नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान पूरा हो चुका, मगर पिछले चुनाव की तरह इस बार विपक्षी पार्टियों में बीजेपी की तरह मंदिर जाने की होड़ नजर नहीं आ रही है. इसकी वजह ये भी है कि शायद पिछली बार विपक्ष का ये फॉर्मूला फेल साबित हो चुका है, इसलिए विपक्षी पार्टियां अब मुस्लिम तुष्टीकरण पर ही ध्यान दे रही हैं.
चौथे चरण की वोटिंग से पहले इंडी गठबंधन में शामिल आरजेडी के मुखिया लालू प्रसाद यादव का मुस्लिम आरक्षण के पक्ष में बयान देना और समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव का ये कहना कि अयोध्या में बने राम मंदिर का नक्शा सही नहीं हैं...कहीं ना कहीं मुस्लिम तुष्टीकरण की ओर इशारा करता है.
चौथे चरण में उत्तर प्रदेश की 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है और इन सीटों पर कुल 130 उम्मीदवार मैदान में हैं. इस चरण में अकबरपुर, बहराइच, धौराहरा, इटावा, खीरी, फर्रूखाबाद, हरदोई, कन्नौज, कानपुर, मिश्रिख, शाहजहांपुर, सीतापुर और उन्नाव सीट पर चुनाव होना है. इन सीटों पर हिंदू वोट ज्यादा है. इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि इंडी गठबंध के नेतओं द्वारा ये बयान वोटों के ध्रुवीकरण के लिए दिया गया है या सपा नेता का ये विवादित बयान 'इंडिया' गठबंधन के लिए खतरे की घंटी भी हो सकता है. ऐसे में बीजेपी भी कहां चुप बैठने वाली. भाजपा ने कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों से सवाल किया है कि आखिर कांग्रेस नेताओं का टेंपल रन इस बार क्यों नहीं दिख रहा.