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रतलाम में फसलें हुईं नशेड़ी, रात दिन कर रहीं नशा!, किसान क्यों झोंक के पिला रहे हैं शराब - RATLAM FARMER SPRAY ALCOHOL CROPS

रतलाम में किसान रबी सीजन की अपनी फसलों में जमकर देसी शराब का छिड़काव कर रहे हैं. किसानों का तर्क सुनकर हिल जाएगा आपका दिमाग.

RATLAM FARMER SPRAY ALCOHOL CROPS
किसान फसलों पर शराब का कर रहे छिड़काव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 23 hours ago

Updated : 10 hours ago

रतलाम(दिव्यराज सिंह राठौर): मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में किसान अपनी फसलों को कीट और अन्य बीमारियों से बचाने के लिए अजीबो गरीब प्रयोग कर रहे हैं. यहां किसान खुद अपनी फसल को नशा करवा रहे हैं. रबी के सीजन में फसलों में आने वाली थ्रीप्स, मोला, मच्छर और अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए देसी शराब का छिड़काव कर रहे हैं. दरअसल, किसान दवाई और शराब का कॉकटेल बनाकर खेतों में स्प्रे कर रहे हैं.

'फसलों की बीमारी हो जाती है खत्म'

बता दें कि किसान शराब के एक क्वार्टर का इस्तेमाल एक बीघा में लगी फसल पर कर रहे हैं. किसानों का मानना है कि इससे बीमारी खत्म हो जाती है. यहां किसान, लहसुन, प्याज, अफीम और मेथी में धड़ल्ले से देसी शराब का कीटनाशक के रूप में प्रयोग कर रहे हैं.

कृषि वैज्ञानिकों ने शराब छिड़काव को बताया हानिकारक (ETV Bharat)

किसान फसलों को पिला रहे शराब

दरअसल, रबी की प्रमुख फसलों लहसुन, चना, मेथी, प्याज और अफीम की फसल में कीट व्याधी अधिक मात्रा में लगते हैं. इन कीटों पर मौसम प्रतिकूल होने की वजह से कीटनाशक और फंगीसाइड की दवाइयां भी बेकार साबित होती हैं. ऐसे में किसान अपनी फसल को बीमारियों से बचाने के लिए उसे पर देसी शराब का स्प्रे कर रहे हैं. अपनी लहसुन की फसल पर शराब का छिड़काव कर रहे किसान रामलाल से हमने पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो उनका कहना था कि "अन्य किसान ऐसा कर रहे हैं और इससे फसल में लगे कीट और बीमारियां खत्म हो जाएगी."

कृषि वैज्ञानिक ने दी यह राय

मंदसौर जिले के अफीम उत्पादक किसान शंभू सिंह का कहना है कि "इसके छिड़काव से फसल में कीट और बीमारियों की समस्या नहीं होती है." हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक फसलों में शराब के छिड़काव को नुकसानदायक बता रहे हैं. कृषि विभाग की उपसंचालक नीलम सिंह ने ईटीवी भारत की टीम को चर्चा में बताया कि "शराब यानी अल्कोहल का कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल करना हानिकारक साबित हो सकता है. इससे किसी भी प्रकार के कीट और बीमारी का निदान नहीं होता है. उल्टा फसल पर प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है. फसल भी खराब हो सकती है"

रतलाम(दिव्यराज सिंह राठौर): मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में किसान अपनी फसलों को कीट और अन्य बीमारियों से बचाने के लिए अजीबो गरीब प्रयोग कर रहे हैं. यहां किसान खुद अपनी फसल को नशा करवा रहे हैं. रबी के सीजन में फसलों में आने वाली थ्रीप्स, मोला, मच्छर और अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए देसी शराब का छिड़काव कर रहे हैं. दरअसल, किसान दवाई और शराब का कॉकटेल बनाकर खेतों में स्प्रे कर रहे हैं.

'फसलों की बीमारी हो जाती है खत्म'

बता दें कि किसान शराब के एक क्वार्टर का इस्तेमाल एक बीघा में लगी फसल पर कर रहे हैं. किसानों का मानना है कि इससे बीमारी खत्म हो जाती है. यहां किसान, लहसुन, प्याज, अफीम और मेथी में धड़ल्ले से देसी शराब का कीटनाशक के रूप में प्रयोग कर रहे हैं.

कृषि वैज्ञानिकों ने शराब छिड़काव को बताया हानिकारक (ETV Bharat)

किसान फसलों को पिला रहे शराब

दरअसल, रबी की प्रमुख फसलों लहसुन, चना, मेथी, प्याज और अफीम की फसल में कीट व्याधी अधिक मात्रा में लगते हैं. इन कीटों पर मौसम प्रतिकूल होने की वजह से कीटनाशक और फंगीसाइड की दवाइयां भी बेकार साबित होती हैं. ऐसे में किसान अपनी फसल को बीमारियों से बचाने के लिए उसे पर देसी शराब का स्प्रे कर रहे हैं. अपनी लहसुन की फसल पर शराब का छिड़काव कर रहे किसान रामलाल से हमने पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो उनका कहना था कि "अन्य किसान ऐसा कर रहे हैं और इससे फसल में लगे कीट और बीमारियां खत्म हो जाएगी."

कृषि वैज्ञानिक ने दी यह राय

मंदसौर जिले के अफीम उत्पादक किसान शंभू सिंह का कहना है कि "इसके छिड़काव से फसल में कीट और बीमारियों की समस्या नहीं होती है." हालांकि, कृषि विभाग के अधिकारी और कृषि वैज्ञानिक फसलों में शराब के छिड़काव को नुकसानदायक बता रहे हैं. कृषि विभाग की उपसंचालक नीलम सिंह ने ईटीवी भारत की टीम को चर्चा में बताया कि "शराब यानी अल्कोहल का कीटनाशक के रूप में इस्तेमाल करना हानिकारक साबित हो सकता है. इससे किसी भी प्रकार के कीट और बीमारी का निदान नहीं होता है. उल्टा फसल पर प्रतिकूल असर भी पड़ सकता है. फसल भी खराब हो सकती है"

Last Updated : 10 hours ago
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