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छात्राओं से अनैतिक व्यवहार करने वाले शिक्षकों का सर्टिफिकेट रद्द हो! - POCSO TAMIL NADU SCHOOL

राज्य सरकार ने एक सर्कुलर भेजकर स्कूली छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले शिक्षकों के प्रमाणपत्र रद्द करने की सिफारिश की है.

POCSO TAMIL NADU SCHOOL
प्रतीकात्मक तस्वीर. (ETV Bharat Tamil Nadu)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 26, 2024, 4:21 PM IST

चेन्नई: निजी स्कूलों के निदेशक पलानीस्वामी ने कहा कि स्कूली छात्राओं के साथ अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में दोषी पाये जाने वाले शिक्षकों के शैक्षिणिक प्रमाणपत्रों को रद्द कर देना चाहिए.

इस संबंध में निजी स्कूलों के निदेशक पलानीस्वामी की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि प्रिंसिपल, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए POCSO अधिनियम (POCSO) और स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.

प्रमाण पत्र रद्द करने की अनुशंसा: स्कूली छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ-साथ कुछ और कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति, निष्कासन, बर्खास्तगी जैसे कठोर कदम उठाये जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों को रद्द करने की भी सिफारिश की है.

ये दिशानिर्देश स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा और यौन हिंसा से बचाव के संबंध जारी किये गये हैं. इसमें कहा गया है कि सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से छात्र सुरक्षा सलाहकार समिति बनायी जाये. जिला शिक्षा पदाधिकारी को सभी स्कूलों में भेज कर निर्देश दिया गया है. निर्देश में कहा गया है कि सभी छात्रों को हेल्पलाइन नंबर 14417 और 10980 से अवगत कराया जाना चाहिए.

इसमें कहा गया है कि बाल संरक्षण अधिनियम (POCSO) के संबंध में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए. साथ ही स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बच्चों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय बाल कल्याण आयोग द्वारा प्रकाशित YOU TUBE वीडियो-एसो दिखाने की सलाह दी गई है. जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्कूल प्राचार्यों के लिए आयोजित मासिक बैठकों में जागरूकता पैदा करने की भी सलाह दी गई है.

पॉक्सो जागरूकता: एनसीसी, जेआरसी और सरना सरनियार आंदोलन जैसे संगठनों को स्कूलों के कामकाज की उचित निगरानी करनी चाहिए. स्कूल निरीक्षण और ऑडिट के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जिन स्कूलों में ये प्रणालियां काम कर रही हैं, वहां प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की गई है या नहीं. साथ ही स्कूल प्रधानाचार्यों के माध्यम से शिक्षकों को पॉक्सो एक्ट के बारे में जागरूक किया जाए.

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