प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपने एक अहमद आदेश में कहा कि सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्म पर महिलाओं के अश्लील वीडियो को पोस्ट करना और उनको स्टोर करना समाज के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है. अदालत ने इसको लेकर चिंता जताई.
हाईकोर्ट ने आईटी से संबंधित अपराधों और साइबर अपराधों की खराब जांच पर भी चिंता जताते हुए कहा कि जांच में कमियों की वजह से भी यह समस्या बढ़ी हैं. कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों को साइबर अपराधों की उचित जांच करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति अजय भनोट ने मांगे उर्फ रवींद्र को जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह आदेश दिया.
बुलंदशहर के खुर्जा नगर थाने में आरोपी मांगे उर्फ रवींद्र पर रेप और पाक्सो सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था. वह 12 नवंबर 2023 से जेल में है. ट्रायल कोर्ट ने उसकी जमानत अर्जी खरिज कर दी है. इस आदेश के विरुद्ध उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी.
कोर्ट ने कहा कि याची पर पीड़िता का अश्लील वीडियो बनाने और दुष्कर्म करने का आरोप है. कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत नामंजूर कर दी. साथ ही ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि एक माह के भीतर मुकदमे को निस्तारित किया जाए. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बुलंदशहर को निर्देश दिया है कि वह ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए वारंट की तामील के बारे में ट्रायल कोर्ट के समक्ष हलफनामा दाखिल करें.
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