भोपाल/बुधनी:मध्य प्रदेश केपूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ रहीबुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहरा दिया है. भाजपा के रमाकांत भार्गव ने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार पटेल को 13,901 मतों से शिकस्त दे दी है. रमाकांत भार्गव को कुल 1,07,478 वोट मिले हैं. बुधनी सीट के उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को वोट डाले गए थे. बुधनी में 77.32% वोट डाले गए. शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा में जाने से बुधनी सीट खाली हो गई थी.
दांव पर लगी थी केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख
मध्य प्रदेश की इस हाई प्रोफाइल सीट पर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख भी दांव पर लगी थी. ये ठीक है कि बीजेपी का गढ़ रही इस सीट पर बीजेपी अपनी जीत बरकरार रख पाई. लेकिन पार्टी के गढ़ में इसे बीजेपी की बड़ी जीत कहा जाएगा क्या? इसी बुधनी सीट पर साल भर पहले शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख से ज्यादा मतों से रिकार्ड जीत दर्ज की थी. रमाकांत भार्गव उन मतों के आधे वोट के अंतर तक भी नहीं पहुंच पाए. जबकि रमाकांत भार्गव के लिए शिवराज सिंह चौहान झारखंड चुनाव में व्यस्त रहते हुए भी पूरी ताकत झोंकी थी.
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बुधनी में सीट बचाई..जीत का अंतर घट गया
बुधनी में बीजेपी बेशक सीट बचाने में कामयाब रही लेकिन शिवराज सिंह चौहान की च्वाइस रमाकांत भार्गव की जीत का अंतर 13 हजार पर सिमट गया. जबकि बुधनी बीजेपी का वो गढ़ है जो जीत के अंतर का रिकार्ड बनाता रहा है. वरिष्ठ पत्रकार पवन देवलिया कहते हैं, "शिवराज अपने चुनाव प्रचार के लिए भी नहीं जाते थे लेकिन एक लाख के रिकार्ड मतों से जीतते रहे. शिवराज की तुलना रमाकांत भार्गव से नहीं की जा सकती. फिर अब वे मुख्यमंत्री भी नहीं है. कई फैक्टर काम करते हैं. बीते चुनाव में बुधनी की जनता केवल शिवराज को नहीं बल्कि भावी सीएम को चुनने के लिए वोट करती थी. इस बार ऐसा कोई मोटिवेशन नहीं था."