नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने UPSC CSE 2020 के रिजल्ट के बारे में भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए एक फेमस कोचिंग सेंटर पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए लिया गया है.
साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के मद्देनजर, मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में CCPA ने कोचिंग सेंटर के खिलाफ आदेश जारी किया है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, सीसीपीए के अनुसार, कोचिंग संस्थान ने टॉप 10 कैंडिडेट के नाम और तस्वीरें प्रमुखता से प्रदर्शित की. लेकिन UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2020 में उक्त सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी का खुलासा नहीं किया गया. इसके अलावा, टॉपर द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम का उल्लेख किया गया था, लेकिन अन्य नौ सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी छिपाई गई थी.
मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त की अध्यक्षता वाली सीसीपीए ने कहा, "इस जानकारी को छिपाने से यह भ्रामक धारणा बनी कि शेष 9 उम्मीदवार 'जीएस फाउंडेशन बैच क्लासरूम स्टूडेंट' कोर्स में नामांकित थे, जो सच नहीं था." बयान में कहा गया है कि शेष 9 उम्मीदवारों में से एक ने फाउंडेशन कोर्स लिया, 6 ने प्री और मेन्स स्टेज से संबंधित टेस्ट सीरीज ली और 2 ने अभ्यास टेस्ट लिया.
इसके अलावा, CCPA ने कोचिंग सेंटर द्वारा जमा किए गए डिजिटल प्रोफाइल और शुल्क रसीदों की जांच की. सीसीपीए ने पाया कि फाउंडेशन कोर्स सबसे महंगा है. इसकी लागत 1,40,000 रुपये है. जबकि अभ्यास एक बार के प्रीलिम्स मॉक टेस्ट की लागत केवल 750 रुपये है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, रैंक 1 ने फाउंडेशन कोर्स 2018 (क्लासरूम/ऑफलाइन) में दाखिला लिया. वहीं, रैंक 8 ने संस्थान के ऑनलाइन फाउंडेशन कोर्स 2015 में दाखिला लिया.