पटना : नीट पेपर लीक केस में सीबीआई को जांच हैडओवर होते ही एक्शन में आ चुकी है. बिहार में पहली गिरफ्तारी करते हुए सीबीआई की टीम ने आरोपी मनीष और आशुतोष से पूछताछ की जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. आरोपी मनीष की पत्नी और परिजनों को सीबीआई ने गिरफ्तारी की सूचना दी.
नीट पेपर लीक केस में सीबीआई ने की पहली गिरफ्तारी: मनीष पेपर लीक के अहम किरदार में से एक था. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ये वही शख्स था जिसने पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल को रातभर के लिए बुक कराया था. उसी जगह पर 20 से 25 अभ्यर्थियों को इकट्ठा करके प्रश्न पत्र के उत्तर रटवाए गए थे. जांच के दौरान प्ले एंड लर्न स्कूल में पेपर के जले हुए टुकड़े मिले जिसकी जांच की गई.
ईओयू कर चुकी है 19 गिरफ्तारी : बता दें कि 5 मई 2024 को नीट परीक्षा के कथित रूप से बिहर में पेपर लीक हुए थे. जिसकी जांच को ईओयू ने आगे बढ़ाया और इसके तार 'प्ले एंड लर्न स्कूल' में पेपर के आंसर लर्न कराने के रूप में सामने आए. ईओयू की टीम ने जांच में जितने भी तथ्य पाए और कुल 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया सभी से पूछताछ के बाद जो भी सबूत इकट्ठा किए वो सब सीबीआई को सौंप दिए.
मनीष पेपर लीक का अहम किरदार : सीबीआई अपने स्तर पर नीट पेपर लीक केस की जांच कर रही है. सीबीआई की टीम ने कार्रवाई करते हुए पहली गिरफ्तारी मनीष के रूप में की है. उम्मीद है कि मनीष पूछताछ में एक कड़ी का काम करेगा. इधर सीबीआई की टीम ने नालंदा में संजीव मुखिया के गांव भूतहाखार पहुंचकर छानबीन की है.
नीट पेपर लीक में कब कब क्या हुआ-
5 मई:देश में 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर करीब 24 लाख छात्रों ने नीट यूजी परीक्षा दी.
4 जून: परीक्षा परिणाम घोषित हुए जिसमें 67 छात्रों ने टॉप किया. इसके बाद पेपर लीक के आरोप लगे, जिससे एनटीए और शिक्षा मंत्री दोनों ने इनकार किया.
13 जूनःनीट यूजी परीक्षा को रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसकी काउंसिल पर रोक लगाने से इनकार किया और एनटीए से जवाब मांगे. एनटीए ने ग्रेस पाने वाले 1563 की दोबारा परीक्षा आयोजित करने की बात कही.
14 जून: शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया.