदाबाजार आगजनी और तोड़फोड़ को लेकर भी विपक्ष ने गृहमंत्री और सीएम को निशाने पर लिया. बहस के दौरान विपक्ष ने सीएम का इस्तीफा तक मांगा. विपक्ष का आरोप था कि ये पहली बार हुआ है जब कलेक्टर और एसपी दफ्तर को जला दिया गया. विपक्ष के सवालों पर गृहमंत्री ने तगड़ा जवाब कांग्रेस को दिया. विजय शर्मा ने कहा कि न्यायिक जांच जारी है. रिपोर्ट आते ही कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी.
बलौदाबाजार आगजनी केस पर सदन में संग्राम: विधानसभा की कार्रवाई के दौरान विपक्ष ने कहा कि ''कलेक्टर और एसपी दफ्तर जलाने की घटना अंग्रेजों के जमाने में भी नहीं हुई थी''. विपक्ष ने कहा कि ''सरकार का सूचना तंत्र विफल रहा है. आगजनी बड़ा षड़यंत्र था और इसमें कलेक्टर-एसपी की भूमिका रही है.'' प्रश्नकाल के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने काम रोको प्रस्ताव की सूचना देकर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की. जिस पर सत्ता पक्ष ने न्यायिक आयोग की जांच का हवाला देकर चर्चा न करने की मांग रखी.
भूपेश बघेल को टोकने से नाराज हुआ विपक्ष: बहस के दौरान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने व्यवस्था दी कि ''अभी मैं विषय की ग्राह्यता पर सदस्यों के विचार सुन रहा हूं. इसलिए आपत्ति खारिज की जाती है. इस बीच भूपेश बघेल ने अध्यक्ष की अनुमति से ऐसे विषय पर चर्चा की अनुमति दिए जाने का नियम पढ़कर सुनाया. इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने आपत्ति की और बघेल को चर्चा से रोका. इस टोका टाकी पर विपक्ष सदस्यों ने नाराजगी जताई और सदन में जमकर नारेबाजी की.
सदन में दी काम रोको प्रस्ताव की सूचना: हंगामे के बाद काम रोको प्रस्ताव की सूचना पर भूपेश बघेल ने बलौदाबाजार आगजनी का विस्तार से जिक्र किया. बघेल ने आरोप लगाया कि ''बलौदाबाजार की घटना एक बड़ी साजिश है. सरकार के सीने पर लगा बड़ा दाग है. आंदोलन प्रदर्शन का इंतजाम एसपी और कलेक्टर ने कराया था.'' कवासी लखमा ने कहा कि ''कलेक्टर ऑफिस जला दिया गया. एसपी कलेक्टर को जेल भेज देना चाहिए.'' कांग्रेस सदस्य रामकुमार यादव ने कहा कि ''आजाद भारत और उससे पहले 2 सौ साल अंग्रेजों ने शासन किया था लेकिन कलेक्टर और एसपी दफ्तर नहीं जला था.''