मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / bharat

शिवराज के गढ़ में कांग्रेस को फिर शिकस्त, भाजपा के रमाकांत भार्गव ने राजकुमार पटेल को दी मात

बुधनी विधानसभा उपचुनाव में रमाकांत भार्गव को 1,07,478 जबकि कांग्रेस के राजकुमार पटेल को 93577 वोट मिले.

BUDHNI ASSEMBLY ELECTION RESULT
BUDHNI ASSEMBLY ELECTION RESULT (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 23, 2024, 6:35 PM IST

Updated : Nov 23, 2024, 9:10 PM IST

भोपाल/बुधनी:मध्य प्रदेश केपूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ रहीबुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहरा दिया है. भाजपा के रमाकांत भार्गव ने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल को 13,901 मतों से शिकस्त दे दी है. रमाकांत भार्गव को कुल 1,07,478 वोट मिले हैं. बुधनी सीट के उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोट डाले गए थे. बुधनी में 77.32% वोट डाले गए. शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा में जाने से बुधनी सीट खाली हो गई थी.

दांव पर लगी थी केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख

मध्य प्रदेश की इस हाई प्रोफाइल सीट पर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख भी दांव पर लगी थी. ये ठीक है कि बीजेपी का गढ़ रही इस सीट पर बीजेपी अपनी जीत बरकरार रख पाई. लेकिन पार्टी के गढ़ में इसे बीजेपी की बड़ी जीत कहा जाएगा क्या? इसी बुधनी सीट पर साल भर पहले शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख से ज्यादा मतों से रिकार्ड जीत दर्ज की थी. रमाकांत भार्गव उन मतों के आधे वोट के अंतर तक भी नहीं पहुंच पाए. जबकि रमाकांत भार्गव के लिए शिवराज सिंह चौहान झारखंड चुनाव में व्यस्त रहते हुए भी पूरी ताकत झोंकी थी.

Budhni by poll winner Ramakant Bhargava (Etv Bharat)

बुधनी में सीट बचाई..जीत का अंतर घट गया

बुधनी में बीजेपी बेशक सीट बचाने में कामयाब रही लेकिन शिवराज सिंह चौहान की च्वाइस रमाकांत भार्गव की जीत का अंतर 13 हजार पर सिमट गया. जबकि बुधनी बीजेपी का वो गढ़ है जो जीत के अंतर का रिकार्ड बनाता रहा है. वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं, "शिवराज अपने चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं जाते थे लेकिन एक लाख के रिकार्ड मतों से जीतते रहे. शिवराज की तुलना रमाकांत भार्गव से नहीं की जा सकती. फिर अब वे मुख्यमंत्री भी नहीं है. कई फैक्टर काम करते हैं. बीते चुनाव में बुधनी की जनता केवल शिवराज को नहीं बल्कि भावी सीएम को चुनने के लिए वोट करती थी. इस बार ऐसा कोई मोटिवेशन नहीं था."

किरार समाज का वोट बंटा

बुधनी में पचास हजार की तादाद में किरार समाज का वोटर है. कांग्रेस के उम्मीदवार राजकुमार पटेल किरार समाज से ही आते हैं. दूसरी बात बीजेपी के नेता राजेन्द्र सिंह खुद भी किरार समाज से हैं. उन्होंने भी चुनाव की शुरुआत में ही अपनी नाराजगी दर्ज करा दी थी. उन्होने बता दिया था कि किरार समाज रमाकांत भार्गव को स्वीकार नहीं करेगा. समाज के ही व्यक्ति नाम ना छापने की शर्त पर कहते हैं, "भले राजेन्द्र सिंह वापिस साथ आ गए, उन्हे मना लिया गया. लेकिन राजनीति में जो ऊपर से दिखता है वैसा होता नहीं है. किरार समाज की नाराजगी का असर वोटों के अंतर में साफ दिखाई दे रहा है. रमाकांत भार्गव की उम्मीदवारी का शुरुआत से ही विरोध हो रहा था."

बुधनी में धीमी काउंटिग ने कई बार बढ़ाई बीजेपी की धड़कनें
बुधनी सीट पर काउंटिग बहुत धीमे चली और नतीजे भी देर शाम तक आए. लेकिन शुरुआती रुझान ही ये बताने लगे थे कि बीजेपी की बड़े अंतर से जीत मुश्किल है. बल्कि कई बार तो सीट फंसती दिखी. शुरुआत के राउंड में ही रमाकांत भार्गव पिछड़ गए थे. जब राजकुमार पटेल ने सात हजार वोट की लीड ली तो लगा कि इस बार बुधनी शिवराज को तगड़ा झटका देने वाली है. हालांकि जैसे-जैसे राउंड आगे बढ़े स्थिति बीजेपी के पक्ष में होती गई. लेकिन साल भर पहले एक लाख 64 हजार मतों से बीजेपी के उम्मीदवार रहे शिवराज सिंह चौहान की जीत का अंतर रमाकांत भार्गव के उम्मीदवार बनने के बाद महज 13 हजार के आस पास सिमट जाना क्या बीजेपी की बड़ी जीत कही जाएगी.

विजयपुर सीट का इतिहास

13 नवंबर को बुधनी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कुल 20 प्रत्याशी मैदान में थे. इस सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच था. भारतीय जनता पार्टी से रमाकांत भार्गव और कांग्रेस से राजकुमार पटेल प्रत्याशी हैं. बता दें शिवराज सिंह चौहान के सांसद बनने के बाद बुधनी सीट खाली हुई है और अब शिवराज केन्द्रीय मंत्री हैं. इसीलिए इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं. अब तक इस सीट पर 17 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. जिसमें 11 चुनाव भाजपा ने और 6 चुनावों में कांग्रेस ने बाजी मारी है.

Last Updated : Nov 23, 2024, 9:10 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details