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धुंधला दिखना न करें नजरंदाज; आपकी आंखों की नसों में जम रहा खून, जानें क्या है विशेषज्ञ की राय - blood clotting in eyes veins

आंखों के नसों में खून जमने से धुंधला दिखता है. क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के एचओडी प्रो प्रशांत भूषण ने कहा कि जीवनशैली बदलने के कारण ये बीमारी बढ़ रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 17, 2024, 6:02 PM IST

जानकारी देते क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के एचओडी प्रो प्रशांत भूषण

वाराणसी: रोज की भागदौड़ में हम अपनी सबसे कीमती चीज अपनी आंखों का खयाल रखना भूल जा रहे हैं. इसका नजीता ये हो रहा है कि हमारा विजन तो क्लीयर है, लेकिन आंखों के विजन से हाथ धोना पड़ रहा है. ऐसे में हमें अब सतर्क हो जाने की जरूरत है. आंखों में दर्द, कम दिखाना जैसी समस्याओं को नजरअंदाज न करें. क्योंकि एक बड़ी परेशानी ये निकलकर सामने आई है कि लोगों की आंखों की नसों में खून जम रहा है.

ऐसी समस्या ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण आ रही है. बीएचयू के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में रोजाना 3-4 मरीज इस समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं. ब्लड प्रेशर से इस समस्या के होने पर लोग ध्यान नहीं दे पा रहे हैं. ख़ास बात यह है कि इस संस्थान में रेटीना से जुड़ी इस बीमारी का सम्पूर्ण इलाज़ मौजूद है, जो मरीजों के लिए खासा मददगार साबित हो रहा है.

इन दिनों हाई ब्लड प्रेशर की वजह से तमाम समस्याओं के साथ रेटिना में खून जमने की समस्या आम होती जा रही है, जिसका परिणाम है कि ओपीडी में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. बात काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल की कर लें तो, यहां पर भी क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में तेजी से हाई बीपी के वजह से रेटिना में खून जमने की समस्या से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में डॉक्टरों का भी कहना है कि आज की जीवनशैली में लोगों का ब्लड प्रेशर भी तेजी से बदलता रहता है. हाई ब्लड प्रेशर कई परेशानियों का कारण बन रहा है. इसी में से एक आंखों में खून का जमना है.

दो मामलों में पता चला जम गया है खून: वाराणसी के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान में ऐसे दो मामले आए हैं जो हैरान करने वाले हैं. इन दो मामलों में ही आंखों की समस्या ब्लड प्रेशर थी. पहला मामला गाजीपुर से आई मरीज के साथ दिखा. महिला को कुछ दिनों से देखने में समस्या आ रही थी. उनको धुंधला दिखाई पड़ रहा था. परेशानी अधिक होने के बाद उन्होंने अपना चेकअप इस अस्पताल में कराया, जहां बीपी बढ़ने से आंखों की नसों में खून जमने की समस्या पता चली. दूसरा मामला बिहार से आए एक व्यक्ति में पता चला. उनकी भी आंखों में इसी तरह की दिक्कत थी. ओपीडी में जांच के बाद पता चला कि आंखों की नसों में खून जमा है.

रोजाना आ रहे हैं 2 से 4 मरीज: डॉक्टर प्रशांत भूषण बताते हैं कि, आंखों में बहुत पतली धमनियां होती हैं. इसी रास्ते से आंखों में ब्लड सर्कुलेशन होता है. जब व्यक्ति की बीपी अधिक होती है तो ये नसें ब्लॉक हो जाती हैं. इसके साथ ही इनके फटने का भी खतरा बढ़ जाता है. जिसको भी यह समस्या होती है उसको धुंधला दिखाई देने लगता है. आंखों की नसों में खून जमने की इस बीमारी को रेटिनल वेन ऑक्यूलन यानी आरटीए कहते हैं. ब्लड प्रेशर के साथ ही डायबिटीज से भी इस तरह की समस्याएं सामने आ रही हैं. उन्होंने बताया कि यह बीमारी ज्यादातर 45 साल से अधिक की उम्र वाले लोगों में अधिक दिखाई दे रही है. इस समस्या को लेकर रोजाना 2 से 4 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं.

कम खर्च में हो जाती है आंखों की सर्जरी: वे बताते हैं कि, हमारे यहां इसके इलाज की सम्पूर्ण व्यवस्था मौजूद हैं.इसके लिए सूइयां मिली हुई हैं, लेजर भी मिला हुआ है, जिससे मरीजों का इलाज कराया जाता है. एक दिन अचानक से 8-10 मरीज इस परेशानी को लेकर आ गए. मगर सामान्य दिनों में 3-4 मरीज रोजाना आते हैं. आंख में खून जमने पर सामान्य तौर पर सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती है. अभी आंख की समस्या को लेकर जागरूकता बढ़ी है. ऐसे में मरीज समस्या गंभीर होने से पहले ही अस्पताल आ जाता है, जिससे उसका इलाज हो जाता है. दिक्कत बढ़ने पर ग्लूकोमा आदि की सर्जरी करनी पड़ती है. फेको की 3000-4000 रुपये में आराम से सर्जरी हो जाती है. बेसिक सर्जरी 2500-3000 में आराम से हो जाती है.

उपल्ब्ध है अत्याधुनिक मशीनों की सुविधा:इस बारे में वह बताते हैं कि हमारे यहां इसको लेकर के अत्यधिक मशीनों की सुविधा भी मिली हुई है. जिसमें हम बाकायदा मरीज के रेटिना की तस्वीर निकाल करके उन्हें दिखा और बता पाते हैं कि,उनकी आंखों के नसों में ब्लड जमा हो रहा है. इस मशीन को वाइड फोटोग्राफी मशीन कहते हैं.ये बारीकी से रेटीना की पूरी तस्वीर दिखाती हैं.यही नहीं रेटिना के लेयर में कितनी सूजन है उसको देखने के लिए भी हमें एक मशीन मिली हुई है, जो मरीजों की समस्याओं के बारे में बताने के साथ तस्वीरों के माध्यम से उपलब्ध रहती है,ताकि मरीज भी अपनी बीमारी को समझ सके. यह मशीन मरीजों के इलाज में खासा मददगार साबित हो रही है.

ब्लड प्रेशर बढ़ने से बढ़ जाता है दिमाम पर प्रेशर: डॉक्टर प्रशांत बताते हैं कि, मरीजों में कई बार ब्लड प्रेशर बहुत अधिक बढ़ जाता है. यह प्रेशर इतना बढ़ जाता है कि इससे मरीज के दिमाग के भीतर का प्रेशर (इंटराक्रेनिएल प्रेशर) भीतरी नसों पर दबाव बनाना शुरू कर देता है. यह प्रेशर कई बार दिमाग के अगले हिस्से की परत और आंखों के पर्दे के बीच के हिस्से की खून की नसों का भी प्रेशर बढ़ा देता है. इस समस्या को ‘पेपिलोडिमा’ कहा जाता है. उन्होंने बताया कि, यह प्रेशर इतना अधिक होता है कि आंख के पर्दे पर कोई आकृति ही नहीं बन पाती, जिससे मरीज को दिखाई देने में समस्या आने लगती है. उसे धुंधला दिखता है. कभी-कभी दिखना बंद हो जाता है.

मरीज की आंखों में बढ़ जाती हैं ये समस्याएं-
1- सुबह उठने के बाद आंखों से कम दिखना
2- आंखों में अधिक चुभन की समस्या का शुरू होना.
3- आंखों से धुंधला दिखाई देने की समस्या होना.
4- आंखों में धुंधलेपन के साथ दर्द की समस्या का होना.

ऐसी समस्याएं भी हों को करा लें ब्लड प्रेशर की जांच-
1- सिरदर्द की शिकायत होने पर ब्लड प्रेशर की जांच कर लेनी चाहिए.
2- यदि ब्लड प्रेशर बढ़े होने के कारण सामान्य नहीं हो तो सेकेंडरी कारणों का पता लगाया जाना चाहिए.
3- हाई ब्लड प्रेशर की फैमिली हिस्ट्री वालों आंखों में दिक्कत होने पर जांच करा लेनी चाहिए.
4- 14 साल की उम्र के बाद बच्चों में आंख की समस्या पर ब्लड प्रेशर की जांच करा लेनी चाहिए.

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